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NSE IPO: देरी कराने वाले मुद्दों को हल करने के लिए हो रहा काम, जितनी जल्दी हो सके लिया जाएगा फैसला: SEBI चेयरमैन – nse ipo sebi resolving issues surrounding the delay intention to take decision as soon as possible said tuhin kanta pandey

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कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के IPO प्रपोजल का रिव्यू कर रहा है। SEBI की इंटर्नल कमेटी, रेगुलेटर की ओर से पहले उठाई गई चिंताओं पर NSE के जवाबों की जांच करेगी। यह बात SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कही है। वह NSE IPO में देरी कराने वाले मुद्दों को हल करने के लिए काम कर रहे हैं। पांडेय का यह भी कहना है, “हम कमर्शियल हितों को सामान्य सार्वजनिक हितों पर हावी नहीं होने देंगे और यह सुनिश्चित करना रेगुलेटर का काम है।”NSE ने पहली बार 2016 में लिस्टिंग के लिए आवेदन किया था। लेकिन रेगुलेटरी कंसर्न्स के चलते इसे लंबे वक्त तक सेबी के फैसले का इंतजार करना पड़ा। 2019 में, SEBI ने को-लोकेशन घोटाला मामले के चलते IPO दस्तावेज लौटा दिए, और पहले इस मुद्दे को हल करने की मांग की। हालांकि, NSE ने तब से 2019 में, 2020 में दो बार और 2024 में सेबी से कई बार मंजूरी मांगी।NSE ने अक्टूबर 2024 में 643 करोड़ रुपये का जुर्माना देकर को-लोकेशन घोटाले के एक चैप्टर का निपटारा कर दिया, लेकिन उसी विवाद से जुड़े मामले अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लटके हुए हैं। जब तक उनका समाधान नहीं हो जाता, तब तक सेबी IPO को मंजूरी देने को तैयार नहीं है।संबंधित खबरेंमार्च में NOC के लिए किया आवेदनइस साल 28 मार्च को, NSE ने अपने IPO के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मांग करते हुए SEBI के पास एक आवेदन किया था। NOC एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। NSE की ओर से IPO के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किए जाने से पहले इसका मिलना जरूरी है। SEBI ने पहले NSE को अपने प्रमुख मैनेजेरियल कार्मिकों (केएमपी) के वेतन में बढ़ोतरी करने के लिए कहा था। साथ ही पूर्ण मालिकाना हक वाले क्लियरिंग कॉरपोरेशन- NSE Clearing में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर मेजॉरिटी ओनरशिप से कम करने का भी निर्देश दिया था।HDFC Life Q4 Results: मार्च तिमाही में मुनाफा 15% बढ़कर ₹475 करोड़, ₹2.10 का फाइनल डिविडेंड घोषितइसके अलावा SEBI ने NSE को एक्सचेंज पर आने वाली तकनीकी गड़बड़ियों को दूर करने और आगे बढ़ने से पहले को-लोकेशन मामले से जुड़े सभी कानूनी मामलों के समाधान का इंतजार करने का भी निर्देश दिया था। पांडेय का कहना है कि NSE के IPO पर जितनी जल्दी हो सके फैसला लेने का इरादा है।

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