कनाडा: खालिस्तानियों ने गुरुद्वारे में मचाया तांडव, दीवारों पर लिखे खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नारे – gurdwara vandalised in canada pro-khalistan and anti india graffiti in vancouver
Gurdwara Vandalised in Canada: कनाडा के वैंकूवर में एक और खालिस्तानी उग्रवाद की घटना सामने आई है। बार उपद्रवियों ने कनाडा के वैंकूवर स्थित गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की और दीवरों पर खालिस्तान जिंदाबाद और पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखा। इसके साथ ही उन्होंने गुरुद्वारा में तोड़फोड़ भी मचाई है. यह घटना खालसा दीवान सोसाइटी (KDS) के रोज स्ट्रीट गुरुद्वारे में हुई।खालिस्तानी समर्थकों ने फिर मचाया उत्पातखालसा दीवान सोसाइटी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “सिख विरासत माह और खालसा संजा दिवस के दौरान – जो उत्सव और एकता का समय होता है – ऐसे समय में चरमपंथी तत्वों का इस तरह से सिर उठाना बेहद दुखद है।” सोसाइटी ने गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की तस्वीर भी साझा की है। खालसा दीवान सोसाइटी ने एक बयान जारी कर वैंकूवर के रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे में हुई तोड़फोड़ पर गहरी चिंता और दुख जताया है। बयान में कहा गया, “जब हम खालसा साजना दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए थे – जो सिखों की ताकत, एकता और साहस का प्रतीक है – उस समय हमारे गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की घटना ने हमें स्तब्ध कर दिया। यह हमारे समुदाय के इतिहास में एक बेहद दुखद क्षण है।” During Sikh Heritage Month & Khalsa Sanja Diwas – a time for celebration & unity – it is sad to see that elements of extremism continue to rear their ugly heads. Read our press release on the heels of a disturbing act, by cowardly people. Let’s stand united against fanaticismpic.twitter.com/J6XwEHsuyA — Khalsa Diwan Society (@kdsross) April 19, 2025संबंधित खबरेंबता दें कि ये घटना शनिवार, 19 अप्रैल 2025 को हुई, जब गुरुद्वारे की पवित्र दीवारों पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लिखे गए। सोसाइटी ने बताया कि यह काम खालिस्तान समर्थक एक छोटे समूह ने किया, जो सिख समुदाय में फूट डालने की कोशिश कर रहा है। बयान में आगे कहा गया, “यह काम उन चरमपंथी ताकतों का हिस्सा है जो कनाडाई सिखों के बीच डर और विभाजन पैदा करना चाहते हैं। इनके ऐसे काम सिख धर्म और कनाडा – दोनों की बुनियादी मान्यताओं जैसे सम्मान, समावेश और आपसी सहयोग – को कमजोर करते हैं।”सोसाइटी ने इस घटना को न केवल गुरुद्वारे पर, बल्कि सिखों की उस विरासत पर हमला बताया जो मेहनत, एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर आधारित है। खालसा दीवान सोसाइटी ने वैंकूवर में हुए गुरुद्वारे पर हमले को लेकर कहा है कि इस तरह की “चरमपंथी ताकतें” उन सिख बुजुर्गों के सपनों और बलिदानों को कमजोर कर रही हैं, जिन्होंने समुदाय की नींव रखी थी। समाज ने जोर देते हुए कहा, “इन विभाजनकारी ताकतों को हम न तो सफल होने देंगे और न ही होने देंगे।”गुरुद्वारे के प्रवक्ता जग संघेरा ने बताया कि तोड़फोड़ की घटना “काफी बड़ी और गंभीर” थी। यह घटना उसी दिन हुई जिस दिन सरे शहर में दुनिया की सबसे बड़ी वैसाखी परेड आयोजित की गई थी। इस बीच, वैंकूवर पुलिस विभाग ने भी पुष्टि की है कि वह इस मामले की जांच कर रहा है। पुलिस घटना की सभी पहलुओं से जांच कर रही है ताकि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।