अश्विनी वैष्णव ने कहा-इंडिया देसी इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी के साथ 25 चिपसेट तैयार कर रहा है – ashwini vaishnaw says india is developing 25 chipsets with indigenous intellectual properties
केंद्र सरकार के सीनियर मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इंडिया देशी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) के साथ 24 चिपसेट्स तैयार कर रहा है। इनका इस्तेमाल खासकर सर्विलांस और वाईफाइ एक्सेस जैसे हाई रिस्क वाले क्षेत्रों में होगा। इन्हें डिजाइन-लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम के तहत बनाया जा रहा है। हाल में बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अभी 13 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इन प्रोजेक्ट्स पर बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवान्स कंप्यूटिंग (सी-डैक) के नेतृत्व में काम चल रहा है।सरकार 240 एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की मदद कर रहीउन्होंने कहा कि तैयार हो रहे सेमीकंडक्टर फ्रैबिक्रेशन में इंडिया में ही इन चिप्स की मैन्युफैक्चरिंग होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे 240 एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की मदद कर रही है, जिनमें वर्ल्ड क्लास चिप डिजाइन टूल की फैसिलिटी है। इसका मकसद टैलेंट को बढ़ावा देना है। स्टूडेंट्स की तरफ से तैयार किए गए 20 चिप्स का जल्द मोहाली के सेमीकंडक्टर लेबोरेट्री में इस्तेमाल होगा। इससे टैलेंट को बढ़ावा मिलेगा। अगले दशक में 85,000 स्किल्ड इंजीनियर्स तैयार करने में मदद मिलेगी।संबंधित खबरेंबीते एक दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स का प्रदर्शन पांच गुना हुआउन्होंने यह भी बताया कि कुछ साल पहले लॉन्च की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का पांच साल में दोगुना वैल्यू एडिशन हो सकेगा। बीते एक दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन पांच गुना हो गया है जबकि एक्सपोर्ट छह गुना हो गया है। पीएलआई स्कीम से 25 लाख नौकरियों के मौके पैदा करने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि इंडिया अब इलेक्ट्रॉनिक्स के इंपोर्ट की जगह एक्सपोर्ट पर फोकस बढ़ा रहा है। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ पर जोर दिया।डीपीडीपी को लेकर चिंता की जरूरत नहींडिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट को लेकर जताई जा रही चिंता के बारे में उन्होंने कहा कि इस आरटीआई एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को ध्यान में रख तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि पब्लिक-इंटरेस्ट डेटा एक्सेसेबल बने रहेंगे।