आर्टिकल 370 हटने के बाद J&K में क्या बदलाव हुआ? गृह मंत्री अमित शाह ने चुन-चुन कर दिया विपक्ष को जवाब – what changes happened in jammu and kashmir after removal of article 370 hm amit shah gave answer to opposition
Parliament Budget Session: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद हुए परिवर्तन के बारे में सवाल पूछने वाले विपक्षी नेताओं पर करारा प्रहार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि इसके समाप्त होने के बाद वहां आतंकवाद, पथराव, जबरदस्ती बंद की घटनाओं में भारी कमी आई है। साथ ही राज्य में जितना निवेश आया, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ था। शाह ने जम्मू-कश्मीर एवं वहां के आतंकवाद, वाम नक्सलवाद एवं पूर्वोत्तर के उग्रवाद को तीन नासूर की संज्ञा दी। इन्होंने कहा कि यदि इन तीनों समस्याओं को जोड़ दिया जाए तो चार दशकों में देश के कुल 92 हजार नागरिक मारे गए।उन्होंने कहा कि इन तीनों समस्याओं के लिए पहले ऐसे कभी सुनियोजित प्रयास नहीं किए गए जो नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद किए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले पड़ोसी देश से आतंकवादी सीमा पार कर आते थे और यहां धमाके करते थे। हत्याएं करते थे। उन्होंने कहा कि एक भी त्योहार ऐसा नहीं जाता था कि उसे लेकर चिंता नहीं की जाती थी। उन्होंने कहा कि उस समय की केंद्र सरकार ने लचीला रवैया अपना रखा था। वे चुप्पी साध जाते थे, बोलने में डर लगता था…वोट बैंक का भी डर था।सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया जवाबसंबंधित खबरेंअमित शाह ने कहा, “हमारे आने के बाद भी हमले हुए। उरी पर हुआ, पुलवामा पर हुआ। पहले भी हमले होते थे, कोई कुछ नहीं बोलता था, कुछ नहीं करता था। दिल्ली के अखबारों में एक छोटी-सी खबर छप जाती थी।” पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद उरी और पुलवामा हमलों के बाद दस दिन के भीतर पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की गई। उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे जो अपनी सीमा और सेना की सुरक्षा के लिए हमेशा समान के साथ तत्पर रहते थे…(ये देश हैं) अमेरिका और इजराइल…। उन दो देशों की लिस्ट में मेरे महान देश भारत का नाम जोड़ने का काम नरेंद्र मोदी ने किया।”‘देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं होंगे’उन्होंने कहा कि इसी के साथ आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति शुरू हुई। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के मूल में आर्टिकल 370 था। उन्होंने देश के संविधान निर्माताओं का धन्यवाद दिया कि उन्होंने आर्टिकल 370 में ही इसको हटाने के बीज डाल दिए थे। शाह ने कहा कि इसी सदन ने पांच अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा, “हमारे संविधान निर्माताओं का वह स्वप्न कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं होंगे…पांच-छह अगस्त (2019) को एक प्रधान, एक विधान और एक निशान कायम हुआ।”कश्मीर में क्या-क्या हुए बदलाव?गृह मंत्री ने आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई एवं महिलाओं के हितों को संरक्षित करने सहित विभिन्न कानून लागू करने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य पूछते हैं कि वहां क्या परिवर्तन हुआ? गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष के 33 वर्ष के शासन में वहां रात के समय सिनेमा हॉल नहीं खुलते थे। लेकिन आज वे खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 34 साल बाद वहां ताजिए के जुलूस की अनुमति दी गई।उन्होंने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत लाल चौक पर हर घर पर तिरंगा फहराया गया। उन्होंने वहां जन्माष्टमी, सरस्वती पूजा और खीर भवानी की पूजा होने की ओर भी ध्यान दिलाया। शाह ने कहा कि पहले आतंकवादियों के मारे जाने पर बड़े-बड़े जुलूस निकलते थे किंतु आज कोई जुलूस नहीं निकलता और आतंकवादी जहां मारे जाते हैं, उनको वहीं दफना दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और आतंकवाद के समर्थकों पर सरकारी नौकरियों, पासपोर्ट, सरकारी ठेकों में प्रतिबंध लगा दिया गया है।कितने आतंकी हमले हुए?शाह ने कहा, “छह साल हो गए 370 हटाने को। 2004 और 14 के बीच आतंकवाद की जो घटनाएं थी वह 7,217 से घटकर 2,242 हो गई है। मृत्यु में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नागरिकों की हत्या में 81 प्रतिशत और सुरक्षा बलों की मौत में 50 प्रतिशत की कमी आई है।” शाह ने कहा, “2010 से 14 के बीच औसतन व्यवस्थित पथराव की 2,654 घटनाएं हुई। 2024 में एक भी नहीं हुई…। संगठित हड़ताल 132 हुई, आज एक भी हड़ताल नहीं होती है। पत्थरबाजी में नागरिकों की मृत्यु 112 हुई थी, 6000 लोग जख्मी हुए थे अब पथराव ही नहीं है तो मृत्यु या जख्मी होने का सवाल ही नहीं होता है।”पथराव बंदउन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आज किसी की हिम्मत नहीं है कि पथराव और संगठित बंद कर ले। शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर की तिजोरी खाली हो गई थी जबकि आज वहां करोड़ों रूपये का निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज वहां निवेश का माहौल बनाया गया है।कश्मीर में आया भारी निवेशअमित शाह ने कहा, “12,000 करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतरा है। जबकि 1,10,000 करोड़ रुपये की योजनाएं क्रियान्वयन की प्रक्रिया में है। पूरे 70 साल में 14,000 करोड़ का निवेश आया था। इन 10 सालों में 12,000 करोड़ के निवेश का उत्पादन शुरू हो चुका है। पर्यटन फिर शुरू हो गया है। 2023 में 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक आए।” गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में पयर्टन हुआ। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में हाल में लोकसभा चुनाव के दौरान एक भी गोली नहीं चली और एक भी बूथ में गड़बड़ी की शिकायत नहीं की गई।