चीन ने अपनी एयरलाइंस को बोइंग विमान खरीदने से रोका, क्या ट्रंप भी करेंगे पलटवार? – china stops boeing aircraft purchase amid us trade war tensions escalate
US-China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर और भी गहरा हो गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपनी एयरलाइंस को बोइंग के विमान की डिलीवरी लेने से रोक दिया है। इसकी वजह टैरिफ वॉर ही है, जिसकी शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल के साथ की थी।चीन के एयरलाइंस वाले फैसले के साथ माना जा रहा है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टैरिफ वॉर का संकट और भी गहरा कर सकता है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि ट्रंप इसके जवाब में चीन पर पाबंदियां सख्त कर सकते हैं।चीन ने क्या फैसला किया है?संबंधित खबरेंचीन ने अपनी एयरलाइंस से कहा है कि वे बोइंग विमान न खरीदें। साथ ही, अमेरिकी कंपनियों से विमान से जुड़ा उपकरण और कलपुर्जे खरीदना भी बंद कर दें। पिछले हफ्ते अमेरिका ने चीन से आने वाले आयात पर 145% तक शुल्क लगाने की घोषणा की थी। चीन ने ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ को गैरकानूनी बताया और अमेरिकी उत्पादों पर 125% तक जवाबी टैरिफ लगा दिया।इन टैरिफ्स के चलते अमेरिका से विमान और उसके पुर्जे खरीदने की लागत में भारी वृद्धि होने की संभावना है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन सरकार उन एयरलाइंस की मदद करने की कोशिश कर रही है जो बोइंग जेट्स लीज पर लेती हैं और अब अधिक लागत का सामना कर रही हैं।चीन को राहत नहीं दे रहे ट्रंपअमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले हफ्ते अचानक टैरिफ बढ़ोतरी पर रोक लगाने का ऐलान किया था, लेकिन चीन को इससे कोई तात्कालिक राहत नहीं मिली। हालांकि शुक्रवार को अमेरिकी अधिकारियों ने चीन समेत कुछ देशों के लिए स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और कंप्यूटर जैसे हाई-टेक प्रोडक्ट्स पर नए टैरिफ से छूट देने की घोषणा की।चीन का कहना है कि यह छूट नाकाफी है और अमेरिका को फौरन रेसिप्रोकल टैरिफ को वापस लेना चाहिए। वहीं, ट्रंप चीन को लगातार ‘टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला देश’ बता रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर लंबा खिंच सकता है, क्योंकि कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।यह भी पढ़ें : US-China Trade War: ट्रंप ने आजमाया हर दांव, पर टूट क्यों नहीं रहा चीन?