Capital Gains Tax: शेयर, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट पर कैसे लगता है टैक्स? समझिए पूरा कैलकुलेशन – capital gains tax on shares mutual funds real estate explained
Capital Gains Tax: निवेश से मुनाफा कमाने के साथ टैक्स का सही आकलन करना भी उतना ही जरूरी होता है। आमतौर पर रियल एस्टेट, शेयर और म्यूचुअल फंड जैसे एसेट्स की बिक्री से जो लाभ होता है, उस पर सरकार कैपिटल गेंस टैक्स लगाती है। यह टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि संपत्ति को कितने समय तक होल्ड किया गया।अगर कोई एसेट कम समय के लिए होल्ड किया गया है, तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) टैक्स लगता है। वहीं, लंबी अवधि के निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) लागू होता है। रियल एस्टेट के मामले में 24 महीने से कम की होल्डिंग को शॉर्ट टर्म माना जाता है। स्टॉक्स और सिक्योरिटीज के लिए यह अवधि 12 महीने है।शेयर बेचने पर कैपिटल गेंस टैक्ससंबंधित खबरेंशेयरों को एक साल के भीतर बेचने पर मुनाफा 20% की दर से टैक्सेबल होता है। लेकिन अगर निवेशक ने शेयर एक साल से ज्यादा समय तक रखे, तो उस पर 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। सरकार ने निवेशकों को राहत देते हुए यह व्यवस्था भी की है कि एक वित्त वर्ष में ₹1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म गेन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।मिसाल के तौर पर, अगर किसी निवेशक ने ₹1 लाख के शेयर खरीदे और एक साल के भीतर उन्हें ₹2.5 लाख में बेच दिया, तो ₹1.5 लाख के लाभ पर 20% टैक्स देना होगा।म्यूचुअल फंड पर टैक्सम्यूचुअल फंड दो तरह के होते हैं- इक्विटी और डेट। इक्विटी यानी शेयर बाजार में पैसा लगाने फंड्स की बिक्री अगर एक साल के भीतर होती है, तो 20% की दर से शॉर्ट टर्म टैक्स लगता है। वहीं एक साल से ज्यादा की होल्डिंग पर 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। यहां भी ₹1.25 लाख तक के लाभ पर टैक्स छूट का प्रावधान है।डेट यानी बॉन्ड और सिक्योरिटीज में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड्स के लिए नियम दो साल पहले बदले गए हैं। 1 अप्रैल 2023 के बाद खरीदे गए डेट फंड्स की बिक्री पर चाहे होल्डिंग कितनी भी हो, टैक्स व्यक्ति की आयकर स्लैब के अनुसार लगेगा। वहीं, 1 अप्रैल 2023 से पहले खरीदे गए फंड्स के मामले में 24 महीने से ज्यादा की होल्डिंग पर 12.5% लॉन्ग टर्म टैक्स और उससे कम अवधि पर स्लैब रेट से शॉर्ट टर्म टैक्स लागू होता है।रियल एस्टेट पर कैपिटल गेंस टैक्सअगर किसी व्यक्ति ने कोई प्रॉपर्टी खरीदने के 24 महीने के भीतर बेच दी, तो उस पर होने वाला लाभ उसकी कुल सालाना इनकम में जोड़ा जाएगा और टैक्स उसी स्लैब के अनुसार लगाया जाएगा। इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है।वहीं, यदि प्रॉपर्टी को 24 महीने से ज्यादा समय तक रखा गया है, तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लागू होता है, जिसकी दर 12.5% है। हालांकि, यहां इंडेक्सेशन का लाभ नहीं दिया जाता।यह भी पढ़ें : ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अक्सर होती हैं ये 5 गलतियां, क्या है बचने का तरीका?