लार्ज कैप के साथ क्वालिटी मिडकैप शेयरों पर भी रहे फोकस, टेस्ला के आने से नहीं होगा कोई बड़ा असर -गौतम त्रिवेदी – along with large caps focus should also be on quality midcap stocks teslas arrival will not have any major impact – gautam trivedi
मार्केट आउटलुक पर चर्चा करते हुए Nepean Capital के Co-Founder और मैनेजिंग पार्टनर गौतम त्रिवेदी ने कहा कि पिछले करीब 4-5 महीनों से भारतीय बाजार में एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इसकी कई वजह है । लेकिन इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि भारतीय बाजार दुनिया में सबसे महंगे हैं। अब तक हमारे बाजारों में लगभग हर साल 12-14 फीसदी अर्निंग ग्रोथ देखने को मिली है। लेकिन अमेरिका में इस साल S&P500 से 13 फीसदी अर्निंग ग्रोथ की उम्मीद है। ऐसे में अगर अमेरिकी निवेशकों को अपने घर में ही 13 फीसदी रिटर्न मिल रहा है तो वे दूसरे बाजारों की ओर रुख क्यों करेंगे। यह एक बहुत बड़ी वजह है जिसके चलते हमें लगातार एफआईआई की बिकवाली देखने को मिल रही है।एफआईआई लार्ज कैप में काफी बिकवाली कर रहे हैं। ऐसे में करेक्शन के बाद इस समय कुछ लार्ज कैप स्टॉक अच्छे लग रहे हैं। गौतम का ये भी कहना है कि अब तक कई मिड और स्मॉल कैप शेयरों में 50 फिसदी तक की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में हमें क्वालिटी मिड कैप पर भी फोकस रखना चाहिए अगले 3-4 महीनों में इनमें अच्छी तेजी आ सकती है।ऑटो शेयरों पर बात करते हुए गौतम ने कहा कि ऑटो सेक्टर भारत में और भी बड़ा हे सकता है। लेकिन टैक्स और ड्यूटी के चलते भारत में कारों की कीमत बहुत बढ़ जाती हैं। सरकार को ऑटो पर लागू 5 लेयर की जीएसटी को कम करना चाहिए। टेस्ला जैसी किसी एक कंपनी के कदम रखने से इस सेक्टर पर कोई बहुत बड़ा असर नहीं पड़ने वाला है। ऑटो सेक्टर को बूस्ट देने के लिए टैक्स में कमी की जरूरत है।संबंधित खबरेंExperts views : अगले 1-2 कारोबारी सत्रों में बाजार में उछाल की संभावना, बैंकिंग और आईटी शेयरों पर रहे फोकसबैंकिंग शयरों पर बात करते हुए गौतम त्रिवेदी ने कहा कि बैंकिग शेयरों के वैल्यूएशन तो अच्छे हैं। लेकिन इनकी ग्रोथ की संभावना कमजोर दिख रही है। आरबीआई ने अनसिक्योर्ड लोन पर नकेल कसी है,यह सही भी है। लेकिन जब तक प्राइवेट सेक्टर कैपेक्स बढ़ता नहीं है तब तक लोन का मांग नहीं बढ़ने वाली है। हमारी इकोनॉमी में करीब 3 तिमाहियों से सुस्ती है। साथ ही प्राइवेट सेक्टर कैपेक्स अभी शुरू नहीं हुआ है। देश के बड़े ग्रुप भी घरेलू बैंकों की जगह विदेशी बैंकों से लोन ले रहे हैं। ऐसे में इस समय बैंकों के लिए ग्रोथ ही बड़ी समस्या है वैल्यूएशन नहीं।डिस्क्लेमर:मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।