Explained: ITR-1 से ITR-7 तक… जानिए किसके लिए है कौन-सा ITR फॉर्म – income tax return forms itr 1 to itr 7 for ay2025 who should file which form explained
Explained: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए ITR-1, ITR-3, ITR-4 और ITR-5 फॉर्म को नोटिफाइड कर दिया है। ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। टैक्सपेयर्स के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि वे सही ITR फॉर्म का चुनाव करें, क्योंकि गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या फिर पेनल्टी भी लग सकती है।ITR फॉर्म क्या होता है?इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म वह माध्यम है, जिसके जरिए टैक्सपेयर्स अपनी एनुअल इनकम, डिडक्शन और टैक्स पेमेंट की जानकारी आयकर विभाग को देते हैं। हर तरह की इनकम के लिए अलग ITR फॉर्म होता है। आइए जानते हैं कि कौन-सा ITR फॉर्म किसके लिए है:संबंधित खबरेंITR-1 (सहज): सैलरी पाने वालों के लिएआयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वेतनभोगी करदाताओं को बड़ी राहत दी है। अब ऐसे इंडिविजुअल जिनके पास वित्त वर्ष में ₹1.25 लाख तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) है, वे जटिल ITR-2 की बजाय ITR-1 फॉर्म के जरिए अपना रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। ऐसे में सैलरीड क्लास को रिटर्न भरने में काफी आसानी होगी।कौन भर सकता है: निवासी व्यक्ति (HUF नहीं), जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है आय सिर्फ सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोत (जैसे ब्याज) से सेक्शन 112A के तहत लिस्टेड सिक्योरिटीज से ₹1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कौन नहीं भर सकता: जिनके पास ₹1.25 लाख से ज्यादा कैपिटल गेन, विदेशी आय/संपत्ति या बिजनेस इनकम है शेयरों का ट्रेडिंग, अघोषित संपत्ति, या अनलिस्टेड शेयरों में निवेश वाले कंपनी में निदेशक या जिन्होंने अनलिस्टेड इक्विटी शेयर्स में निवेश किया हो ITR-2: हाई इनकम और प्रॉपर्टी/स्टॉक्स से इनकम वालों के लिएइसे इंडिविजुअल और HUF भर सकते हैं, जिनकी आय सैलरी, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन, विदेशी आय या ₹10 लाख से अधिक डिविडेंड से है। जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से है, वो इस फॉर्म को नहीं भर सकते।ITR-3: बिजनेस या प्रोफेशन से कमाने वालों के लिएइसे इंडिविजुअल/HUF भर सकते हैं, जिनका बिजनेस या प्रोफेशन है। जैसे कि फ्रीलांसर, डॉक्टर, वकील, ट्रेडर आदि। इसे पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर और F&O या इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले भी भर सकते हैं।ITR-3 में AY 2025-26 में कई अहम बदलाव भी हुए हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है:कैपिटल गेन का अलग विवरण: 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के ट्रांजेक्शन्स अलग से रिपोर्ट।शेयर बायबैक लॉस: 1 अक्टूबर 2024 के बाद, बायबैक से हुए लॉस को तभी क्लेम कर सकेंगे जब डिविडेंड ‘अन्य स्रोत’ में रिपोर्ट हो।नेटवर्थ रिपोर्टिंग की लिमिट बढ़ी: अब केवल ₹1 करोड़ से अधिक आय वाले ही एसेट-लायबिलिटी रिपोर्ट करेंगे।डिडक्शन का विस्तृत विवरण: सेक्शन 80C, HRA जैसे कटौतियों की डिटेल मांगी जाएगी।