₹1 करोड़ जुटाने का है सपना, ये 10 साल का SIP प्लान आपके लिए हो सकता है सही रास्ता – unlock your rs 1 crore dream the 10-year sip strategy every investor should know
मुंबई के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर रमेश कुमार का सपना था कि वह 10 साल में 1 करोड़ रुपये जमा करें और अपनी खुद की कंपनी शुरू करें। उनके पास एक अच्छी नौकरी थी, लेकिन एकमुश्त निवेश करने के लिए बड़ी रकम नहीं थी। इसलिए, उन्होंने पैसे जुटाने के लिए म्यूचुअल फंड के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का सहारा लिया।सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक अनुशासित तरीका है, जिसमें आप हर महीने, तिमाही या सालाना एक निश्चित राशि निवेश कर सकते हैं। SIP की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह लंबे समय में संपत्ति बनाने में मदद करता है, क्योंकि इसमें पावर ऑफ कंपाउंडिंग और रुपये की औसत लागत (Rupee Cost Averaging) का फायदा मिलता है।SIP बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने में मदद करता है और यह रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा, घर खरीदने जैसे लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए आदर्श माना जाता है। SIP में निवेश के लिए लचीलेपन की सुविधा होती है, जिससे यह हर आय वर्ग के लोगों के लिए सुलभ होता है।संबंधित खबरेंकैसे बनी ₹1 करोड़ की रणनीति?अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए रमेश ने एक स्मार्ट निवेश योजना तैयार की। उन्होंने पाया कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स औसतन 12% से 16% सालाना रिटर्न देते हैं। अगर 12% सालाना रिटर्न की उम्मीद की जाए, तो 1 करोड़ रुपये पाने के लिए उन्हें हर महीने करीब 45,000 रुपये SIP में निवेश करना होगा। ।लेकिन अगर वह थोड़ा अधिक जोखिम लेकर 15% तक की सालाना रिटर्न की उम्मीद करते हैं, तो 1 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पाने के लिए हर महीने 39 हजार रुपये निवेश करना पर्याप्त होताइस लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने अपने खर्चों को व्यवस्थित किया और अपनी बचत को SIP में लगाने का संकल्प लिया।पावर ऑफ कंपाउंडिंग: निवेश का जादूSIP में सबसे अहम चीज “कंपाउंडिंग का जादू” होता है। आपका निवेश जितना अधिक समय तक बना रहेगा, उतना ही ज्यादा फायदा मिलेगा। उदाहरण के लिए, अगर आपने पहले 5 साल में ₹27 लाख जमा किए, तो अगले 5 सालों में कंपाउंडिंग की मदद से ₹1 करोड़ के लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।सही म्यूचुअल फंड का चयनरमेश ने जोखिम को संतुलित करने के लिए एक ही फंड में निवेश करने के बजाय अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई किया:- 40% निवेश लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड्स में, जो पोर्टफोलियो को स्थिरता देती है- 30% निवेश मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में, जिनमें ग्रोथ की संभावना अधिक होती है- 20% निवेश सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में, जहां नए अवसर मिल सकते हैं- 10% निवेश गोल्ड ETF में, ताकि निवेश में विविधता बनी रहेएक्सपर्ट्स का मानना है कि डायवर्सिफिकेशन से जोखिम और रिटर्न का सही संतुलन बना रहता है, जिससे बाजार की अस्थिरता के बावजूद लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलता है।जरूरी बातें, जो ध्यान में रखनी चाहिएबाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा: इक्विटी निवेश अस्थिर होते हैं, और अगर आपके लक्ष्य के करीब कोई बड़ा शेयर बाजार में कोई बड़ा क्रैश आता है, तो आपके रिटर्न पर असर पड़ सकता है।अवास्तविक उम्मीदें न रखें: 15% रिटर्न की गारंटी नहीं होती। अगर रिटर्न कम आता है, तो या तो समय बढ़ाना पड़ेगा या SIP की राशि बढ़ानी होगी।लिक्विडिटी की समस्या हो सकती है: हर महीने ₹45,000 SIP में डालना उसी व्यक्ति के लिए संभव होगा, जिसकी आय अधिक हो और उसके खर्चे काबू में हों।टैक्स का असर: ₹1 लाख से ज्यादा के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर 10% टैक्स लगता है, जिससे आपका नेट रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है।क्या SIP आपकी फाइनेंशियल गोल का हिस्सा हो सकती है?अगर आप भी रमेश की तरह लंबी अवधि के लिए संपत्ति बनाना चाहते हैं, तो SIP एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। हालांकि, निवेश से पहले अपने जोखिम उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों का सही आकलन करें। SIP में अनुशासन और धैर्य बहुत जरूरी है, क्योंकि बाजार उतार-चढ़ाव भरा होता है। सही रणनीति और स्मार्ट निवेश योजना के साथ, आप भी ₹1 करोड़ का सपना पूरा कर सकते हैं!यह भी पढ़ें- ROP Health Insurance: बीमार न पड़ें, तो पैसा वापस! हेल्थ इंश्योरेंस में नई गेम चेंजर पॉलिसी