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Gold Price: ट्रंप के ट्रेड वॉर का गोल्ड पर क्या होगा असर, भाव बढ़ेंगे या आएगी बड़ी गिरावट? – gold price trump trade war effect on gold investment

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Gold Price: मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोमवार को सोने की कीमतों में तेजी आई। इसका कारण यह था कि वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के चलते निवेशकों ने सुरक्षित निवेश (Safe Haven) का रुख किया। MCX पर सोना ₹301 यानी 0.34% बढ़कर ₹88,376 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। वहीं, चांदी ₹1,487 यानी 1.71% बढ़कर ₹88,698 प्रति किलो पर पहुंच गई।इससे पहले शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों में 3% से ज्यादा की गिरावट आई थी। इसका कारण यह था कि निवेशकों ने वैश्विक बाजार में भारी बिकवाली के बीच अपने नुकसान की भरपाई के लिए बुलियन (सोना-चांदी) को बेचना शुरू कर दिया। अमेरिका और चीन के बीच गहराते ट्रेड वॉर ने वैश्विक मंदी की चिंता बढ़ा दी थी।संबंधित खबरेंसोने में निवेश पर क्या है एक्सपर्ट की सलाहकेडिया फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया का कहना है कि ट्रंप टैरिफ से गोल्ड प्राइस पर कुछ खास असर दिखेंगे। इसमें पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों हैं। ट्रंप टैरिफ से महंगाई का खतरा बढ़ा गया है, यह परंपरागत रूप से गोल्ड के लिए पॉजिटिव है। महंगाई बढ़ने से फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती भी टाल सकता है। ये गोल्ड के नेगेटिव है। ट्रेड वॉर गहराने से आर्थिक अनिश्चिता बढ़ी है। इससे गोल्ड कीमतों में तेजी आ सकती है। क्या गोल्ड निवेशकों को करना चाहिए इंतजार?Mehta Equities Ltd में वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज) राहुल कालंत्री का कहना है कि ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट काफी अस्थिरता से गुजर रहा है। इसकी कई वजहें हैं। ऐसे में ट्रेडर्स और निवेशकों को बिना सोचे-समझे फैसला लेने से बचना चाहिए। उन्हें ट्रेंड के स्पष्ट और स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए। इस वक्त निवेशकों का सबसे अधिक ध्यान रिस्क मैनेजमेंट और अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने पर होना चाहिए।’अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्या हो रहा है?अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूयॉर्क में सोने के फ्यूचर्स 0.55% की गिरावट के साथ $3,021.51 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहे हैं। यह पिछले तीन हफ्तों का सबसे निचला स्तर है। व्यापक बाजार में बिकवाली और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने बुलियन ट्रेडर्स पर दबाव बना दिया है।क्या सोने की कीमतें और गिर सकती हैं?मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब बाजार में Risk Aversion यानी जोखिम से बचने की भावना बढ़ती है, तो शुरुआती तौर पर सोने की कीमतें दबाव में आ जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि निवेशक अपनी बाकी के नुकसान की भरपाई के लिए सोना बेचते हैं। जैसे कि शेयर मार्केट या फिर बिटकॉइन।हालांकि, आमतौर पर सोना जल्द ही इन नुकसानों से उबर जाता है, और इस बार भी शायद ऐसा ही हो। हालांकि, मॉर्निंगस्टार के इक्विटी एनालिस्ट जॉन मिल्स जैसे एक्सपर्ट भी हैं, जो गोल्ड की कीमतों में 38% तक गिरावट का अनुमान जता चुके हैं।क्या गोल्ड में प्रॉफिट बुक करना चाहिए?राहुल कालंत्री का सुझाव है कि इस स्तर पर गोल्ड में नया निवेश करने से बचना चाहिए। उनका कहना है कि जो लोग 1-2 साल पहले गोल्ड में निवेश कर चुके हैं, उन्हें धीरे-धीरे मुनाफा बुक करना शुरू कर देना चाहिए।उन्होंने कहा, “शॉर्ट टर्म निवेशकों को सिर्फ 7-10% ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में पहले से हो चुकी अच्छी कमाई को खतरे में डालना सही नहीं होगा। लॉन्ग टर्म निवेशकों को गिरावट में मौके मिल सकते हैं। खासकर, दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ी है। इससे गोल्ड को सपोर्ट भी मिल सकता है।”यह भी पढ़ें : भारत से भी ज्यादा इन देशों का क्रैश हुआ शेयर बाजार… हांगकांग में टूटा रिकॉर्ड, ताइवान में रोकनी पड़ी ट्रेडिंग

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