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बाजार की गिरावट के बीच ​लार्जकैप स्टॉक्स पर दांव लगाना क्यों है अच्छी रणनीति, प्रशांत जैन ने गिनाए 8 कारण – 8 reasons why largecap stocks should be bought during the current market fall according to veteran money manager prashant jain

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाओं के कारण वैश्विक बाजारों में मची उथल-पुथल की आंच में भारतीय बाजार भी झुलस गए। 7 अप्रैल को सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट आई। सेंसेक्स 2,226.79 अंक के नुकसान के साथ 73,137.90 पर बंद हुआ। निफ्टी 742.85 अंक टूटकर 22,161.60 पर बंद हुआ। बीएसई में 3,515 शेयरों में गिरावट रही, जबकि 570 बढ़त में रहे। 140 के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।बाजार की गिरावट के बीच ​लार्जकैप स्टॉक्स पर दांव लगाना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकता है। ऐसा क्यों किया जाना चाहिए, इसे लेकर 3P इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर, चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर और अनुभवी मनी मैनेजर प्रशांत जैन ने 8 कारण बताए हैं…- प्रशांत जैन का मानना ​​है कि अमेरिका को एक्सपोर्ट किए जाने वाले सामान भारत की GDP (Gross Domestic Product) का केवल 2% हैं। भारत पर अमेरिका की ओर से लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ, प्रतिद्वंदियों चीन और वियतनाम के मुकाबले कम हैं। इससे देश को फायदा हो रहा है। अमेरिका ने भारत से आने वाले सामानों पर 26 प्रतिशत का टैरिफ लगाया गया है। वहीं बांग्लादेश पर 37 प्रतिशत, चीन पर 54 प्रतिशत (नया 34 प्रतिशत+इस साल पहले लगाए जा चुके 20 प्रतिशत), वियतनाम पर 46 प्रतिशत और थाइलैंड पर 36 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है।संबंधित खबरें- कच्चे तेल की कीमतों और अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड में भी तेज गिरावट आई है। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर हैं। वहीं WTI इस मार्क से भी नीचे आ गया है। 10 वर्षीय US बॉन्ड की यील्ड एक समय 5 प्रतिशत के लेवल को टेस्ट कर रही थी। अब यह 4 प्रतिशत के मार्क पर है। यह भारत के लिए एक पॉजिटिव फैक्टर है।- जैन का मानना ​​है कि हाल ही में बाजार में हुई बिकवाली कई कंपनियों की प्राइमरी मार्केट आकांक्षाओं को भी प्रभावित करेगी। ऐसे में प्राइमरी मार्केट में शेयरों की सप्लाई में कमी आएगी, यानि नए IPO में कमी रहेगी।- अमेरिकी बाजारों का प्रदर्शन अन्य बाजारों की तुलना में तेजी से खराब हो रहा है। खराब प्रदर्शन से कैपिटल फ्लो रीअलाइन होना चाहिए, जिससे भारत संभावित लाभार्थी बन सकता है।Technical View: निफ्टी, सेंसेक्स में बड़ी गिरावट से सोमवार का दिन रहा खराब, जानें मंगलवार को बाजार में मंगल होगा या अमंगल- निफ्टी की मौजूदा वैल्यूएशंस उचित हैं, खासकर पूंजी की कम लागत को देखते हुए। भारत और अमेरिका के 10-वर्षीय बॉन्ड पर यील्ड में अंतर लगभग 2.5% है, जो अब तक के सबसे निचले स्तर के करीब है। रियलिस्टिक 10% से 12% की अर्निंग्स ग्रोथ के लिए ये उचित मल्टीपल हैं।- जैन के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर निवेश स्थिर रहेगा और इसे सेकेंडरी मार्केट्स, मुख्य रूप से लार्जकैप में लगाया जाना चाहिए। हाल ही में AMFI के आंकड़ों से पता चला है कि लार्जकैप फंड्स में निवेश महीने-दर-महीने काफी हद तक स्थिर रहा, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में गिरावट देखी गई।- भारत इस प्रतिकूल माहौल में भी रिजीलिएंट है। जिसका श्रेय बिजनेस सर्विसेज के एक्सपोर्ट में वृद्धि को जाता है, जिसने देश के चालू खाता घाटे (CAD) को 1% पर रखा है।- मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में रिकॉर्ड उच्च स्तर से 20% से 25% की गिरावट के बावजूद, उनकी वैल्यूएशंस अभी भी बहुत महंगी हैं और रिस्क-रिवॉर्ड अनुकूल नहीं है।Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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