निराशा के बीच प्राइवेट बैंकिंग स्टॉक्स में दिख रहा मौका, अभी निवेश करने पर होगी तगड़ी कमाई – stock markets fall private banking stocks may deliver handsome return amidst market fall
कंज्यूमर स्टॉक्स निवेशकों को निराश कर सकते हैं। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को देखते हुए निवेशकों की दिलचस्पी कंज्यूमर स्टॉक्स में बढ़ सकती है। डीएसपी म्यूचुअल फंड के हेड ऑफ प्रोडक्ट्स साहिल कपूर ने यह अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि कई कंज्यूमर कंपनियां ग्रोथ के लिए संघर्ष करती नजर आ रही हैं। उन्होंने प्राइवेट बैंकों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद से प्राइवेट सेक्टर बैंकों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। लेकिन, अब उनकी स्थिति बेहतर होने के संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि करीब 70 फीसदी प्राइवेट बैंकों के शेयरों में उनके बॉटम के करीब ट्रेडिंग हो रही है।कपूर ने कहा कि जब कभी प्राइवेट बैंकों के स्टॉक्स इतने सस्ते हुए हैं, उनका रिटर्न काफी अच्छा रहा है। दरअसल कई सालों तक चढ़ने के बाद इंडियन मार्केट्स ऐसे फेज में हैं, जिसमें हाई वैल्यूएशंस के बीच अर्निंग्स में सुस्ती दिखी है। उन्होंने कहा कि अगर पूरे बाजार की बात की जाए तो यह अब भी सस्ता नहीं है। सिर्फ कुछ मुट्ठीभर शेयरों में वैल्यू दिख रही है। इसमें प्राइवेट बैंक सबसे आगे हैं। FY24 तक कॉर्पोरेट प्रॉफिट की सीएजीआर 20 फीसदी रही है। लेकिन FY25 में इसके 10 फीसदी से नीचे आ जाने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि इसमें रेवेन्यू ग्रोथ में सुस्ती, मार्जिन में कमी और पहले से चली आ रही चुनौतियों का हाथ है।उन्होंने कहा कि इस बार स्थिति थोड़ी अलग है कि कंपनियों की बैलेंसशीट मजबूत है और कर्ज कई दशकों में सबसे कम है। पिछले दो दशकों में मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, यूटिलिटीज, केमिकल और हेल्थकेयर सेक्टर में कंपनियों ने अपने कर्ज को काफी कम किया है। इसके बावजूद वैल्यूएशन अब भी चिंताजनक बनी हुई है। पिछले 5 सालों में Nifty Total Returns Index की सीएजीआर 25 फीसदी रही है। यह 13.1 फीसदी के लंबी अवधि के औसत के मुकाबले काफी ज्यादा है।संबंधित खबरेंप्राइवेट बैंकों के बारे में कपूर ने कहा कि आज इन बैंकों की जो वैल्यूएशन है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि आगे इनका प्रदर्शन अच्छा रहेगा। बैंकिंग सेक्टर में स्थितियां भी काफी अनुकूल दिख रही हैं। बैंकों का डूबा कर्ज (NPA) कई सालों के निचले स्तर पर है। रिटर्न ऑन एसेट (RoA) रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। कॉर्पोरेट प्रॉफिट में प्राइवेट बैंकों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। बैंकिंग सेक्टर को छोड़ दिया जाए तो दूसरे सेक्टर में वैल्यू मुश्किल से दिख रही है। सिर्फ ऑयल एंड गैस, केमिकल और ऑटो में कुछ उम्मीद दिख रही है।