F-1 Visa: अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट्स के परिवारों की बढ़ रही चिंता, जानिए क्या है इसकी वजह – indian students studying in us are afraid as us authorities are monitoring their activities f 1 visa
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट्स के परिवार की चिंता बढ़ रही है। इसकी वजह अमेरिकी सरकार की सख्त पॉलिसी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में रह रहे विदेशी लोगों के लिए सरकार की पॉलिसी सख्त हुई है। अमेरिकी सरकार ने उन विदेशी स्टूडेंट्स को उनके देश भेजने का फैसला किया है, जो पिछले साल फिलिस्तीन समर्थक आंदोलन में शामिल हुए थे। इनमें दो भारतीय स्टूडेंट्स भी हैं। बदर खान सूरी जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो हैं, जबकि रंजनी श्रीनिवासन कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्बन प्लानिंग की डॉक्टोरल स्टूडेंट हैं।दो भारतीय स्टूडेंट्स पर हमास का समर्थन करने का आरोपहाल में दोनों भारतीय स्टूडेंट्स (Indian Students in US) पर हमास का समर्थन करने का आरोप लगा। इस मामले में सूरी को अथॉरिटीज ने अमेरिका में रोक लिया है, जबकि श्रीनिवासन अपनी इच्छा से अमेरिका छोड़ इंडिया आ गई हैं। इस घटना से अमेरिका में पढ़ाई कर रहे दूसरे स्टूडेंट्स भी तनाव में हैं। बताया जाता है कि अमेरिकी अथॉरिटीज भारतीय स्टूडेंट्स की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। अगर किसी स्टूडेंट को किसी मामले में दोषी पाया जाता है तो उसका वीजा रद्द हो सकता है।संबंधित खबरेंइंडियन अथॉरिटीज ने नियमों के पालन की सलाह दीइस बीच, इंडियन अथॉरिटीज ने अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट्स को लोकल नियम और कानूनों और इमिग्रेशन पॉलिसी का ध्यान रखने की सलाह दी है। इस बारे में विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 22 मार्च को कहा कि इमिग्रेशन से जुड़े फैसले हर सॉवरेन देश के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद होती है कि जब कोई विदेशी व्यक्ति इंडिया आएगा तो वह हमारे नियम और कानूनों का पालन करेगा। इसी तरह हम यह भी उम्मीद करते हैं कि जब भारतीय नागरिक विदेश जाएंगे तो वे वहां के नियम और कानूनों का पालन करेंगे। जायसवाल ने कहा कि अमेरिका में इंडियन एम्बैसी और कंसुलेट्स जरूरत पड़ने पर स्टूडेंट्स को जरूरी सहायता उपलब्ध कराएंगे।एफ-1 वीजा पर पढ़ाई के लिए अमेरिका जाते हैं स्टूडेंट्सभारतीय स्टूडेंट्स एफ-1 वीजा पर अमेरिका पढ़ाई के लिए जाते हैं। यह वीजा तबक तक वैध होता है, जब तक स्टूडेंट के कोर्स की अवधि होती है। कोर्स की अवधि पूरी होने के बाद स्टूडेंट 60 दिन तक अमेरिका में रह सकता है। इस अवधि के पूरा होने पर स्टूडेंट्स को अमेरिका छोड़ना पड़ता है। फिर उसे नए वीजा के लिए आवेदन करना पड़ता है। एफ-1 वीजा पर अमेरिका जाने वाले स्टूडेंट्स वहां नौकरी कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए नियम और शर्तें तय हैं।यह भी पढ़ें: US Houthi News: ट्रंप प्रशासन की बड़ी चूक! यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले का अमेरिकी प्लान लीकतेजी से बढ़ रहे हैं एफ-1 वीजा खारिज होने के मामलेपिछले कुछ सालों में एफ-1 वीजा खारिज होने के मामले काफी बढ़े हैं। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में स्टूडेंट वीजा रिजेक्शन 41 फीसदी पहुंच गया। यह एक दशक में सबसे ज्यादा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह 2014 के मुकाबले करीब दोगुना है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एफ-1 वीजा खारिज होने के मामले बढ़ते हैं तो इसका अमेरिका में पढ़ाई करने के सपने देखने वाले भारतीय स्टूडेंट्स पर पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स एफ-1 वीजा के लिए अप्लाई करते हैं।