ट्रेंडिंग
Gmail Fraud: यूजर्स को मिला फर्जी सिक्योरिटी अलर्ट, जानें नए फ्रॉड से कैसे बचाएं अपने पैसे - gmail f... Mother’s Day Special: आज की 'मॉम' बच्चों को कैसे सिखा रहीं बचत की ABCD, किन बातों पर रहता है जोर? - ... 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए PAN कार्ड कैसे बनवाएं? जानिए ऑनलाइन कैसे कर सकते हैं अप्लाई - how... EV गाड़ी के लिए ले रहे हैं इंश्योरेंस, तो इन 5 बातों का रखें ध्यान - buying insurance for electric v... Home Insurance: युद्ध से अगर घर को नुकसान पहुंचे, तो क्या बीमा काम आएगा? - home insurance war damage... अब WhatsApp से भर सकते हैं LIC प्रीमियम, जानिये एलआईसी प्रीमियम घर बैठे ऑनलाइन भरने का तरीका - lic l... जल्दी खत्म करना चाहते हैं पर्सनल लोन? जरूरी नियम के साथ जानिए पूरा प्रोसेस - personal loan preclosur... Kotak Mahindra Bank अब डेबिट कार्ड पर नहीं देगा इंश्योरेंस की सुविधा, जानिए कब से होगा लागू - kotak ... Capital Gains Tax: शेयर, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट पर कैसे लगता है टैक्स? समझिए पूरा कैलकुलेशन - c... Gold Price Today: शनिवार 10 मई को हरे निशान पर गोल्ड, यहां चेक करें आज का दाम - gold rate today indi...

Capital Gains Tax: शेयर, म्यूचुअल फंड और रियल एस्टेट पर कैसे लगता है टैक्स? समझिए पूरा कैलकुलेशन – capital gains tax on shares mutual funds real estate explained

5

Capital Gains Tax: निवेश से मुनाफा कमाने के साथ टैक्स का सही आकलन करना भी उतना ही जरूरी होता है। आमतौर पर रियल एस्टेट, शेयर और म्यूचुअल फंड जैसे एसेट्स की बिक्री से जो लाभ होता है, उस पर सरकार कैपिटल गेंस टैक्स लगाती है। यह टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि संपत्ति को कितने समय तक होल्ड किया गया।अगर कोई एसेट कम समय के लिए होल्ड किया गया है, तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) टैक्स लगता है। वहीं, लंबी अवधि के निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) लागू होता है। रियल एस्टेट के मामले में 24 महीने से कम की होल्डिंग को शॉर्ट टर्म माना जाता है। स्टॉक्स और सिक्योरिटीज के लिए यह अवधि 12 महीने है।शेयर बेचने पर कैपिटल गेंस टैक्ससंबंधित खबरेंशेयरों को एक साल के भीतर बेचने पर मुनाफा 20% की दर से टैक्सेबल होता है। लेकिन अगर निवेशक ने शेयर एक साल से ज्यादा समय तक रखे, तो उस पर 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। सरकार ने निवेशकों को राहत देते हुए यह व्यवस्था भी की है कि एक वित्त वर्ष में ₹1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म गेन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।मिसाल के तौर पर, अगर किसी निवेशक ने ₹1 लाख के शेयर खरीदे और एक साल के भीतर उन्हें ₹2.5 लाख में बेच दिया, तो ₹1.5 लाख के लाभ पर 20% टैक्स देना होगा।म्यूचुअल फंड पर टैक्सम्यूचुअल फंड दो तरह के होते हैं- इक्विटी और डेट। इक्विटी यानी शेयर बाजार में पैसा लगाने फंड्स की बिक्री अगर एक साल के भीतर होती है, तो 20% की दर से शॉर्ट टर्म टैक्स लगता है। वहीं एक साल से ज्यादा की होल्डिंग पर 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। यहां भी ₹1.25 लाख तक के लाभ पर टैक्स छूट का प्रावधान है।डेट यानी बॉन्ड और सिक्योरिटीज में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड्स के लिए नियम दो साल पहले बदले गए हैं। 1 अप्रैल 2023 के बाद खरीदे गए डेट फंड्स की बिक्री पर चाहे होल्डिंग कितनी भी हो, टैक्स व्यक्ति की आयकर स्लैब के अनुसार लगेगा। वहीं, 1 अप्रैल 2023 से पहले खरीदे गए फंड्स के मामले में 24 महीने से ज्यादा की होल्डिंग पर 12.5% लॉन्ग टर्म टैक्स और उससे कम अवधि पर स्लैब रेट से शॉर्ट टर्म टैक्स लागू होता है।रियल एस्टेट पर कैपिटल गेंस टैक्सअगर किसी व्यक्ति ने कोई प्रॉपर्टी खरीदने के 24 महीने के भीतर बेच दी, तो उस पर होने वाला लाभ उसकी कुल सालाना इनकम में जोड़ा जाएगा और टैक्स उसी स्लैब के अनुसार लगाया जाएगा। इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है।वहीं, यदि प्रॉपर्टी को 24 महीने से ज्यादा समय तक रखा गया है, तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लागू होता है, जिसकी दर 12.5% है। हालांकि, यहां इंडेक्सेशन का लाभ नहीं दिया जाता।यह भी पढ़ें : ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अक्सर होती हैं ये 5 गलतियां, क्या है बचने का तरीका?

Leave A Reply

Your email address will not be published.