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F&O ट्रे़डिंग करते हैं? तो ITR फाइल करने से पहले टैक्स के नियमों को जान लें – future and options trading know tax rules applicable on f and o trading before you file income tax return

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अगर आप फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) में ट्रेडिंग करते हैं तो इससे हुए प्रॉफिट और लॉस का हिसाबकिताब अभी से कर लें। आपको इनकम टैक्स रिटर्न में इस बारे में बताना होगा। आपको 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च के बीच हुए प्रॉफिट-लॉस का कैलकुलेशन करना होगा। इसकी जानकारी वित्त वर्ष 2024-25 के इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी। रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख आम तौर पर 31 जुलाई होती है।एफएंडओ से लॉस पर टैक्स के नियम थोड़े जटिल हैंF&O ट्रेडिंग में प्रॉफिट से जुड़े इनकम टैक्स के नियम आसान हैं। लेकिन, लॉस के नियम थोड़े जटिल हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्श 43(5) के मुताबिक, एफएंडओ से होने वाली इनकम या लॉस को नॉन-स्पेकुलेटिव बिजनेस इनकम माना जाता है। इसे बिजनेस या प्रोफेशन के प्रॉफिट्स एंड गेंस हेड के तहत दिखाना पड़ता है। इस प्रॉफिट पर टैक्स के सामान्य प्रावधान लागू होते हैं। इस पर टैक्सपेयर्स के स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है।संबंधित खबरेंइंट्रा-हेड सेट ऑफ रूल्स का मतलबइंट्रा-डे ट्रेडिंग और शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट पर टैक्स के नियम अलग हैं। इस मामले में इंट्रा-हेड सेट-ऑफ रूल्स को समझना जरूरी है। इसका मतलब दूसरे स्रोत से होने वाली इनकम के साथ लॉस को एडजस्ट करने से है। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए आपको एफएंड ट्रेडिंग से लॉस होता है। चूंकि इसे नॉन-स्पेकुलेटिव बिजनेस इनकम माना जाता है, जिससे इस लॉस को किसी दूसरे बिजनेस से होने वाले प्रॉफिट के साथ सेट-ऑफ किया जा सकता है।इंटर-हेड सेटऑफ रूल्स का मतलबआपको इंटर-हेड सेटऑफ रूल्स को भी समझने की जरूरत है। इसमें एक स्रोत से होने वाले इनकम को दूसरे स्रोत की इनकम के साथ एडजस्ट किया जा सकता है। इसके लिए कुछ नियम और शर्तें तय की गई हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 71 के तहत नॉन-स्पेकुलेटिव बिजनेस से होने वाले लॉस को सिर्फ इनकम फ्रॉम सैलरी को छोड़ दूसरे सभी इनकम हेड के साथ एडजस्ट किया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को एफएंडओ ट्रेडिंग से लॉस होता है तो उसे वह रेंटल इनकम, कैपिटल गेंस या इंटरेस्ट इनकम के साथ एडजस्ट कर सकता है। लेकिन, वह इस लॉस को सैलरी इनकम के साथ एडजस्ट नहीं कर सकता।एफएंडओ प्रॉफिट- लॉस की जानकारी देना जरूरी हैचूंकि, पिछले कुछ सालों में एफएंडओ ट्रेडिंग करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसलिए ऐसे लोगों को एफएंडओ के प्रॉफिट और लॉस के टैक्स के नियमों को ठीक तरह से जान लेना जरूरी है। इनकम टैक्स रिटर्न में इस बारे में बताना जरूरी है। अगर कोई टैक्सपेयर इस बारे में रिटर्न में नहीं बताता है तो उसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिल सकता है।

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