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Donald Trump tariff: ट्रंप 10% बेसलाइन टैरिफ में ज्यादातर देशों को दे सकते हैं रियायत, जानिए अमेरिका का प्लान – donald trump may provide relief to many countries on baseline tariff

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ज्यादातर देशों को 10 फीसदी टैरिफ से कुछ छूट दे सकते हैं। उन्होंने खुद इस बारे में बताया है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुछ छूट के बाद भी मिनिमम 10 फीसदी का टैरिफ लागू रहेगा। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने दुनियाभर में उथलपुथल मचाई है। हालांकि, 9 अप्रैल को उन्होंने इंडिया सहित 70 से ज्यादा देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ 90 दिनों के लिए टालने का ऐलान किया। लेकिन, उन्होंने चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाया है। उन्होंने चीन को किसी तरह की राहत नहीं दी है।ट्रंप के टैरिफ का स्टॉक मार्केट्स पर पड़ा है असरट्रंप (Donald Trump) ने चीन पर जिस तरह से टैरिफ लगाया है, उसका असर स्टॉक मार्केट पर दिखा। हालांकि, यह हफ्ता अमेरिका के लिए अच्छा रहा। 11 अप्रैल को S&P 500 में उछाल देखने को मिला। इसकी वजह यह खबर थी कि फेडरल रिजर्व की दिलचस्पी स्टॉक मार्केट्स में स्थिरता में है। बताया जाता है कि फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बैंक मार्केट में स्थिरता के लिए उपाय करने को तैयार है। इससे 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड्स की यील्ड में गिरावट देखने को मिली। लेकिन, साप्ताहिक आधार पर बॉन्ड्स यील्ड में दो दशकों की सबसे बड़ी तेजी दिखी।संबंधित खबरेंट्रंप के टैरिफ से अमेरिका को  फायदे से ज्यादा नुकसान ट्रंप का मानना है कि उनके टैरिफ लगाने का मकसद अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को वापस लाना है। उनका यह भी मानना है कि टैरिफ से अमेरिकी सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप की पॉलिसी से अमेरिकी इकोनॉमी के लिए संकट बढ़ सकता है। अमेरिकी इकोनॉमी मंदी में जा सकती है। इससे दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत के रूप में अमेरिका की छवि को धक्का लगेगा। चूंकि अमेरिकी इकोनॉमी दुनिया में सबसे बड़ी है तो इसका असर दुनिया के दूसरे देशों पर भी पड़ता है।यह भी पढ़ें: Market This week: वौलेटिलिटी के बीच बीते हफ्ते बाजार में दिखी मामूली गिरावट, रुपए में भी दबाव रहा जारीट्रंप ने रुख में नरमी के दिए संकेतट्रंप ने भले ही शुरुआत में टैरिफ को लेकर सख्ती दिखाई थी। लेकिन, अब उनके रुख में नरमी के संकेत दिख रहे हैं। अब वह टैरिफ में राहत देने की बात करने लगे हैं। अब लड़ाई सिर्फ अमेरिका और चीन के बीच रह गई है। दोनों दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमीज हैं। दोनों के बीच 690 अरब डॉलर का व्यापार है। दोनों देशों के बीच खराब होते रिश्ते का असर द्विपक्षीय व्यापार पर पड़ेगा। 11 अप्रैल को चीन ने अमेरिकी गुड्स पर टैरिफ बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया। इसे चीन की जवाबी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, चीन ने कहा है कि अगर अमेरिका उसके खिलाफ और टैरिफ लगाता है तो वह इसकी अनदेखी करेगा।

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