मोमेंटम फंडों ने निवेशकों को किया था मालामाल, अब बाजार की गिरावट ने किया लहूलुहान – momentum funds had delivered great returns but they are bleeding as markets are falling
निवेशकों को मालामाल करने वाले मोमेंटम फंड्स की हालत आज खराब है। बाजार में पिछले 5-6 महीनों से जारी गिरावट ने इन फंडों को जमीन पर ला पटका है। निफ्टी 50 इंडेक्स फंड से डबल रिटर्न देने वाले मोमेंटम फंडों का एनएवी तीन से छह महीनों में 20 फीसदी से ज्यादा गिरा है। करीब 20 मोमेंटम फंडों को काफी ज्यादा लॉस उठाना पड़ा है। मोमेंटम फंड्स आम तौर पर आम तौर पर उन शेयरों में निवेश करते हैं, जिनमें हाल में तेजी आई होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोमेंटम इनवेस्टिंग बुलिश मार्केट में फायदेमंद है। लेकिन, करेक्शन का दौर शुरू होते ही इन फंडों का प्रदर्शन गिरने लगता है।सबसे ज्यादा गिरने वाले मोमेंटम फंड्ससबसे ज्यादा गिरने वाले मोमेंटम फंडों में Bandhan Nifty 500 Momentum 50 Index, Motilal Oswal Nifty 500 Momentum 50 ETF, Nippon India Nifty 500 Momentum 50 Index और Motilal Oswal Nifty 500 Momentum 50 शामिल हैं। बीते तीन महीनों में इन फंडों की एनएवी 27 फीसदी से ज्यादा गिरी है। Tata Nifty MidCap 150 Momentum 50 Index Fund, Edelweiss Nifty MidCap 150 Momentum 50 Index और Kotak Nifty MidCap 150 Momentum 50 Index की एनएवी 24 फीसदी से ज्यादा गिरी है। बाकी में 13 से 23 फीसदी तक गिरावट आई है।संबंधित खबरेंरिकवरी के लिए करना होगा इंतजारएक्सपर्ट्स का कहना है कि मोमेंटम फंड के निवेशकों को रिकवरी के लिए अगली तिमाही या अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही का इंतजार करना पड़ सकता है। इंडिपेंडेंट एनालिस्ट दीपक जसानी ने कहा कि मोमेंटम इनवेस्टिंग बुलिश मार्केट में तो ठीक है, लेकिन गिरावट में इसमें लॉस होता है। ये फंड निवेश के लिए शेयरों का चुनाव फंडामेंटल के मुकाबले टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर करते हैं। चूंकि, पिछले 4-5 महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में बड़ी गिरावट आई है, जिसका असर मोमेंटम फंडों के प्रदर्शन पर पड़ा है।यह भी पढें: Gold Rate Today: ऑल-टाइम हाई छूने के बाद फिसला गोल्ड, आपको क्या करना चाहिए?मार्केट की स्थिति के साथ एडजस्ट करने में लगता है समयफिसडम के रिसर्च हेड नीरव कारकेरा ने कहा कि कई मोमेंटम फंडों ने ऐसे स्टॉक्स में निवेश किया है, जिनका एग्रीगेट बीटा काफी हाई लेवल पर था। ऐसे स्टॉक्स मार्केट साइकिल को लेकर काफी संवेदनशील होते हैं। ऐसे स्टॉक्स का पोर्टफोलियो तेजी की साइकिल में बहुत अच्छा रिटर्न देता है। लेकिन, बेयरशि मार्केट में स्थिति उल्टी हो जाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पैसिवली मैनेज्ड मोमेंटम फंडों को मार्केट की स्थिति के हिसाब से एडजस्ट करने में समय लगता है। इसके मुकाबले एक्टिवली मैनेज्ड फंड मार्केट की स्थिति के हिसाब से जल्द जरूरी बदलाव कर लेते हैं।