Schedule-TDS में TDS सेक्शन कोड: संबंधित TDS सेक्शन कोड (जैसे 194A, 194H आदि) का स्पष्ट उल्लेख अनिवार्य। इसका मकसद टैक्स क्रेडिट की ट्रेसबिलिटी को बेहतर बनाना है।ITR-4 (सुगम): प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम वाले टैक्सपेयर्स के लिएइसे रेजिडेंट इंडिविजु्ल, HUF और फर्म (LLP को छोड़कर) भर सकते हैं। यह उन टैक्सपेयर्स के लिए भी है, जिनकी आय प्रिजम्पटिव स्कीम (44AD, 44ADA, 44AE) के तहत आती है। इसे ₹50 लाख तक इनकम वाले प्रोफेशनल औऱ ₹2 करोड़ तक आय वाले बिजनेस भी भर सकते हैं।ITR-4 को NRI, डायरेक्टर, या विदेशी आय/संपत्ति रखने वाले नहीं भर सकते हैं।ITR-5: फर्म, LLP, AOP, BOI के लिएइसे पार्टनरशिप फर्म, LLPs, Associations of Persons (AOPs), Bodies of Individuals भर सकते हैं। साथ ही, Artificial Juridical Persons यानी मंदिर या धार्मिक संस्था, ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी के लिए ITR-5 ही होता है।इसे इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स, कंपनियां या फिर NRI (Non-Resident Indians) नहीं भर सकते। जिनके पास विदेशी आय या संपत्ति हो, उनके लिए भी ITR-5 नहीं है।ITR-5 में भी AY 2025-26 के लिए कुछ अहम बदलाव हुए हैं: कैपिटल गेन रिपोर्टिंग: 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के लेन-देन को अलग दिखाना होगा शेयर बायबैक पर लॉस क्लेम: 1 अक्टूबर 2024 के बाद लागू क्रूज बिजनेस का अलग सेक्शन: सेक्शन 44BBC के तहत क्रूज बिजनेस के लिए प्रावधान TDS कोड की अनिवार्यता ITR-6: कंपनियों के लिएITR-6 फॉर्म वे कंपनियां भर सकती हैं, जो Section 11 के तहत धार्मिक या चैरिटी संस्थानों से छूट नहीं लेतीं। वहीं, इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स और Section 11 के तहत छूट प्राप्त करने वाली कंपनियां इसे नहीं भर सकती हैं।ITR-7: ट्रस्ट, राजनीतिक दल, शैक्षणिक संस्थान के लिएइसे चैरिटेबल ट्रस्ट, रिसर्च संस्था, कॉलेज, यूनिवर्सिटी भरते हैं। राजनीतिक दलों के लिए भी यही फॉर्म होता है। इसे वे सभी संस्थाएं भर सकती हैं, जिनकी आय सेक्शन 139(4A) से 139(4F) तक में छूट प्राप्त करती हो।कौन-सा ITR फॉर्म किसके लिए बेस्ट? ITR फॉर्म किसके लिए बेस्ट ITR-1 वेतनभोगी जिनकी इनकम सिंपल हो और मामूली कैपिटल गेन हो। ITR-2 स्टॉक ट्रेडर, इन्वेस्टर, प्रॉपर्टी मालिक। ITR-3 फ्रीलांसर, प्रोफेशनल, ट्रेडर और बिजनेस ओनर्स। ITR-4 छोटे व्यापारी, कैब ऑपरेटर, डॉक्टर और डिजाइनर जैसे प्रोफेशनल्स। ITR-5 वे LLPs (लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप) और फर्में जो ITR-4 के अंतर्गत रिटर्न नहीं भर रही हैं। ITR-6 प्राइवेट/पब्लिक लिमिटेड कंपनियां (NGO को छोड़कर)। ITR-7 NGO, शिक्षा संस्थान, रिसर्च बॉडी। महत्वपूर्ण तारीखें (AY 2025-26 के लिए)CBDT ने ITR-1, ITR-3, ITR-4 और ITR-5 फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं, लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। यह प्रक्रिया इस हफ्ते शुरू हो सकती है। इसके शुरू होने के बाद रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीखें नीचे दी गई हैं: बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स: 31 जुलाई 2025 ऑडिट वाले मामलों में: 31 अक्टूबर 2025 संशोधित/बिलेटेड रिटर्न: 31 दिसंबर 2025 यह भी पढ़ें : Old vs New Tax Regime: पुराने और नए टैक्स रीजीम में क्या है अंतर, किसे चुनना रहेगा फायदेमंद?