इस देश में अब बच्चे नहीं देख पाएंगे TikTok, Facebook और Instagram, लेकिन YouTube को मिली छूट, जानें क्यों – social media platforms tiktok facebook and instagram ban in australia for children
TikTok, Facebook and Instagram Banned for Children: सोशल मीडिया ने हमारे दोस्तों और परिवार के साथ हमारे रिश्तों को बदल दिया है। लेकिन अब सोशल मीडिया के गिरफ्त में हमारे बच्चे आने लगे हैं। बच्चों पर तकनीक के प्रभाव को लेकर दुनियाभर में बेचैनी बढ़ रही है। इन चिंताओं ने ऑस्ट्रेलिया को पिछले नवंबर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कानून पारित करने के लिए प्रेरित किया। ऑस्ट्रेलिया ने अब 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए TikTok, Facebook और Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है।हालांकि, अब YouTube को इस बैन से छूट मिल गई है, जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, किशोरों के लिए सोशल मीडिया प्रतिबंध से बचने के लिए YouTube को एक ऑस्ट्रेलियाई मंत्री से कुछ मदद मिली, जिसने TikTok, Facebook, Instagram और अन्य प्लेटफार्मों को नाराज कर दिया है। Facebook और Instagram की पैरेंट कंपनी मेटा के साथ-साथ, Snapchat और TikTok ने भी इसे लेकर आपत्ति जताई है।TikTok ने इसे नाइंसाफी करार देते हुए कहा कि YouTube और TikTok के बीच कोई बड़ा फर्क नहीं है। फिर सिर्फ टिकटॉक को क्यों बैन किया गया। उन्होंने कहा कि जब दोनों ही प्लेटफॉर्म्स शॉर्ट वीडियो शेयरिंग के लिए हैं, फिर यूट्यूब को छूट क्यों मिली, यह समझ से बाहर है।संबंधित खबरेंरिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने कथित तौर पर YouTube के सीईओ नील मोहन को व्यक्तिगत तौर पर गारंटी दी थी कि अल्फाबेट इंक के स्वामित्व वाले अंडर-16 सोशल-मीडिया प्रतिबंध से छूट दी जाएगी। मिशेल रोलैंड ने YouTube को दी गई गारंटी के बाद, 9 दिसंबर 2024 को नील मोहन से लिखा था कि उन्होंने यूट्यूब के लिए कानूनी छूट दी है।इसके बाद, उन्होंने YouTube के अधिकारियों से मुलाकात की योजना बनाई थी। हालांकि यह कंफर्म नहीं हो पाया कि दोनों की मीटिंग कब और कहां हुई। इस छूट के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में YouTube सबसे बड़ा और चर्चित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन चुका है।ये भी पढ़ें- Murshidabad Violence: ‘प्लीज अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें’: सीएम ममता बनर्जी की बंगाल राज्यपाल आनंद बोस से अपीललंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में सामाजिक मनोविज्ञान की प्रोफेसर और बच्चों एवं सोशल मीडिया की विशेषज्ञ सोनिया लिविंगस्टोन ने कहा, “सोशल मीडिया की वजह से एक साथ बहुत सी चीजें हो रही हैं। घर पर बच्चें और माता-पिता एक साथ सोशल मीडिया से जूझ रहे हैं। वे असमर्थ महसूस कर रहे हैं। वे इसके गिरफ्तर में आ चुके हैं। हमारे पास ऐसे बहुत कम राजनेता हैं जो अपने निर्वाचन क्षेत्रों में शिकायतों के बारे में चिंतित हैं।