Belated ITR filing: कैसे फाइल करें बिलेटेड रिटर्न, कितनी लगेगी पेनल्टी और लेट फीस; जानिए हर एक डिटेल – belated itr filing complete guide how to file penalties late fees refund eligibility and revision rules explained
Belated ITR filing: अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन चूक गए हैं, तो अब आपको ‘बिलेटेड रिटर्न’ भरना होगा। यह काम भी आपको 31 दिसंबर से पहले कर लेना होगा, ताकि अतिरिक्त पेनल्टी या नोटिस से बचा जा सके। ITR दाखिल करने की मूल डेडलाइन 31 जुलाई थी। इसे पहले 15 सितंबर और फिर आखिर में 24 घंटे की मोहलत देने के लिए 16 सितंबर तक बढ़ाया गया था।बिलेटेड रिटर्न क्या है?जो ITR सेक्शन 139(1) में बताई गई तय तारीख के बाद भरा जाता है, वो बिलेटेड रिटर्न होता है। आमतौर पर यह तारीख 31 जुलाई होती है। लेकिन, इस असेसमेंट ईयर में ITR फॉर्म्स में कई बदलाव हुए। इसकी वजह से डेडलाइन 16 सितंबर तक बढ़ाई गई थी। इसका मतलब है कि 16 सितंबर के बाद और 31 दिसंबर तक भरा गया ITR बिलेटेड ITR कहा जाएगा।संबंधित खबरेंबिलेटेड रिटर्न पर पेनल्टी और फीस ₹5 लाख से ज्यादा की सालाना कमाई वाले टैक्सपेयर्स पर ₹5,000 की पेनल्टी लगेगी। ₹5 लाख से कम की सालाना कमाई वाले टैक्सपेयर्स पर ₹1,000 की पेनल्टी लगेगी। इसके अलावा जितना टैक्स बकाया है, उस पर हर महीने 1% ब्याज देना होगा। आयकर विभाग के मुताबिक, ‘सेक्शन 234F के तहत, 139(1) में तय तारीख के बाद रिटर्न दाखिल करने पर ₹5,000 की लेट फीस देनी होगी। लेकिन अगर कुल इनकम ₹5 लाख से कम है, तो यह फीस ₹1,000 होगी।’बिलेटेड रिटर्न पर सीमाएंआप बिलेटेड रिटर्न के जरिए रिफंड तो क्लेम कर सकते हैं, लेकिन टैक्स रीजीम नहीं बदल सकते। यानी, अगर आपने समय पर ITR नहीं भरा तो हो सकता है कि आपको ज्यादा टैक्स देना पड़े और कम रिफंड मिले। कुछ डिडक्शन और छूट (जैसे 10A, 10B, 80-IA, 80-IB, 80-IC, 80-ID और 80-IE) बिलेटेड रिटर्न में उपलब्ध नहीं होतीं।साथ ही, डेडलाइन मिस करने वाले टैक्सपेयर्स कुछ अन्य फायदे भी खो देते हैं। जैसे कि बिजनेस और कैपिटल गेन का लॉस आगे के सालों में कैरी फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे। हालांकि, हाउस प्रॉपर्टी का लॉस बिलेटेड रिटर्न में भी कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है।अगर टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है, तो 3 महीने से 2 साल तक की सख्त कैद हो सकती है। वहीं अगर बकाया टैक्स ₹25 लाख से ज्यादा है, तो 6 महीने से 7 साल तक की कैद हो सकती है। यह आमतौर पर सैलरी वाले लोगों पर लागू नहीं होता।बिलेटेड रिटर्न कैसे फाइल करें? ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें। e-File पर जाएं और Income Tax Returns चुनें। File Income Tax Return पर क्लिक करें। मोड चुनें। Start New Filing पर क्लिक करें। स्टेटस चुनें (individual/HUF/others)। लागू ITR फॉर्म चुनें। Personal Information में सभी डिटेल्स वेरीफाई करें। Filing Section में 139(4) (Belated Return filed after due date) चुनें। इनकम डिटेल्स, डिडक्शन आदि भरें और ITR सबमिट करें। क्या बिलेटेड रिटर्न से रिफंड मिल सकता है?हां, आप बिलेटेड रिटर्न से भी रिफंड क्लेम कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करना और ITR को ई-वेरिफाई करना जरूरी है।बिलेटेड रिटर्न को रिवाइज किया जा सकता है?हां, आप बिलेटेड रिटर्न का रिवाइज्ड रिटर्न भी दाखिल कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, रिवाइज्ड रिटर्न की आखिरी तारीख भी इसी असेसमेंट ईयर की 31 दिसंबर है। आयकर विभाग के मुताबिक, ‘इनकम रिटर्न को असेसमेंट ईयर खत्म होने से 3 महीने पहले या असेसमेंट पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, रिवाइज किया जा सकता है।’यह भी पढ़ें : ITR filing deadline: सरकार ने 30 सितंबर तक क्यों नहीं बढ़ाई डेडलाइन, ये 4 बड़े कारण हैं जिम्मेदारयह भी पढ़ें : Zero ITR: बड़े काम का है जीरो ITR, लोन से लेकर वीजा अप्लाई तक में मिलेगी मदद; जानें 7 फायदे