फ्लैट मालिकों को बड़ी राहत: री-डेवलपमेंट में मिले नए मकान पर नहीं देना होगा टैक्स, ITAT का बड़ा फैसला – itat ruling no tax on redevelopment flat exchange case
अगर आपकी बिल्डिंग या हाउसिंग सोसाइटी रीडेवलपमेंट के लिए जा रही है और आपको पुराने फ्लैट के बदले नया फ्लैट मिल रहा है, तो यह खबर आपके लिए बड़ी राहत लेकर आई है। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) के हालिया फैसले के अनुसार, ऐसे मामलों में नया फ्लैट मिलने पर अब टैक्स नहीं देना होगा।क्या है पूरा मामला?अनिल दत्ताराम पितले नाम के एक शख्स ने 1997-98 में मुंबई में एक फ्लैट खरीदा था। बाद में उनकी सोसाइटी ने एक डेवलपर के साथ रीडेवलपमेंट का करार किया। इस समझौते के तहत पितले ने अपना पुराना फ्लैट सौंपा और बदले में उन्हें दिसंबर 2017 में एक नया फ्लैट मिला।संबंधित खबरेंटैक्स विभाग ने इस लेन-देन को ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस’ यानी ‘अन्य स्रोतों से आय’ के रूप में टैक्स योग्य मान लिया। विभाग ने पुराने फ्लैट की लागत और नए फ्लैट की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू के बीच के अंतर (₹19.74 लाख) को टैक्स के दायरे में लाया।ITAT ने क्या कहा?अनिल टैक्स के मामले को मुंबई ITAT की बेंच के पास ले गए। इसमें बी.आर. बसकरण (अकाउंटेंट मेंबर) और संदीप गोसाईं (ज्यूडिशियल मेंबर) शामिल थे। ITAT की बेंच ने स्पष्ट किया कि यह लेन-देन गिफ्ट की श्रेणी में नहीं आता और इस पर धारा 56(2)(x) के तहत टैक्स नहीं लिया जा सकता।बेंच ने फैसले में कहा, ‘पुराने फ्लैट के अधिकारों का खत्म होना और उसके बदले नया फ्लैट मिलना, सिर्फ एक एक्सचेंज है। इसे फ्री में मिली प्रॉपर्टी नहीं माना जा सकता।’ITAT ने यह भी कहा कि अगर टैक्स लगाना ही हो, तो इसे कैपिटल गेन के रूप में देखा जा सकता है, न कि ‘अन्य स्रोतों से आय’ के रूप में। और ऐसे मामलों में, सेक्शन 54 के तहत टैक्स छूट उपलब्ध है, जिससे टैक्स देनदारी शून्य हो जाती है।इस फैसले का क्या असर होगा?टैक्स एक्सपर्ट का मानना है कि यह फैसला उन हजारों फ्लैट मालिकों के लिए राहत बन सकता है, जो रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में शामिल हैं। अब पुराने फ्लैट के बदले नया फ्लैट मिलना टैक्सेबल नहीं होगा। लेकिन अगर भविष्य में उस नए फ्लैट को बेचा जाता है, तब कैपिटल गेन टैक्स जरूर लग सकता है।टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि सेक्शन 56(2)(x) गिफ्ट्स के लिए है, न कि ऐसे एक्सचेंज डील्स के लिए। ITAT का फैसला टैक्स नियमों की सही व्याख्या करता है और भविष्य में फ्लैट मालिकों को टैक्स विवादों से राहत देगा।क्या आपको भी मिलेगा फायदा?अगर आप अपने पुराने फ्लैट के बदले रीडेवलपमेंट में नया फ्लैट ले रहे हैं और इसमें ‘पैसों का कोई लेनजेन नहीं’ हुआ है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसे सिर्फ एक्सचेंज पर आधारित डील माना जाएगा, न कि गिफ्ट या खरीदी-बेची संपत्ति। ऐसे में ITAT का यह फैसला आपको पूरी तरह टैक्स फ्री राहत देता है।रीडेवलपमेंट में नया घर पाना टैक्स फ्री माना जाएगा, जब तक वह सिर्फ पुराने घर के बदले में मिला हो। टैक्स केवल तभी लगेगा जब आप उस नए घर को भविष्य में बेचेंगे। और तब भी छूट पाने के रास्ते खुले हैं।यह भी पढ़ें : ITR Filing 2025: ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं? इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान