GST सुधार और स्थिर ब्याज दर का असर! क्या फेस्टिव सीजन के दौरान सस्ते में मिलेगा घर? – will festive season discounts gst cuts and stable repo rate make homes affordable in top housing market
नवरात्रि से लेकर दिवाली तक का समय यानी त्योहारी सीजन भारत में हमेशा शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान लोग सोना, चांदी, बर्तन और उपहार खरीदते हैं, लेकिन घर खरीदना भी बेहद खास माना जाता है। 2025 का त्योहारी सीजन घर खरीदारों के लिए और भी बेहतर साबित हो सकता है क्योंकि इस बार सरकार और डेवलपर्स दोनों की तरफ से कई फायदे मिल रहे हैं।रेपो रेट स्थिर, EMI पर राहतभारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल ब्याज दरों में सिलसिलेवार कटौती के बाद अगस्त की MPC csx हाल ही में रेपो रेट को स्थिर रखा है। इसका सीधा मतलब है कि होम लोन की EMI में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसे में खरीदार लंबे समय तक बिना दबाव के अपनी वित्तीय योजना बना सकते हैं और घर खरीदने का फैसला आसानी से कर सकते हैं।संबंधित खबरेंGST सुधार से लागत में कटौतीसरकार ने सीमेंट, मार्बल और ग्रेनाइट जैसी निर्माण सामग्री पर GST घटाया है। इससे घर बनाने की लागत कम होगी और कीमतें भी तुलनात्मक रूप से घट सकती हैं। खरीदारों को असल बचत का फायदा मिलेगा। वहीं, डेवलपर्स के लिए प्रोजेक्ट्स की लागत कम होगी। इसका मतलब है कि घर खरीदार और डेवलपर्स दोनों को फायदा होगा।RERA से पारदर्शिता और भरोसारेरा के नियमों में हाल के बदलावों से खरीदारों का भरोसा और बढ़ा है। प्रोजेक्ट डिलीवरी, रजिस्ट्री और पेमेंट प्रक्रियाओं में अब पहले से ज्यादा पारदर्शिता है। इससे घर खरीदने वालों को सुरक्षा की गारंटी मिल रही है और धोखाधड़ी की संभावना भी कम हो रही है। यह चीज घर खरीदारों का हौसला बढ़ा है। इसके चलते भी त्योहारी सीजन में घरों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।डेवलपर्स के आकर्षक ऑफरत्योहारी सीजन में डेवलपर्स खरीदारों के लिए लचीले पेमेंट प्लान, कैश डिस्काउंट, स्टाम्प ड्यूटी माफी, मुफ्त मॉड्यूलर किचन और पार्किंग जैसी सुविधाएं दे रहे हैं। साथ ही, डिजिटल मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर कैंपेन के जरिए ज्यादा खरीदारों तक पहुंच बनाई जा रही है।क्या कहते हैं एक्सपर्टरूट्स डेवलपर्स के डायरेक्टर राजन यादव का कहना है, ‘यह त्योहारी सीजन रियल एस्टेट सेक्टर के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। सरकार की अनुकूल नीतियां, निर्माण सामग्री पर टैक्स कटौती और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार ने घर खरीदारों के लिए माहौल बेहद सकारात्मक बना दिया है। डेवलपर्स भी ऑफर और आसान पेमेंट प्लान दे रहे हैं, जिससे यह घर खरीदने और निवेश करने का बेहतरीन समय है।’रॉयल ग्रीन रियल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर यशांक वासन के मुताबिक, सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया है, जिससे निर्माण लागत और घरों की कीमत दोनों घट सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘फेस्टिव सीजन में छूट और आसान पेमेंट प्लान के साथ नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करना सही विकल्प बन रहा है। साथ ही, RBI ने रेपो रेट स्थिर रखा है, जिससे EMI का बोझ भी नहीं बढ़ेगा।’20% तक बढ़ जाती है घरों की खरीदकॉन्शिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड के बिजनेस हेड मोहित अग्रवाल का कहना है, ‘गुरुग्राम का इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोफेशनल माहौल खरीदारों को आकर्षित कर रहा है, वहीं गोवा जैसी जगहों पर भी लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। गोवा में चल रहे प्रोजेक्ट बताते हैं कि लोग अब दूसरा घर भी लेना चाहते हैं, जो सुकून और निवेश दोनों के लिहाज से फायदेमंद हो।’वोमेकी ग्रुप के चेयरमैन और फाउंडर गौरव के सिंह के मुताबिक, फेस्टिव सीजन में घरों की खरीद बढ़ जाती है। उनका कहना है, ‘इतिहास गवाह है कि फेस्टिव सीजन में घरों की खरीदारी 15-20% तक बढ़ जाती है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और नए लाइफस्टाइल सेंटर्स ने नोएडा को खरीदारों और निवेशकों के लिए टॉप चॉइस बना दिया है। इस बार भी खरीदारों से बड़ी उम्मीद है।’Gold Price: रिकॉर्ड ऊंचाई पर सोना, ये 5 कारण बने कीमतों में तूफानी तेजी की वजहदिल्ली-एनसीआर में नए हॉटस्पॉटदिल्ली-एनसीआर के कई नए क्षेत्र इस साल निवेश के हॉटस्पॉट बनकर उभरे हैं। गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में नए प्रोजेक्ट्स तेजी से आ रहे हैं। मेट्रो का विस्तार और एक्सप्रेसवे (जैसे द्वारका एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और केएमपी एक्सप्रेसवे) इन जगहों को निवेश के लिए और आकर्षक बना रहे हैं।लग्जरी और मिड-सेगमेंट की मांगलग्जरी और प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट की मांग लगातार बढ़ रही है। एनआरआई निवेशकों और हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल्स की दिलचस्पी इस बाजार को और मजबूत कर रही है। वहीं किफायती और मिड-सेगमेंट हाउसिंग में मिला-जुला प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।