बॉलीवुड खत्म…फिल्मों का गिरा लेवल, अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन के इस बयान की हो रही खूब चर्चा – harsh varrdhan kapoor recat on bollywood is finished comment salman khan and aamir and shah rukh
Harsh Varrdhan Kapoor : फ्लॉप फिल्मों के चलते बॉलीवुड की फिल्मों की सफलता का स्तर दिन पर दिन गिरता जा रहा है। बॉलीवुड के फिल्मों का क्लब अब ज्यादातर 50 करोड़ तक सीमित हो गया है। बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्में, अपनी लागत तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या बॉलीवुड खत्मन होता जा रहा है। अभिनेता हर्षवर्धन कपूर ने हाल ही में बॉलीवुड की चुनौतियों पर खुलकर बात की है, खासकर इस दावे पर कि इंडस्ट्री “खत्म हो चुकी है।” उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा बदल रहा है और नई पीढ़ी के फिल्म निर्माता और अभिनेता पुराने फॉर्मूले से अलग हटकर कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं।इस पोस्ट पर दिया रिएक्शनबात तब शुरू हुई जब एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “बॉलीवुड खत्म हो गया है। सलमान अब एक्टिंग नहीं करना चाहते, आमिर के पास कोई फिल्म नहीं, अक्षय की कई फिल्में हैं लेकिन कोई खास असर नहीं, शाहरुख दो साल में एक फिल्म करते हैं, अजय कुछ बड़ा कर सकते हैं लेकिन सेफ चल रहे हैं। लगता है कि रणबीर कपूर ही अकेले संघर्ष कर रहे हैं।” इस पोस्ट पर हर्षवर्धन कपूर ने भी इस पर अपनी राय दी।संबंधित खबरेंपूराने फॉर्मूले को कही छोड़ने की बातहर्षवर्धन कपूर ने इस बात से इनकार किया कि बॉलीवुड खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा, “बॉलीवुड सिर्फ उन्हीं सितारों के बारे में नहीं है जो सालों से यहां हैं और वही फॉर्मूला वाली फिल्में बना रहे हैं।” हर्ष ने बताया कि इंडस्ट्री को सिर्फ बड़े सितारों और पुरानी कहानी कहने के तरीकों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि फिल्म निर्माता और प्रोड्यूसर नए आइडिया को अपनाएं, जोखिम लें और सेफ फॉर्मूलों से हटकर कुछ नया और अलग करने की कोशिश करें।कम बजट की फिल्मों का क्रेजहर्षवर्धन कपूर ने ऐसी फिल्मों को बढ़ावा देने की बात कही, जो कम बजट में बनाई जाएं लेकिन दमदार कहानियों और बेहतरीन फिल्म निर्माण पर फोकस करें। उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि प्रोड्यूसर और इन्वेस्टर्स ऐसी फिल्मों पर दांव लगाएं, जिनमें नया आइडिया हो और जो पुराने घिसे-पिटे ट्रेंड से अलग हों।” उन्होंने यह भी कहा, “अगर हम अनोखी कहानियों को बढ़ावा दें और फिल्म की शुरुआती लागत कम रखें, तो दर्शक खुद ही इन्हें देखने आएंगे।”हर्षवर्धन कपूर का मानना है कि, अच्छी फिल्म बनाने के लिए बड़े बजट की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि कम संसाधनों में बनी छोटी फिल्में भी शानदार हो सकती हैं, बस सही कहानी और बेहतरीन फिल्म निर्माण पर ध्यान देना जरूरी है। हर्षवर्धन कपूर ने बॉलीवुड में आज बन रही फिल्मों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “यह 2025 है, लेकिन जिन फिल्मों को मंजूरी मिल रही है, वे 1980 के दशक जैसी लगती हैं, और वो भी अच्छी नहीं हैं।”उनका कहना था कि फिल्म इंडस्ट्री नए और आधुनिक तरीकों को अपनाने के बजाय पुराने फॉर्मूलों पर ही चल रही है, जो आज के दर्शकों को पसंद नहीं आते। उन्होंने अपनी फिल्म थार का उदाहरण दिया और बताया कि इसका बजट कम था, लेकिन फिर भी यह कई महंगी फिल्मों से बेहतर दिखी। हर्ष ने बताया कि भावेश जोशी सुपरहीरो या थार जैसी फिल्मों को बनाने में कई साल लग जाते हैं, क्योंकि ये पारंपरिक बॉलीवुड फिल्मों से अलग होती हैं। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक कहानियों के लिए सपोर्ट मिलना बहुत मुश्किल है और ऐसी फिल्में जैसे रे और AK vs AK भी बहुत कम बनती हैं।एक्टर ने किया ये वादाहर्षवर्धन कपूर से जब कहा गया कि वे हमेशा कम बजट की फिल्मों को ही सपोर्ट करें, तो उन्होंने साफ जवाब दिया। उन्होंने माना कि पैसे की सीमाएं हैं, लेकिन उनका जुनून और नए आइडियाज कभी खत्म नहीं होते। उन्होंने कहा, “भाई, मेरे पास अनलिमिटेड पैसा नहीं है, लेकिन मेरा जुनून और आइडिया कभी खत्म नहीं होंगे। फिल्म बनाना एक बड़ा काम है, और अगर मुझे सही सपोर्ट मिला, तो मैं आपको यादगार फिल्में दूंगा।” उन्हें उम्मीद है कि बॉलीवुड भी धीरे-धीरे बदलाव को अपनाएगा और ऐसी फिल्मों को सपोर्ट करेगा, जो सच्ची क्रिएटिविटी और नई कहानियों पर फोकस करें।