AYUSH Health Insurance: आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी से इलाज कराने पर मिलेगा बीमा कवर? जानिए क्या हैं नियम – ayush health insurance cover ayurveda yoga siddha homeopathy policy rules india 2025
AYUSH Health Insurance: भारत में पारंपरिक चिकित्सा- जैसे कि आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी स्वास्थ्य प्रणाली का अहम हिस्सा रही हैं। हालांकि, इन उपचार माध्यमों को लंबे समय तक बीमा कवर में शामिल नहीं किया गया था। लेकिन 2013 में बीमा नियामक संस्था IRDAI ने AYUSH (Ayurveda, Yoga & Naturopathy, Unani, Siddha, and Homeopathy) को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल करने की अनुमति दी। इसके बाद वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को औपचारिक कवरेज मिलने का रास्ता साफ हुआ।अब बीमाधारक न सिर्फ एलोपैथी, बल्कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लिए भी बीमा दावा कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें और सीमाएं तय हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है।आयुष ट्रीटमेंट के बारे में बढ़ रही है जागरूकतासंबंधित खबरेंनेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) ने 2024 में एक सर्वे कराया था। इसके मुताबिक, ग्रामीण भारत में 95% और शहरी क्षेत्रों में 96% लोगों को आयुष चिकित्सा पद्धति की जानकारी है। सर्वे में यह भी सामने आया कि 46% ग्रामीण और 53% शहरी आबादी ने बीते एक साल में किसी न किसी रूप में आयुष उपचार का सहारा लिया।सरकार भी इस दिशा में पहल कर रही है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) में 170 आयुष पैकेज शामिल किए जा रहे हैं। साथ ही, हर तहसील में पारंपरिक औषधि स्टोर खोलने की योजना पर भी काम चल रहा है।इंश्योरेंस कवर में क्या-क्या आता है?अब अधिकांश निजी बीमा कंपनियां अपनी योजनाओं में आयुष उपचार को कवर कर रही हैं। यह कवर या तो पूरा सम इंश्योर्ड होता है, या फिर इसमें कोई सब-लिमिट लागू हो सकती है। कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में आयुष ट्रीटमेंट के लिए जो खर्च कवर किया जाएगा, वह एक फिक्स्ड रकम (लंपसम) हो सकता है। जैसे कि ₹25,000 तक का खर्च ही मिलेगा, चाहे आपकी पूरी पॉलिसी ₹5 लाख की क्यों न हो।वहीं, कुछ मामलों में यह लिमिट आपकी कुल बीमित राशि (Sum Insured) का एक प्रतिशत हो सकती है। जैसे कि अगर आपकी पॉलिसी ₹5 लाख की है, और आयुष के लिए 10% की सीमा है, तो आप आयुष ट्रीटमेंट पर सिर्फ ₹50,000 तक ही क्लेम कर सकते हैं।ऐसे में बीमाधारक को क्लेम करते समय यह देखना जरूरी है कि उनकी पॉलिसी में आयुष उपचार के लिए कितनी सीमा तय है और क्या उस पर कोई अतिरिक्त शर्त लागू है।AYUSH इलाज के लिए क्लेम कैसे करें?AYUSH इलाज का खर्चा क्लेम करने के लिए कम से कम 24 घंटे का अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है। यह अस्पताल सरकारी मान्यता प्राप्त AYUSH अस्पताल या संस्थान होना चाहिए। अगर भर्ती सिर्फ मेडिकल जांच के लिए है, तो बीमा कंपनी दावा स्वीकार नहीं करेगी। साथ ही, शरीर को फिर से ऊर्जा देने वाले पुनरोद्धार (rejuvenation) उपचार आमतौर पर बीमा के अंतर्गत नहीं आते, इसलिए ऐसे खर्च खुद उठाने होंगे।कौन ले सकता है AYUSH हेल्थ इंश्योरेंस?कई प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियां AYUSH कवरेज को स्टैंडर्ड पॉलिसी, ऐड-ऑन ऑप्शन, या अलग योजना के रूप में देती हैं। इसके लिए पात्रता और कवर की सीमा बीमा योजना की शर्तों में दी गई होती है। यह बीमा CGHS (केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना) के तहत आने वाले सेवा में कार्यरत या सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी मिलता है।इसके अलावा राज्य सरकार की योजनाएं- जैसे आंध्र प्रदेश की “आरोग्यश्री” और कई राज्यों में लागू “आयुष्मान भारत” भी AYUSH उपचार को कवर करती हैं।यह भी पढ़ें : Home Insurance: युद्ध से अगर घर को नुकसान पहुंचे, तो क्या बीमा काम आएगा?