डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को छोड़ेंगे एलॉन मस्क, DOGE में काम काफी हद तक होने वाला है पूरा – elon musk plans to step down from his role in the donald trump administration at the end of may
अरबपति एलॉन मस्क मई के आखिर में अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में अपना रोल छोड़ने की तैयारी में हैं। वह डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशिएंसी (DOGE) को लीड कर रहे हैं और अमेरिकी घाटे में 1 लाख करोड़ डॉलर की भारी कमी की दिशा में काम कर रहे हैं। मस्क को 130 दिनों के कार्यकाल के लिए “विशेष सरकारी कर्मचारी” के तौर पर ट्रंप प्रशासन में लाया गया था। वह सरकारी लागत में कटौती के प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं।फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में मस्क ने अपने कार्यकाल को फेडरल खर्च में ऐतिहासिक बदलाव बताया। उन्होंने कहा, “यह एक क्रांति है। और मुझे लगता है कि यह मूल क्रांति के बाद से सरकार में सबसे बड़ी क्रांति हो सकती है। आखिर में अमेरिका बहुत बेहतर स्थिति में पहुंचने जा रहा है। एक शानदार भविष्य होने जा रहा है।”मस्क को सरकारी खर्च में कटौती को लेकर उनकी आक्रामक अप्रोच के लिए तारीफ और आलोचना दोनों मिली है। इंजीनियरों और उद्यमियों द्वारा संचालित एजेंसी DOGE ने अमेरिका में हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है और कई प्रोग्राम्स के लिए फंड में कटौती की है।संबंधित खबरेंअमेरिकियों को कराई 130 अबर डॉलर की बचतइंटरव्यू में जब मस्क से पूछा गया कि क्या वह अपने 130 दिन के कार्यकाल से आगे भी बने रहेंगे, तो मस्क ने कहा कि उनका मानना है कि तब तक उनका काम काफी हद तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम उस टाइमफ्रेम के अंदर घाटे को 1 लाख करोड़ डॉलर तक कम करने के लिए जरूरी कामों में से ज्यादातर को पूरा कर लेंगे।” DOGE ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि 27 मार्च तक इसने अमेरिकियों को 130 अबर डॉलर या प्रति करदाता लगभग 807 डॉलर की बचत कराई है।क्या तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर खड़ी है दुनिया? यूरोपीय देश कर रहे जंग की तैयारी! क्या होगा वैश्विक असरपैसे की बर्बादी और धोखाधड़ी पर लगानी है रोकDOGE के 7 सदस्यों की मस्क की टीम में- स्टीव डेविस, जो गेबिया, अराम मोगादासी, ब्रैड स्मिथ, एंथनी आर्मस्ट्रांग, टॉम क्राउज और टायलर हसन शामिल हैं। मस्क ने कहा है, “हम पैसे की बर्बादी और धोखाधड़ी को खत्म करके खर्च में 15 प्रतिशत की कमी करना चाहते हैं, जो वास्तव में काफी हद तक अचीव किए जा सकने लायक लक्ष्य लगता है। सरकार एफिशिएंट नहीं है, और पैसे की बहुत अधिक बर्बादी और धोखाधड़ी है। इसलिए हमें विश्वास है कि किसी भी महत्वपूर्ण सरकारी सेवा को प्रभावित किए बिना 15 प्रतिशत की कमी की जा सकती है।”