पर्सनल लोन फाइनेंशियल एमरजेंसी में जल्दी राहत पहुंचाने का एक आसान तरीका बन चुके हैं. लेकिन सही लोन चुनना इतना भी आसान नहीं है, खासकर जब बात लोन की अवधि यानी टेन्योर की हो. EMI का बोझ कम रखना हो या लोन जल्दी निपटाना हो, इस दौरान सही टेन्योर चुनना काफी जरूरी हो जाता है. ये भी ध्यान देने वाली बात है कि आप जितने लंबे समय तक लोन चलाएंगे, कुल ब्याज उतना ही ज्यादा देना होगा. यानी टेन्योर सिर्फ EMI ही नहीं, बल्कि आपकी पूरी फाइनेंशियल प्लानिंग को भी प्रभावित करता है.पर्सनल लोन क्या है?पर्सनल लोन एक अनसिक्योर लोन होता है, जो बैंक या NBFCs से लिया जाता है. इसमें कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है. लोन अप्रूवल आपकी इनकम और क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है. ज्यादातर मामलों में पर्सनल लोन फिक्स्ड रेट पर मिलते हैं, यानी लोन के दौरान इंटरेस्ट रेट नहीं बदलता.मनीकंट्रोल अपने लेंडिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर 50 लाख रुपए तक का इंस्टेंट पर्सनल लोन देता है. आप अपनी जॉब प्रोफाइल के हिसाब से पर्सनल या बिजनेस लोन चुन सकते हैं. पूरी प्रोसेस डिजिटल होती है और ब्याज दर 10.5% से शुरू होती है. इसमें कोई हिडन चार्ज नहीं होता.पर्सनल लोन के फायदेकम डॉक्युमेंटेशन की जरूरत : पर्सनल लोन के लिए आइडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और इनकम प्रूफ जैसे बेसिक डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, जिससे कागजी कार्रवाई की परेशानी कम हो जाती है.फिक्स्ड टेन्योर : पर्सनल लोन लेने के बाद तय समय तक हर महीने एक फिक्स्ड EMI का भुगतान करना पड़ता है.क्रेडिट कार्ड से कम ब्याज : अक्सर क्रेडिट कार्ड के मुकाबले कम ब्याज पर मिलने वाला पर्सनल लोन किसी भी सपने को पूरा करने का एक लागत प्रभावी तरीका हो सकता है.कई लोन को एक जगह समेटने का ऑप्शन : पर्सनल लोन की मदद से कई लोन्स को एक में तब्दील किया जा सकता है, जिससे फाइनेंशियल स्थिति आसान हो जाती है.जल्दी अप्रूवल और फंड ट्रांसफर : पर्सनल लोन का अप्रूवल प्रोसेस आमतौर पर दूसरे लोन्स की तुलना में तेज होता है. ₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएंपर्सनल लोन का टेन्योर ज्यादा से ज्यादा कितना हो सकता है? ज्यादातर लेंडर्स पर्सनल लोन के लिए 60 महीने यानी 5 साल तक का टेन्योर ऑफर करते हैं. लेकिन कुछ मामलों में इसे 7 साल या उससे ज्यादा तक भी बढ़ाया जा सकता है. अगर आप मंथली EMI का दवाब कम रखना चाहते हैं, तो लंबे टेन्योर का लोन आपके लिए बेहतर हो सकता है. हालांकि, इससे आपको कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ सकता है.पर्सनल लोन का टेन्योर कम से कम कितना हो सकता है? कई लेंडर्स 12 महीने यानी 1 साल के लिए लोन देते हैं. लेकिन कुछ लेंडर्स 3 महीने से भी छोटे टेन्योर का ऑप्शन रखते हैं. शॉर्ट टेन्योर उनके लिए अच्छा होता है, जिनकी इनकम ज्यादा है और जो जल्दी लोन निपटा सकते हैं. कुछ लेंडर्स लोन के शुरुआती 3 से 6 महीने में प्री-पेमेंट की परमिशन नहीं देते, इसे लॉक-इन पीरियड कहा जाता है.