क्या मार्केट में आई इन 5 सबसे बड़ी गिरावट को आप भूल गए? मार्केट को चढ़ने से कोई रोक नहीं पाया – stock markets fall do you remember these big 5 markets fall nobody can stop market going up
स्टॉक मार्केट्स के ओपन होते ही 7 अप्रैल को कोहराम मच गया। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 एक ही झटके में 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया। 4 फीसदी से ज्यादा गिरावट के बाद दोनों सूचकांक दोपहर में भी बड़े दबाव में दिख रहे थे। इस गिरावट ने निवेशकों को हिला दिया है। खासकर नए निवेशकों में इस गिरावट से बड़ी घबराहट है। नए निवेशकों का मतलब ऐसे निवेशकों से है, जिन्होंने मार्च 2020 और उसके बाद निवेश शुरू किया है।4 जून, 2024 को भी 5 फीसदी गिरा था मार्केट2020 में कोविड आने पर मार्केट में बड़ी गिरावट आई थी। शेयरों की कीमतें आधे प्राइस पर आ गई थी। लेकिन, कुछ ही महीनों में मार्केट में शानदार रिकवरी दिखी। हर बार गिरने के बाद मार्केट ने बड़ी रिकवरी दिखाई। 7 अप्रैल यानी आज से ज्यादा गिरावट तो मार्केट में पिछले साल 4 जून को आई थी, जब लोकसभा चुनाव के नतीजें आने पर मार्केट 5 फीसदी गिर गया था। लेकिन, बहुत जल्द मार्केट ने रिकवरी कर ली थी।संबंधित खबरें23 मार्च, 2020 जैसी गिरावट बीते 25 साल में सिर्फ एक बार आई है23 मार्च, 2020 को सेंसेक्स 3,953 प्वाइंट्स क्रैश कर गया था। तब सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाने का ऐलान किया था। यह सेंसेक्स में 13.2 फीसदी की गिरावट थी। यह गिरकर 25,881 पर आ गया था। आज गिरावट के बाद भी सेंसेक्स 72,640 प्वाइंट्स पर है। तब कोविड की महामारी के असर का अंदाजा कोई नहीं लगा पा रहा था। लेकिन, कुछ ही महीनों में मार्केट ने न सिर्फ शानदार रिकवरी दिखाई बल्कि नई ऊंचाई पर पहुंच गया।21 जनवरी, 2008 को फाइनेंशियल क्राइसिस से मार्केट 7 फीसदी फिसला थाइससे पहले मार्केट में बड़ी गिरावट 2008 में आई थी। ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस से 21 जनवरी, 2008 को सेंसेक्स 7.4 फीसदी यानी 1,408 प्वाइंट्स क्रैश कर गया था। तब वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के डर ने निवेशकों को बिकवाली करने को मजबूर किया था। लेकिन, कुछ महीनों के बाद मार्केट में रिकवरी देखने को मिली थी। धीरे-धीरे ग्लोबल मार्केट इस फाइनेंशियल क्राइसिस से बाहर आ गया था।17 मई, 2004 को 11 फीसदी क्रैश कर गया था मार्केट2004 में लोकसभा चुनावों के नतीजे आने पर स्टॉक मार्केट क्रैश कर गया था। तब एनडीए को सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिली थीं। 17 मई, 2004 को सेंसेक्स 11.1 फीसदी क्रैश कर गया था। कांग्रेस ने तब सहयोगी दलों के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने थे।28 अप्रैल, 1992 को मार्केट 12.7 फीसदी फिसला था2 मार्च, 2001 को सेंसेक्स 4.13 फीसदी गिरा था। इसकी वजह स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता का घोटाला था। इस घोटाले के सामने आते ही मार्केट में डर का माहौल बन गया था। निवेशकों ने अपने स्टॉकस बेचने शुरू कर दिए थे। इससे पहले 28 अप्रैल, 1992 को एक ही दिन में सेंसक्स 12.7 फीसदी गिरा था। इसकी वजह स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता का घोटाला था। यह घोटाला करीब 4,000 करोड़ रुपये था।यह भी पढ़ें: Stock Markets: मार्केट जब धड़ाम होता है तभी निवेश करने से मोटा पैसा बनता है, जानिए अभी आपको क्या करना चाहिएमार्केट को कोई चढ़ने से रोक नहीं पाया हैइंडियन मार्केट्स में हर 8-10 साल पर बड़ी गिरावट आती रही है। हर गिरावट के बाद मार्केट ने शानदार रिकवरी दिखाई। इस गिरावट में अपने शेयर नहीं बेचने वाले और नया निवेश करने वाले लोगों ने छप्परफाड़ कमाई की है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में मोटा पैसा तभी बनता है, जब शेयरों को उनकी असल मूल्य से कम कीमत पर खरीदते हैं। असल मूल्य से कम कीमत पर खरीदने का मौका सिर्फ बड़ी गिरावट में मिलता है। 7 अप्रैल को आई गिरावट ऐसा ही एक मौका है।