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नए ITR फॉर्म में बड़े बदलाव, वेतनभोगी-छोटे निवेशक अब आसानी से फाइल कर पाएंगे रिटर्न – itr filing made easier ltcg relief in sahaj sugam forms

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ITR Filing 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म 1 (सहज) और 4 (सुगम) नोटिफाइड कर दिए हैं। यह कदम खासकर वेतनभोगी और छोटे निवेशकों के लिए रिटर्न फाइलिंग को सरल बनाने के मकसद से उठाया गया है, जिनकी लिस्टेड सिक्योरिटीज और म्यूचुअल फंड से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) ₹1.25 लाख सालाना तक है।अब ITR-2 की अनिवार्यता नहींअब तक भले ही किसी शख्स की LTCG इनकम छूट के दायरे में हो, फिर भी उसे ITR-2 या ITR-3 जैसे विस्तृत फॉर्म भरने पड़ते थे। नई अधिसूचना के अनुसार, ऐसे टैक्सपेयर्स अब सरल फॉर्म्स ITR-1 या ITR-4 के जरिए अपना रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।संबंधित खबरेंEY इंडिया के टैक्स पार्टनर समीर काणाबर (Samir Kanabar) ने समाचार एजेंसी पीटीआई से इसे ‘टैक्सपेयर्स की सहूलित को ध्यान में रखकर उठाया गया सकारात्मक कदम’ बताया। उनके अनुसार, यह बदलाव रिटर्न फाइलिंग से जुड़ा तनाव कम करेगा और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देगा।फॉर्म में किए गए तकनीकी बदलावCBDT ने फॉर्म में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जिनसे वेतनभोगियों और छोटे निवेशकों को सहूलियत होगी। धारा 80C, 80GG और अन्य कटौतियों के लिए ड्रॉपडाउन विकल्प जोड़े गए हैं। इससे चयन में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ेगी। TDS (Tax Deducted at Source) की जानकारी अब सेक्शन-वाइज देनी होगी। इससे टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया और अधिक स्पष्ट बनेगी। पीटीआई के मुताबिक, रिटर्न यूटिलिटी जल्द ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोर्टल पर उपलब्ध होगी। उन टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 रखी गई है, जिन्हें ऑडिट की जरूरत नहीं है।अधिसूचना में देरी क्यों हुई?आमतौर पर ITR फॉर्म वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले अधिसूचित किए जाते हैं। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार देरी का कारण फरवरी 2025 में संसद में प्रस्तुत नए इनकम टैक्स बिल को माना जा रहा है, जिस पर राजस्व विभाग का ज्यादा ध्यान केंद्रित था।टैक्स एक्सपर्ट्स की प्रतिक्रियाडेलॉइट इंडिया की पार्टनर दिव्या बवेजा का कहना है, “ITR-1 और ITR-4 इस साल भी पिछले साल जैसे ही हैं। लेकिन सेक्शन 112A के तहत ₹1.25 लाख तक की LTCG को शामिल करना अहम सुधार है, जिससे लाखों टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।”वहीं, नांगिया एंडरसन LLP के टैक्स पार्टनर संदीप झुनझुनवाला का कहना है कि अब वेतनभोगियों को मामूली पूंजीगत लाभ के लिए जटिल ITR-2 भरने की जरूरत नहीं रही। यह एक व्यावहारिक और स्वागतयोग्य बदलाव है।कौन भर सकता है सहज और सुगम?ITR-1 (सहज): कुल ₹50 लाख तक सालाना आय वाले भारतीय नागरिक। जिनकी आय वेतन, एक मकान से किराया, और अन्य स्रोत (जैसे ब्याज) से है। कृषि आय ₹5,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।ITR-4 (सुगम) :  इंडिविजुअल, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार), या फर्म (LLP को छोड़कर) जिनकी आय ₹50 लाख तक है, और जो प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम के तहत व्यापार या प्रोफेशन से आय अर्जित करते हैं।यह भी पढ़ें : ITR Filing 2025: इस साल नए फॉर्मेट में मिलेगा Form 16, क्या है इसकी वजह?

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