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SEBI चीफ ने SME IPO से ‘सजग’ रहने की दी सलाह, कहा- सिर्फ उम्मीद पर न लगाएं पैसा – investors should be cautious with sme ipos says sebi chairman tuhin kanta pandey

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SEBI चेयरमैन तुहिन कांता पांडे (Tuhin Kanta Pandey) ने मनीकंट्रोल को 30 अप्रैल को दिए गए विशेष इंटरव्यू में SME IPO को लेकर निवेशकों को सचेत रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, ‘शॉर्ट टर्म रिटर्न देखने में काफी लुभावने लग सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे टिकाऊ हों। निवेशकों को चाहिए कि वे पूरी जानकारी पढ़कर ही फैसला लें।’पिछले कुछ साल में स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) IPO के सिलसिले ने काफी जोर पकड़ा है। 2023 में 181 SME ने अपने IPO लॉन्च किए और कुल ₹4,664 करोड़ जुटाए। वहीं 2024 में यह आंकड़ा और भी बढ़ गया, जब 240 SME कंपनियों ने आईपीओ लाकर ₹8,761 करोड़ का निवेश आकर्षित किया, जो कि एक नया रिकॉर्ड है।निवेशकों को सतर्कता की सलाहसंबंधित खबरेंSEBI चीफ का कहना है कि निवेशकों को पैसे लगाते समय पूरी जानकारी (disclosures) पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जितनी जानकारी आजकल उपलब्ध है, उसका सही तरीके से विश्लेषण करना बेहद जरूरी है। निवेशक केवल उम्मीदों के आधार पर निवेश न करें, बल्कि यह देखें कि वे अपना पैसा कहां और किस तरह से लगा रहे हैं, साथ ही अपने निवेश को विविध (diversify) करने पर ध्यान दें।’उन्होंने यह भी कहा कि कुछ निवेशों से जो रिटर्न्स दिख रहे हैं, वे अस्थायी रूप से आकर्षक लग सकते हैं, लेकिन ये रिटर्न्स असल में सच नहीं हो सकते। इसलिए, हर निवेश पर सतर्क रहना और समझदारी से निर्णय लेना जरूरी है।नियमों में बदलाव के लिए भी तैयार SEBIओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अफसर तुहिन कांता पांडे ने मार्च 2024 में SEBI प्रमुख का कार्यभार संभाला था। उन्होंने बताया कि SME IPO से जुड़े घटनाक्रमों की निगरानी की जा रही है और जरूरत पड़ने पर नियमों में बदलाव किया जा सकता है।उन्होंने कहा, ‘चीजों को बेहतर करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए गए हैं। हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और देखेंगे कि इन उपायों का क्या असर होता है। अगर हमें लगेगा कि नियामकीय ढांचे की समीक्षा की जरूरत है, तो हम इंडस्ट्री के साथ विचार-विमर्श करके जरूरी बदलाव के लिए तैयार हैं।’कुछ IPO में संदिग्ध ट्रेडिंग पैटर्नSME IPO सेगमेंट की कुछ कंपनियां असामान्य रूप से ऊंचे सब्सक्रिप्शन स्तर और उसके बाद मिले भारी लिस्टिंग गेन के चलते नियामकीय जांच के दायरे में आई हैं। इस ट्रेंड को देखते हुए सेबी ने SME IPO के लिए नियमों को और सख्त किया है। इस सेगमेंट में अब स्टॉक एक्सचेंजों की भूमिका भी बढ़ा दी गई है। उदाहरण के लिए, जहां मेनबोर्ड IPO के ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट्स का मूल्यांकन सीधे सेबी करती है, वहीं SME IPO दस्तावेजों की समीक्षा स्टॉक एक्सचेंज द्वारा की जाती है।फिनफ्लुएंसर्स पर भी नजरSEBI प्रमुख ने यह भी कहा कि कई निवेशक गलत सलाह के शिकार हुए हैं, खासकर सोशल मीडिया पर एक्टिव फिनफ्लुएंसर के चलते। उन्होंने साफ किया, ‘हमने देखा है कि कुछ लोग पंप एंड डंप स्कीम में शामिल हैं। SEBI ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करेगा। अगर कोई अयोग्य व्यक्ति स्टॉक का सुझाव दे रहा है, तो वह निवेशकों के लिए बड़ा जोखिम है और हम इसके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।’2024 में अब तक ₹2,370 करोड़ का निवेशपिछले दो कैलेंडर वर्षों में SME सेगमेंट में रिकॉर्ड फंड जुटाए गए हैं। 2023 में कुल 181 SME ने अपने IPO लॉन्च किए, जिनके माध्यम से ₹4,664 करोड़ का फंड जुटाया गया। यह उस वक्त तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था। यह रिकॉर्ड 2024 में टूट गया, जब 240 SME IPO ने ₹8,761 करोड़ की रकम जुटाई।मौजूदा कैलेंडर वर्ष यानी 2025 में मार्च तक 55 SME IPO के माध्यम से ₹2,370 करोड़ से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है। यह भी दिलचस्प बात है कि मार्च में 15 SME IPO लॉन्च किए गए, जबकि इस दौरान कोई भी मेनबोर्ड IPO नहीं आया।यह भी पढ़ें : Gold Buying: रुपया या डॉलर, किस करेंसी से गोल्ड खरीदने पर होगा ज्यादा फायदा?

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