लोन का टेन्योर चुनते समय किन बातों का रखें ध्यानमंथली बजट: हर महीने की इनकम और खर्च को देखकर तय करें कि आप कितनी EMI दे सकते हैं. अगर आप कम EMI चाहते हैं, तो लंबे टेन्योर का ऑप्शन चुनें. लेकिन इससे ब्याज ज्यादा लगेगा.फाइनेंशियल गोल्स: अगर आप जल्दी कर्ज से फ्री होना चाहते हैं, तो छोटा टेन्योर सही है. लेकिन अगर और भी खर्चों का दबाव है, तो लंबा टेन्योर आपकी जेब के लिए सही रहेगा. ये भी देखें कि क्या लोन में बिना पेनाल्टी के प्री-पेमेंट की सुविधा मिलती है या नहीं.लोन का मकसद: अगर लोन किसी शॉर्ट टर्म जरूरत के लिए है, तो जल्दी निपटाने वाला टेन्योर बेहतर रहेगा. लेकिन अगर आप होम रेनोवेशन जैसे बड़े खर्चों के लिए लोन ले रहे हैं तो लंबा टेन्योर EMI को मैनेज करने में मदद करेगा.ब्याज और टेन्योर का बैलेंस कैसे बनाएं?लोन चुनते समय सिर्फ EMI नहीं, बल्कि पूरा ब्याज भी देखना जरूरी है. लंबे टेन्योर में EMI तो कम होती है, लेकिन ब्याज ज्यादा देना पड़ता है. वहीं छोटा टेन्योर EMI को बढ़ा देता है, लेकिन ब्याज में काफी बचत हो जाती है. ये फैसला आपकी प्राथमिकताओं पर डिपेंड करता है कि हर महीने कम देना है या कुल ब्याज कम रखना है?अगर आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं तो क्या फायदा होगा?अगर आपकी इनकम बढ़ती है और आप लोन जल्दी चुकाना चाहते हैं तो इससे ब्याज में बचत हो सकती है. लेकिन कुछ लेंडर्स प्री-पेमेंट पर चार्ज लेते हैं. इसलिए लोन लेने से पहले ये शर्तें जरूर पढ़ लें. ऐसे लोन ज्यादा फायदेमंद होते हैं, जिनमें जल्दी चुकाने पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं होता.लंबे टेन्योर वाले लोन के फायदेअगर आपकी प्रायॉरिटी है कि EMI कम हो ताकि बाकी खर्च भी संभाले जा सकें, तो लंबा टेन्योर एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. लेकिन इसमें ब्याज का लोड ज्यादा रहता है. इसलिए लोन का टेन्योर तय करते वक्त आपकी इनकम, खर्च और मकसद — तीनों का बैलेंस समझना जरूरी है.निष्कर्ष पर्सनल लोन का टेन्योर आपकी फाइनेंशियल हेल्थ पर सीधा असर डालता है. इसलिए ये फैसला सोच-समझकर लेना चाहिए. EMI और ब्याज के बीच सही बैलेंस बनाना ही सही फाइनेंशियल प्लानिंग की शुरुआत होती है.मनीकंट्रोल ऐप और वेबसाइट के जरिए आप अपनी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग टेन्योर्स वाले लोन ऑफर देख सकते हैं. पूरी प्रोसेस डिजिटल है और यहां आपको 50 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है, वो भी 10.5% से शुरू होने वाली ब्याज दर पर.सारांशपर्सनल लोन का सही टेन्योर चुनना जरूरी है ताकि EMI और ब्याज में सही बैलेंस बना रहे. जानिए पर्सनल लोन की मिनिमम और मैक्सिमम टेन्योर से जुड़ी जरूरी बातें और ये कैसे आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग को प्रभावित कर सकती है.Top बैंकों/ NBFCs से₹50 लाखतक का इंस्टेंट लोन पाएंDisclaimerयह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।लेखक के बारे मेंfintechक्रेडिट कार्ड, क्रेडिट स्कोर, पर्सनल लोन, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि जैसे व्यक्तिगत वित्त उत्पादों के बारे में और जानेंयदि आपको लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें
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