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GST: 1 अप्रैल से बदलने जा रहे हैं जीएसटी के कई नियम, अभी जान लेंगे तो नहीं होगी दिक्कत – gst rules and compliance will change from 1st of april know what are these rules

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जीएसटी के कई नए नियम 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं। जीएसटी की व्यवस्था 1 जुलाई, 2017 को लागू हुई थी। जीएसटी काउंसिल जीएसटी के नियमों को आसान बनाने की लगातार कोशिश कर रही है। इससे जुड़ी खामियों को दूर करने पर भी सरकार का फोकस है। आइए जानते हैं अगले महीने से किन बातों का खास ध्यान रखना होगा।1. ई-वे बिल और ई-इनवायस सिक्योरिटीNIC ने अपने ई-वे बिल और ई-इनवॉयस सिस्टम को अपग्रेड कर दिया है। अनअथॉराइज्ड एक्सेस रोकने के लिए ऐसा किया गया है। अगर कोई यूजर शॉर्टकट तरीके से एंट्री करने की कोशिश करेगा तो वह टैक्स अथॉरिटीज की नजरों में आ जाएगा।2.मल्टी-फैक्टर अथॉंटिकेशनसंबंधित खबरेंअभ MFA सभी टैक्सपेयर्स के लिए अनिवार्य हो गया है। अब टर्नओवर की शर्त नहीं रह गई है। अब ओटीपी और अतिरिक्त वेरिफिकेशन स्टेप्स का पालान करना होगा। हालांकि, इससे प्रोसेस बढ़ गया है लेकिन इससे सिक्योरिटी भी बढ़ी है।3. ई-वे बिल एक्सपायरीअब ई-वे बिल इनवॉयस की तारीख से 180 दिनों के अंदर एक्सपायर हो जाएगा। इसके एक्सटेक्शन के लिए 360 दिन की लिमिट है। इसका मतलब है कि गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन के लिए अब पिछले साल के ई-बिल का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।4. जीएसटीआर-7 की सिक्वेंशियल फाइलिंगअगर आप TDS के लिए जीएसटीआर-7 फाइल करते हैं तो आप बीच के महीनों को छोड़ नहीं सकते। आपको सही क्रम में जीएसटीआर-7 फाइल करना होगा।5. डायरेक्टर्स के लिए बायोमीट्रिक अथॉन्टिकेशनअब प्रमोटर्स और डायरेक्टर्स को बायोमीट्रिक अथॉन्टिकेशन के लिए जीएसटी सुविधा केंद्र जाना होगा। इसकी वजह यह है कि आपके वजूद के लिए सिर्फ पैन और आधार अब नाकाफी होंगे।यह भी पढ़ें: दो या ज्यादा राज्यों में जीएसटी रजिस्ट्रेशन है? तो 1 अप्रैल से जीएसटी के तहत ISD रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा6. IDS रजिस्ट्रेशनअगर किसी बिजनेस का एक ही पैन से जीएसटी के कई रजिस्ट्रेशन हैं तो उसे बतौर इनपुट सर्विस डिस्ट्रिब्यूटर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के डिस्ट्रिब्यूशन को व्यवस्थित करना है। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर बिजनेस को पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है।एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स प्रैक्टिसनर्स और बिजनेसेज को इन बदलावों के बारे में पहले बता दिया गया है। इससे नए नियमों और प्रावधानों को लेकर किसी तरह की दिक्कत आने की आशंका नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन बदलावों का मकसद सिक्योरिटी बढ़ाने के साथ ही जीएसटी प्रोसेस को व्यवस्थित बनाना है।

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