अमेरिका ने रोकी फंडिंग तो अफगान शरणार्थियों पर कहर बनकर टूटा पाकिस्तान! 900,000 लोगों को निकालने की दी धमकी – pakistan threatens to deport 900000 afghan refugees after usa funding cuts says report
Pakistan News: अमेरिका की तरफ से फंडिंग रोकने के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय सहायता में गिरावट के कारण पाकिस्तान लगभग 900,000 अफगान शरणार्थियों को निकालने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान में लगभग 30 लाख अफगान शरणार्थी रहते हैं। वे लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष और हाल ही में 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने से बचने के लिए सीमा पार कर पाकिस्तान आए हैं। ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सरकार ने इसे लेकर एक चेतावनी भी जारी कर दी है।रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने लगभग 870,000 अफगान नागरिकता कार्ड (ACC) धारकों को चेतावनी जारी की है। इसमें उन्हें 1 अप्रैल से पहले स्वेच्छा से पाकिस्तान छोड़ने या जबरन स्वदेश वापस भेजे जाने का आग्रह किया गया है।पाकिस्तान ने देश में रहने वाले अफगान शरणार्थियों का दस्तावेजीकरण करने के लिए 2017 में एसीसी की शुरुआत की थी। फाइनेंशियल टाइम्स से नाम न बताने की शर्त पर बात करते हुए एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक ने निर्वासन बढ़ाने के कदम के पीछे एक प्रमुख कारक के रूप में इंटरनेशनल सहायता में कमी का हवाला दिया।संबंधित खबरेंयूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी (UNHCR) ने बताया कि पिछले साल अफगान शरणार्थियों की मेजबानी के लिए पाकिस्तान को मिली 100 मिलियन डॉलर से अधिक की वैश्विक सहायता में से 42 फीसदी का योगदान अमेरिका ने दिया था।हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने 20 जनवरी को एक आदेश में शरणार्थी सहायता सहित लगभग सभी विदेशी सहायता को रोक दिया। इस आदेश ने दुर्लभ व्यक्तिगत मामलों को छोड़कर अमेरिका में शरणार्थियों के पुनर्वास को भी निलंबित कर दिया।विदेशी सहायता में कटौती और शरणार्थियों के पुनर्वास पर रोक दोनों को अदालत में चुनौती दी गई है। लेकिन पश्चिमी और पाकिस्तानी अधिकारियों ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि सहायता के स्तर को बहाल किए जाने की संभावना नहीं है।अमेरिकी फंडिंग के साथ भी पिछले साल पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के लिए इंटरनेशनल सहायता संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 368 मिलियन डॉलर के लक्ष्य से काफी कम रही। यूएनएचसीआर के प्रवक्ता कैसर खान अफरीदी ने कहा कि अमेरिकी फंडिंग रोक से एजेंसी के संचालन पर काफी प्रभाव पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आपातकाल की स्थिति में प्रतिक्रिया देने की इसकी क्षमता पर भी गंभीर चुनौती आ रही है।ये भी पढ़ें- UP Student Suicide: ₹800 बकाया फीस बाकी होने पर स्कूल ने नहीं दिया एडमिट कार्ड, परीक्षा छूटने से निराश छात्र ने की आत्महत्या20,000 से ज्यादा अफगान शरणार्थी और उनके परिवार अमेरिका में हैं। वे विशेष अप्रवासी वीजा के तहत अमेरिका में पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। जनवरी में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने CBS न्यूज को बताया कि अफगानिस्तान से शरणार्थियों को USA में एंट्री करने की अनुमति देने के लिए जांच प्रक्रिया बहुत कमजोर थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने पिछले महीने तुर्की के टीवी चैनल से कहा था कि अगर वाशिंगटन सितंबर तक उन्हें स्वीकार नहीं करता है तो इन शरणार्थियों को भी निर्वासित कर दिया जाएगा।