अमेरिकी कोर्ट ने ऐड टेक्नोलॉजी में Google के एकाधिकार को गलत बताया, जानिए क्या है पूरा मामला – us court says google monopoly in ad technology is illegal know what is this issue
अमेरिका में एक कोर्ट ने ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग में गूगल के एकाधिकार को गलत बताया है। यह एक साल में दूसरी बार है जब एंटीट्रस्ट केस में गूगल की हार हुई है। इस बीच, गूगल ने कहा है कि वह अमेरिकी कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करेगी। इससे पहले एक अमेरिकी कोर्ट ने ऑनलाइन सर्च में गूगल के एकाधिकार की बात कही थी। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लियोनी ब्रिकेमा ने अपने फैसले में कहा कि गूगल जानबूझकर एंटीकंपटिटिव एक्ट में शामिल रही है। इससे इसे मार्केट में अपना एकाधिकार बनाए रखने में मदद मिली है।गूगल के खिलाफ 2023 में हुआ था केसयूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और अमेरिका के 17 प्रांतों ने 2023 में Google पर केस किया था। उनका आरोप था कि गूगल ने टेक्नोलॉजी के मामले में अपना दबदबा बनाया है, जो गलत है। गूगल की टेक्नोलॉजी यह तय करती है कि कौन सा ऐडवर्टाइजमेंट दिखाया जाएगा और किस जगह दिखाया जाएगा। उधर, गूगल ने कहा है, “पब्लिशर्स के पास कई विकल्प हैं और गूगल को इसलिए चुनते हैं क्योंकि हमारी ऐड टेक्नोलॉजी आसान, सस्ता और कारगर है।”संबंधित खबरेंगूगल के एकाधिकार से बड़े पब्लिशर्स को नुकसानगूगल बार-बार अपने प्रोडक्ट्स को वरीयता देने के लिए अपने मार्केट पावर का इस्तेमाल बार-बार करती रही है। इससे एक तरह इनोवेशन को चोट पहुंची तो दूसरी तरफ दुनियाभर के बड़े पब्लिशर्स को ऐड के जरिए अपना रेवेन्यू बढ़ाने में मुश्किल का सामना करना पड़ा है, जो हाई क्वालिटी जर्नलिज्म और एंटरटेनमेंट के लिए जरूरी है। अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि कोर्ट ऐड दिखाने के गूगल के तरीके में बदलाव चाहता है। अगर ऐसा होता है तो इसका गूगल के प्रॉफिट पर असर पड़ेगा।कोर्ट के फैसले से गूगल की मनमानी पर लगेगी रोकपिछले साल सितंबर में यूनाइटेड किंग्डम के कॉम्पटिशन रेगुलेटर ने पाया था कि गूगल ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग मार्केट में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए एंटी कॉम्पटिटिव प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल करती है। यूएस एटॉर्नी जनरल पामेला बोंडी ने अमेरिकी कोर्ट के फैसले को मील का पत्थर बताया है। उनका मानना है कि इससे गूगल को डिजिटल पब्लिक स्केवेयर में अपना एकाधिकार बढ़ाने से रोकने में मदद मिलेगी।यह भी पढ़ें: भारतीय फार्मा कंपनियों पर अमेरिका नहीं लगाएगा ज्यादा Tariff, यूएस बेस वाली भारतीय कंपनियों के लिए अच्छे मौकेफैसले का असर गूगल के शेयरों पर पड़ाअमेरिकी कोर्ट के फैसले का असर गूगल के शेयरों पर देखने को मिला। एक समय यह 3.2 फीसदी तक गिर गया था। हालांकि, बाद में यह थोड़ा संभलने में सफल रहा। आखिर में 1.4 फीसदी गिरकर बंद हुआ। अमेरिकी कानून मंत्रालय गूगल पर अपने क्रोम ब्राउजर को बेचने को दबाव बना रहा है।