FPI को टैक्सेशन में नहीं मिलेगी कोई रियायत, SEBI चीफ का बड़ा बयान – no tax relief for fpis says sebi chairman in a bold statement
No Tax Relief for FPIs: सेबी (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने शनिवार (22 मार्च) को स्पष्ट कहा कि मौजूदा टैक्स व्यवस्था को बदलने की कोई जरूरत नहीं है और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को इसी सिस्टम के साथ आगे बढ़ना होगा। SEBI चीफ ने बाजार में पारदर्शिता को लेकर भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने नया रेगुलेशन लाने का भी संकेत दिया, जिससे डेरिवेटिव्स मार्केट में छोटे निवेशकों को बराबरी का मौका मिल सकता है।विदेशी निवेशकों को हो रहा फायदाBusiness Today Mindrush 2025 इवेंट में बोलते हुए सेबी चीफ ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसमें निवेशकों के लिए कई फायदे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय बाजार पिछले 5 वर्षों में MSCI इंडेक्स पर सालाना 11% का शानदार रिटर्न दे रहा है। इसके अलावा, भारत में स्थिर नीतियां, नियंत्रित महंगाई और राजकोषीय संतुलन जैसी सकारात्मक चीजें बनी हुई हैं।उन्होंने कहा, “अगर टैक्सेशन को लेकर पहले से स्थिरता आ चुकी है, तो उसे बेवजह छेड़ने की जरूरत नहीं है।” पांडे ने यह कहा कि सरकार ने निवेशकों की चिंताओं को समझते हुए बजट 2025 में कई बदलाव किए हैं।हाल ही में सरकार ने स्पष्ट किया था कि 1 अप्रैल 2025 से एफपीआई को लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स 12.5% देना होगा, जो पहले 10% था। इस फैसले के बाद कुछ निवेशकों की ओर से चिंता जताई गई थी।गड़बड़ी करने वाली कंपनियों पर SEBI की कड़ी नजरSEBI चीफ ने बाजार में पारदर्शिता को लेकर भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां गलत और भ्रामक जानकारियां देकर निवेशकों को गुमराह कर रही हैं। हम ऐसी किसी भी गलत जानकारी पर कार्रवाई करने से हिचकेंगे नहीं।उन्होंने बताया कि SEBI का सर्विलांस सिस्टम उन कंपनियों को ट्रैक कर रहा है जो झूठे खुलासे कर रही हैं। सेबी इन मामलों में जल्द ही कड़ी कार्रवाई करेगा।रिटेल इन्वेस्टर को मिल सकती है सौगातडेरिवेटिव्स बाजार के बारे में बोलते हुए पांडे ने कहा कि वॉल्यूम को सही तरीके से समझने की जरूरत है, क्योंकि कई बार दिखने वाले आंकड़े गुमराह कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सेबी जल्द ही एक नया रेगुलेशन लाने वाला है, जिससे बाजार में बड़े निवेशकों और छोटे रिटेल निवेशकों के बीच संतुलन बनाया जा सके।उन्होंने कहा, “हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जहां सिर्फ बड़े संगठित निवेशक ही फायदा न उठाएं, बल्कि रिटेल निवेशकों को भी लाभ मिले।”यह भी पढ़ें : कंस्ट्रक्शन कंपनी को BHEL से मिला ₹579 करोड़ का ऑर्डर, सोमवार को शेयरों में दिख सकता है जोरदार एक्शन