Reliance Industries की हुई Nauyaan Shipyard, 74% हिस्सेदारी की खरीद कंप्लीट – reliance industries step down subsidiary nauyaan tradings completed the acquisition of 74 percent equity stake in nauyaan shipyard private limited
नौयान शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (NSPL) भी अब रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के अंब्रैला तले आ गई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्ण मालिकाना हक वाली स्टेप डाउन सब्सिडियरी नौयान ट्रेडिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (NTPL) ने वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड से NSPL में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी की खरीद कंप्लीट कर ली है। यह सौदा 382.73 करोड़ रुपये का रहा। इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजारों को जानकारी दी है। इसके बाद NSPL 21 मार्च से रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्टेप डाउन सब्सिडियरी बन गई है।अधिग्रहण से पहले, NTPL ने NSPL को 93.66 करोड़ रुपये का अनसिक्योर्ड लोन दिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि उपयुक्त अधिकारियों की मंजूरी हासिल करने के लिए जरूरी आवेदन किए जा रहे हैं।Reliance Industries शेयर हरे निशान में बंद21 मार्च को रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर BSE पर 0.62 प्रतिशत बढ़त के साथ 1276.45 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 17.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है। शेयर 6 महीनों में 14 प्रतिशत नीचे आया है। साल 2025 में अब तक शेयर 4 प्रतिशत मजबूत हुआ है। शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये है।कंपनी में दिसंबर 2024 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 50.13 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे ज्यादा वैल्यूएबल कंपनी है।दिसंबर तिमाही में मुनाफा 7 प्रतिशत बढ़ारिलायंस इंडस्ट्रीज ने अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में 18,540 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा दर्ज किया। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुनाफे 17,265 करोड़ रुपये से 7 प्रतिशत ज्यादा है। कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 2.40 लाख करोड़ रुपये रहा, जो दिसंबर 2023 तिमाही के रेवेन्यू 2.25 लाख करोड़ रुपये से 6.7 प्रतिशत ज्यादा है। EBITDA दिसंबर 2024 तिमाही में सालाना आधार पर 7.7 प्रतिशत बढ़कर 43,789 करोड़ रुपये हो गया। साथ ही EBITDA मार्जिन बढ़कर 18.3 प्रतिशत हो गया।IndusInd Bank के CEO और डेप्युटी CEO नहीं करने वाले हैं रिजाइन, बैंक ने जारी किया क्लैरिफिकेशनDisclaimer: मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।