ट्रेंडिंग
India-Pakistan Tension: केंद्र ने राज्यों को दिया जरूरी चीजों की कीमतों पर नजर रखने का निर्देश, न हो... May Long Weekend 2025: बुद्ध पूर्णिमा के लॉन्ग वीकेंड में घूमने के लिए बेस्ट हैं ये 5 ऑप्शन, चेक करे... Investment Tips: फिलहाल सिर्फ 3 बातों का रखेंगे ध्यान तो आपका पैसा नहीं डूबेगा - investment tips you... Bank Holiday: भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच 3 दिन बंद रहेंगे बैंक, चेक करें RBI की लिस्ट - bank holida... कल से नहीं कर पाएंगे पेट्रोल पंप पर UPI पेमेंट, यहां जानें देश के किस राज्य में होगी लोगों को परेशान... MF investment : अप्रैल में तेजी के बावजूद इक्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश घटा, SIP की बहार कायम - m... लगातार 50वें महीने बिकवाली से अधिक खरीदारी, लेकिन अप्रैल में घट गया इक्विटी फंड में निवेश - equity f... ATM बंद होने की खबर फर्जी, PIB ने बताया व्हाट्सएप मैसेज FAKE - atm closed news is fake said pib what... भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच कराची बेकरी फिर फंसा! मालिक ने कहा- भारतीय है ब्रांड, दादा ने हैदराबाद म... बैंकिंग सेक्टर की भारत-पाकिस्तान पर निगाहें, बॉर्डर के राज्यों की डिपॉजिट्स में है इतनी तगड़ी हिस्से...

जल्द आ सकती है नई कलेक्टर गाइडलाइन ,बड़े शहरों मे 100 प्रतिशत तक बढ़ सकते है गाइड लाइन रेट

15,010

राज्य के सभी जिलों में जल्द नई कलेक्टर गाइड लाइन जारी होगी। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और अं​बिकापुर समेत कई जिलों में 10% से 100% तक रेट बढ़ाने की सिफारिश की जा रही है। 2025-26 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन तय करने के सभी जिलों से 15 अप्रैल तक रिपोर्ट मंगाई गई है।

इसके इसी महीने के आखिर तक जारी होने के आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक राजधानी के 70 वार्डों में से करीब 24 में रेट 50% तक बढ़ाने की तैयारी है। इसके लागू होने पर आम आदमी के लिए प्लाट, फ्लैट, मकान और दुकान खरीदना महंगा हो जाएगा।

जिलों से आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018-19 से जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ी है। इसमें 5 साल में रेट 30% तक कम भी रहे। इस वजह से सरकारी रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर आ गया है। हर शहर में जमीन की कीमत बेतहाशा बढ़ गई, लेकिन शासकीय दस्तावेजों में कीमत अब तक कम है।

इस अंतर को खत्म करने के लिए ही नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी है। वैसे भी 2019-20 से कलेक्टर गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन अफसरों का कहना है कि 2018-19 की कलेक्टर गाइडलाइन को भी यथावत रखा गया था।

यही वजह है कि इस बार गाइडलाइन तय करने के लिए खासी मशक्कत की जा रही है। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट को मूल्यांकन समिति परखेगी और अपनी सिफारिशें देगी। यही वजह है कि 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन इस बार 1 अप्रैल के बजाय थोड़ी देरी से जारी होगी।

(एजेंसी दवारा )

Leave A Reply

Your email address will not be published.