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Imran Pratapgarhi Poem Row: ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का अभिन्न अंग है’: विवादित कविता मामले में इमरान प्रतापगढ़ी को ‘सुप्रीम’ राहत – imran pratapgarhi poem row sc quashes fir against congress mp says freedom of expression is an integral part of democracy

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Imran Pratapgarhi Poem Row: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (28 मार्च) को भड़काऊ ‘ऐ खून के प्यासे बात सुनो…’ कविता मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज FIR को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कविता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य, कला सहित साहित्य मानव जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना अदालत का कर्तव्य है कि संविधान और उसके आदर्शों का उल्लंघन न हो। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का अभिन्न अंग है। नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना अदालत का कर्तव्य है।जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना अदालत का कर्तव्य है। पीटीआई के मुताबिक पीठ ने कहा, “भले ही बड़ी संख्या में लोग किसी के द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को नापसंद करते हों लेकिन व्यक्ति के विचार व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। कविता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मानव जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं।”कांग्रेस नेता ने गुजरात हाई कोर्ट के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी। इसमें उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। जामनगर शहर में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह की पृष्ठभूमि में कथित रूप से भड़काऊ कविता सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए प्रतापगढ़ी के खिलाफ तीन जनवरी को मामला दर्ज किया गया था।संबंधित खबरेंये भी पढ़ें- ‘ममता जी, क्या कोई हिंदुओं के लिए है?’: लंदन में बंगाल सीएम के कार्यक्रम में हंगामा, लोगों ने पूछे तीखे सवाल, लगे ‘गो बैक’ के नारेप्रतापगढ़ी पर धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने से संबंधित भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि जब प्रतापगढ़ी अपने हाथ लहराते हुए चल रहे हैं तो उन पर फूल बरसाए जा रहे हैं और पृष्ठभूमि में एक गाना सुनाई दे रहा है। इस गाने के बारे में FIR में कहा गया है कि इसमें ऐसे बोल का इस्तेमाल किया गया जो भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक हैं और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं।

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