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इक्विटी डिलीवरी पर जीरो ब्रोकरेज से निवेशकों की कितनी बचत, Zerodha का ये है कैलकुलेशन – zerodha ceo nithin kamath says zero brokerage on equity delivery so far despite extreme pressure saved thousand crores

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Zerodha News: ब्रोकरेज फर्म जीरोधा पर इक्विटी की डिलीवरी लेने पर कोई ब्रोकरेज फीस नहीं लगती है। अब जीरोधा के सीईओ नितिन कामत ने खुलासा किया है कि इससे निवेशकों को कितनी बचत हुई है। सीईओ ने 21 मार्च को खुलासा किया कि पिछले 10 साल में इसके चलते निवेशकों को 2 हजार से लेकर 20000 करोड़ रुपये तक कहीं बचत हुई है। नितिन कामत का कहना है कि ऑप्शन्स के ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट के चलते जीरोधा ने जीरो ब्रोकरेज पॉलिसी में बदलाव के भारी दबाव के बावजूद इसे बनाए रखा है।दिसंबर 2015 में Zeordha ने जीरो किया था ब्रोकरेज फीसजीरोधा पर अभी इक्विटी डिलीवरी पर कोई ब्रोकरेज फीस नहीं देनी होती है। हालांकि हमेशा ऐसा नहीं था, पहले इस पर भी शुल्क लगता था। जीरोधा ने इक्विटी डिलीवरी पर ब्रोकरेज फीस दिसंबर 2015 में जीरो किया था। उसके पहले कंपनी इस पर 0.1 फीसदी या 20 रुपये का शुल्क लेती थी। नितिन कामत ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा कि बहुत सो लोगों को संदेह था कि यह लंबे समय के लिए होगा या थोड़े ही समय के लिए और नितिन के मुताबिक यह संदेह उन्हें खुद था। हालांकि धीरे-धीरे करके दस साल होने वाले हैं और कंपनी ने इस पॉलिसी को बनाए रखा। नितिन कामत के मुताबिक अगर कंपनी इसे जीरो न करती और 0.1 फीसदी (या 20 रुपये) या बिना कैप के 0.1 या 0.3% के मार्केट रैट पर चार्ज वसूलती तो निवेशकों को 2,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये तक का झटका लगता।संबंधित खबरेंक्यों न करें इस चार्ज को नजरअंदाज?नितिन कामत का कहना है कि निवेशक और ट्रेडर्स की सबसे बड़ी गलती चार्जेज को नजरअंदाज करना है क्योंकि इसका असर ओवरऑल रिटर्न पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि 0.5 फीसदी का ब्रोकरेज कुछ लोगों को बहुत कम लगता है तो इसे नजरअंदाज करते हैं लेकिन अधिकतर लोग ऐसे हैं जो अपनी ट्रेडिंग कॉस्ट भी रिकवर नहीं कर पाते हैं। नितिन कामत ने कहा कि अगर आप एक महीने में कुछ ही ट्रांजैक्शंस करते हैं तो लागत तेजी से बढ़ती जाती है। ऐसे में चार्जेज को लेकर सचेत रहने की जरूरत है।Zerodha CEO Nithin Kamath ने दिए ये सुझावनितिन कामत ने कहा कि वह कम लागत वाले ईटीएफ और इंडेक्स फंड का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ये उन्हें इतना पसंद हैं कि जीरोधा एएमसी का फोकस इन्हीं पर है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में निवेशक कम लागत वाले ईटीएफ के बारे में जानती है, फिर भी वे 0.5 फीसदी ब्रोकरेज चुकाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों को अपनी लागत पर नजर रखने की जरूरत है।₹30 लाख में बिकी Twitter की नीली चिड़िया, Apple की इन दुर्लभ चीजों को भी बंपर बोली

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