Gold Rate Today: क्या गोल्ड में तेजी का दौर खत्म हो चुका है? – gold rate today is phase of rally in gold now over know what does expert say
मैं बुलियन (सोना और चांदी) में निवेश का बड़ा समर्थक रहा हूं। यह इनफ्लेशन के असर से बचाने में मदद करता है। मैंने पहले भी इस बारे में लिखा है। मैंने यहां तक कहा है कि आपको अपने कुल इनवेस्टमेंट का 20 फीसदी तक बुलियन में लगाना चाहिए। पिछली कुछ तिमाहियों में सोने में निवेश से निवेशकों ने बड़ा रिटर्न कमाया है। हालाांकि, पिछले कुछ हफ्तों से सोने पर दबाव दिखा है। इस आर्टिकल में इससे जुड़ी चिंता के बारे में बात की गई है।यह तथ्य कि सोने और चांदी की जितनी यील्ड रही है, उसकी तुलना मिडकैप स्टॉक्स से की जाती है। मैथ्स के डेटा के वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। कई ऐसी बातें हैं, जिन्हें सच मान लिया गया है। उदाहरण के लिए सूरज दिन में निकलता है और चांद रात में निकलता है। सोने में करेक्शन जरूरी हो गया था। सोने में तेजी की कई वजहें रही हैं। इनमें सबसे बड़ी वजह डर है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर और दूसरे देशों पर ज्यादा टैरिफ ने डर का माहौल बना दिया था।अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व कमोडिटी मार्केट्स में गोल्ड का बड़ा खरीदार रहा है। अब अलग-अलग देशों से अमेरिका के ट्रेड डील करने से डर का माहौल कम हो रहा है। अमेरिका और चीन के बीच का ट्रेड वॉर खत्म होने की तरफ है। इससे चिंता घटी है और सोने में जो बड़ा निवेश हो रहा था उसमी कमी आई है। इससे सोने की कीमतों में नरमी आई है। इसका मतलब यह नहीं है कि बुलियन में तेजी का दौर खत्म हो गया है।संबंधित खबरेंअमेरिका में सरकार पर कर्ज का बोझ हर तिमाही 1 लाख करोड़ डॉलर की रफ्तार से बढ़ रहा है। ट्रंप सरकार का फोकस सिर्फ टैरिफ जैसे छोटे मसलों पर रहा है। जैसे-जैसे अमेरिका पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, उस पर इंटरेस्ट बढ़ता जा रहा है। इससे अमेरिका की बैलेंसशीट पर दबाव बन रहा है। इसका असर करेंसी मार्केट पर भी दिख रहा है। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी देखने को मिली है। डॉलर में कमजोरी का असर पड़ेगा, क्योंकि अब भी दुनिया में ज्यादातर व्यापार का पेमेंट डॉलर में होता है।डॉलर के दुनिया की सबसे बड़ी रिजर्व करेंसी होने की वजह से अगर इसकी पोजीशन में किसी तरह का बदलाव आता है तो इसका असर दिखेगा। दुनिया में सबसे ज्यादा स्वीकार किए जाने वाले एसेट की बात की जाए तो गोल्ड से बेहतर निवेश दूसरा क्या है? यह भी ध्यान में रखना होगा कि दुनिया के केंद्रीय बैंकों ने किस तरह पिछले तीन सालों में गोल्ड में बड़ा निवेश किया है। गोल्ड में बड़ी गिरावट की स्थिति में ये केंद्रीय बैंक आगे आ सकते हैं और गोल्ड को गिरने से बचा सकते हैं।एमसीएक्स में गोल्ड ने 99,704 रुपये प्रति 10 ग्राम का हाई बनाया था। यह अप्रैल 2025 में बना था। गोल्ड में तेजी का यह दौर शुरू हुआ था, जब गोल्ड की कीमत करीब 67,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इसका मतलब है कि गोल्ड की कीमत करीब 32,704 रुपये तक बढ़ी है। इससे 35 फीसदी का करेक्शन पूरी तरह से सामान्य है। कमोडिटी मार्केट्स में इस तरह का करेक्शन आम बात है। यही वजह है कि मैं बुलियन में लिवरेज्ड बाइंग की जगह डिलीवरी/फिजिकल इनवेस्टमेंट का समर्थक रहा हूं।टेक्निकल चार्ट्स सोने में 86,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर सपोर्ट का संकेत दे रहे हैं। जब तक गोल्ड 84,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे नहीं जाता है मैं इसकी गिरती कीमतों को लेकर अपनी नींद खराब नहीं करूंगा। मैं सितंबर 2022 से इस बारे में लिखता आ रहा हूं। मैंने सोने में थोड़े समय के लिए गिरावट देखी है। लेकिन, यह दोनों ही ने ताकत के साथ वापसी की है।विजय भंबवानी(लेखक एक प्रॉपरायटरी फर्म के फाउंडर और सीईओ हैं। यहां व्यक्त विचार उनके निजी विचार हैं। इसका इस पब्लिकेशन से कोई संबंध नहीं है।)