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Bank FD vs Corporate FD: कौन है बेहतर, समझ लीजिए नफा-नुकसान का पूरा हिसाब – bank fd vs corporate fd which is better where will you get higher interest

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Bank FD vs Corporate FD: आज भी बहुत से लोग शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड के बजाय फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करना पंसद कर सकते हैं। इसकी दो बड़ी वजहें हैं। एक तो एफडी में शेयर मार्केट जैसा भारी उतार-चढ़ाव का जोखिम नहीं रहता है, दूसरे आपको स्थिर रिटर्न का लाभ मिलता है। लेकिन, बैंक एफडी के साथ दिक्कत यह होती है कि इसमें ब्याज दर कम होती है। ऐसे में अगर आप एफडी में ही निवेश करना चाहते हैं, तो कॉरपोरेट एफडी का विकल्प भी आजमा सकते हैं।कॉरपोरेट FD क्या है?कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) बैंक के बजाय कंपनियां करती हैं। इसमें निवेशक एक तय समय के लिए एकमुश्त रकम जमा करते हैं और उस पर ब्याज कमाते हैं। ये एफडी मुख्य रूप से नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) और अन्य कॉरपोरेट फर्म करती हैं।संबंधित खबरेंकॉरपोरेट FD में निवेश क्यों करें?जो लोग पारंपरिक बैंक FD की तुलना में अधिक ब्याज कमाना चाहते हैं, उनके लिए कॉरपोरेट FD एक अच्छा विकल्प हो सकता है। बैंक एफडी में अमूमन 6-7% का ब्याज मिलता है। वहीं कॉरपोरेट एफडी 7-9% तक रिटर्न दे सकती हैं।इसमें निवेशकों को ब्याज भुगतान के लिए अलग-अलग विकल्प भी मिलते हैं। जैसे कि मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना। निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से 12 महीने से लेकर 10 साल तक की अवधि चुन सकते हैं। अच्छी बात यह है कि इसमें बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती, आप सिर्फ ₹5,000 से भी निवेश शुरू कर सकते हैं।कौन लोग करें निवेश? जो लोग बैंक एफडी से अधिक ब्याज दर पाना चाहते हैं, उनके लिए कॉरपोरेट एफडी बेहतर विकल्प है। जिनका खर्च ब्याज आय पर निर्भर करता है, वे अपनी जरूरत के हिसाब से ब्याज भुगतान का समय चुन सकते हैं। बैंक एफडी की तरह कॉरपोरेट FD सरकारी बीमा के तहत नहीं आती, इसलिए उनमें थोड़ा जोखिम रहता है। जो लोग मध्यम स्तर का जोखिम उठा सकते हैं, वे इसमें निवेश कर सकते हैं। अगर आपने बॉन्ड्स या म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रखा है, तो बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करने के लिए कॉरपोरेट FD को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ सकते हैं। जिन लोगों को 1 से 5 साल की अवधि के लिए निवेश करना है और मार्केट वोलैटिलिटी से बचना चाहते हैं, उनके लिए यह बढ़िया ऑप्शन है। निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्यालअगर आप सुरक्षित और निश्चित रिटर्न चाहते हैं, लेकिन बैंक एफडी से ज्यादा कमाना चाहते हैं, तो कॉरपोरेट FD एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें रिटर्न पहले से तय होता है, जिससे निवेशकों को यह मालूम होता है कि उन्हें कितना मिलेगा, चाहे बाजार ऊपर-नीचे हो या न हो। हालांकि, निवेश करने से पहले कंपनी की क्रेडिट रेटिंग और उसकी वित्तीय स्थिति की जांच जरूर करें।यह भी पढ़ें : Investment Plan: ₹20 लाख आसानी से बन सकते हैं ₹1 करोड़, जानिए कहां और कैसे करें निवेश

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