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कोल इंडिया से लेकर LIC तक, इन सरकारी कंपनियों में फिर हिस्सेदारी बेचने की तैयारी – government is planning to offload stake in coal india lic rvnl grse in this financial year

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केंद्र सरकार एक बार फिर से कुछ सरकारी कंपनियों (PSUs) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। इस लिस्ट में कोल इंडिया (Coal India), LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम), RVNL (रेल विकास निगम लिमिटेड) और GRSE (गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स) जैसी कंपनियों के नाम शामिल है। सरकार इन कंपनियों में ऑफर फार सेल (OFS) के जरिए अपनी हिस्सेदारी घटा सकती है। इस योजना से वाकिफ 2 सीनियर अधिकारियों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है।सूत्रों के मुताबिक, RVNL में OFS की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के बाद शुरू हो सकती है, जबकि LIC में हिस्सेदारी बिक्री की योजना चौथी तिमाही में लागू की जा सकती है। LIC की हिस्सेदारी बिक्री इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि 2022 में हुई इसकी लिस्टिंग के बाद से अब तक सरकार ने अब तक इसमें फिर से हिस्सेदारी नहीं घटाई है।सरकार इन सभी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री को धीरे-धीरे और बाजार की स्थिति के आधार पर घटाएगी। यह फैसला हाल ही में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में ₹5,000 करोड़ के सफल OFS के बाद लिया गया है, जो कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली विनिवेश प्रक्रिया थी।संबंधित खबरेंGRSE और RVNL के लिए नियुक्त हुए ट्रांजैक्शन एडवाइजरएक सूत्र ने बताया, “RVNL का OFS इस साल आने की पूरी संभावना है। मई के बाद, जब FY25 के नतीजे आएंगे, तब निवेशकों के लिए रोड शो आयोजित किए जाएंगे। इसी तरह, GRSE में भी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई गई है, और इसके लिए ट्रांजैक्शन एडवाइजर नियुक्त किए जा चुके हैं।”कोल इंडिया और LIC पर सबसे अधिक फोकसएक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया, “सरकार इस वित्त वर्ष में दो मुख्य बड़ी सरकारी कंपनियों- कोल इंडिया और LIC में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। हालांकि कोल इंडिया में सरकार की हिस्सेदारी 51% की सीमा के करीब है। यह एक मुनाफे वाली कंपनी है और 2024–25 में यह सबसे अधिक डिविडेंड देने वाली सरकारी कंपनी रही। ”सरकार की योजना के मुताबिक, LIC के लिए OFS चौथी तिमाही में लाया जाएगा। लेकिन फिलहाल सरकार की प्राथमिकता IDBI बैंक की रणनीतिक बिक्री को पूरा करना है।अब तक का डिविडेंड और सरकारी हिस्सेदारीवित्त वर्ष 2024–25 में, सरकार को पब्लिक सेक्टर की कंपनियों (CPSEs) से रिकॉर्ड 74,016.68 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला। इसमें कोल इंडिया ने ₹10,252.09 करोड़ के डिविडेंड के साथ सबसे बड़ा योगदान दिया। सरकार के पास फिलहाल कोल इंडिया में 63.13%, LIC में 96.50%, RVNL में 72.84%, और GRSE में 74.50% की हिस्सेदारी है।यह भी पढ़ें- Gensol जैसी और भी कंपनियां हैं स्टॉक मार्केट में, Vijay Kedia के इन 10 सूत्रों से करें पहचान

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