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Gold Price: पीक से 7000 रुपये नीचे आया सोना, क्या करना चाहिए निवेश? – gold prices have declined by over rs 7000 from its all time high of rs 1 lakh should you buy

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सोना अपने ऑल टाइम हाई भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से 7000 रुपये नीचे आ चुका है। शुक्रवार, 2 मई को MCX पर सोने की कीमत लगभग 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई। 22 अप्रैल 2025 को यह 1,00,484 रुपये पर पहुंच गई थी। स्पॉट गोल्ड यानि सोने के हाजिर भाव की बात करें तो दिल्ली के सराफा बाजार में सोने की कीमत 2 मई को 1,080 रुपये बढ़कर 96,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। गुरुवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 2,830 रुपये टूटकर 95,720 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई थी।99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना शुक्रवार को 180 रुपये बढ़कर 96,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 1,930 रुपये घटकर 96,170 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा था। माना जा रहा है कि स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से ताजा मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत रुख के कारण सोने में तेजी आई। वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना 23.10 डॉलर या 0.71 प्रतिशत बढ़कर 3,262.30 डॉलर प्रति औंस हो गया।न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसच एनालिस्ट- कमोडिटी और करेंसी) जतिन त्रिवेदी का कहना है कि अमेरिका में जारी ट्रेड टॉक्स पर स्पष्टता की कमी और बदलते रुख के कारण मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने सोने में सौदों के कमी की स्थिति को खत्म कर लिया है। इससे तेजी को नई गति मिली है। इसके चलते सुरक्षित निवेश के प्रति रुचि धीरे-धीरे लौट रही है। त्रिवेदी का मानना है, “आने वाले सत्रों में सोने के 92,000-94,500 रुपये के व्यापक दायरे में कारोबार करने की संभावना के साथ अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है।”संबंधित खबरेंक्या आपको सोना खरीदना चाहिए?विशेषज्ञों का कहना है कि चल रही ट्रेड टॉक्स के इर्द-गिर्द अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतों में उछाल आने की उम्मीद है, जिससे नई तेजी आएगी। आलमंड्ज ग्लोबल के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कुमार अरोड़ा कहते हैं, “पिछले साल से सोने में 30% रिटर्न मिलने के बावजूद 2025 में कमोडिटी के तौर पर सोने के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। 22 अप्रैल को सोने की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। ऐतिहासिक रूप से, सोने ने 2001 से 15% CAGR से रिटर्न दिया है। सोने के रिटर्न ने महंगाई को भी मात दी है और 1995 के बाद से महंगाई से 2% से 4% अधिक बेहतर प्रदर्शन किया है।” उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव, टैरिफ खतरों, अमेरिका में महंगाई संबंधी चिंताओं के कारण केंद्रीय बैंकों की ओर से लगातार खरीद के साथ सोने की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है।Income Tax Return: सरकार ने ITR-3 फॉर्म किया नोटिफाई, क्या हुए हैं बदलाव; किसे करना होता है फाइलचीन ने तेजी से सोना इकट्ठा करना जारी रखा, मार्च 2025 तक चीन के पास 2,292 टन सोना था। अरोड़ा ने कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने 2024 तक पिछले 3 वर्षों में सालाना 1,000 टन सोना जोड़ा है। मार्च 2025 तक, RBI की होल्डिंग 879 टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।टैरिफ के चलते आ सकने वाली मंदी और महंगाई के जोखिम से सोने में तेजी जारी रहने का अनुमान है। अरोड़ा ने कहा कि केंद्रीय बैंकों की ओर से मजबूत खरीद और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट से उपजी मांग के बेसिस पर हम सोने पर अपना पॉजिटिव रुख बरकरार रखे हुए हैं। ये फैक्टर सोने को 2025 में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले एसेट्स में शामिल रखेंगे। अरोड़ा ने आगे कहा, “निवेशक गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से निवेश करना जारी रख सकते हैं, क्योंकि ईटीएफ को कम लागत वाला निवेश माना जाता है।”

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