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गोल्ड ने फिर तोड़ा तेजी का रिकॉर्ड! निवेशक खरीदारी करें या फिर मुनाफावसूली? – gold price hits record invest or book profit

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घरेलू वायदा बाजार (MCX) में गुरुवार को सोने की कीमतों ने नया कीर्तिमान बना दिया। जून डिलीवरी वाला गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट 1% से ज्यादा उछलकर ₹91,464 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार (Comex) में भी सोने की कीमतें करीब 2% बढ़ी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि सोने के निवेशकों को इस वक्त क्या करना चाहिए। क्या उन्हें और सोना खरीदना चाहिए या मुनाफावसूली करनी चाहिए।क्यों बढ़ी सोने की कीमत?इस उछाल की सबसे बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच गहराता ट्रेड वॉर है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को चीन से आयात पर टैरिफ को 125% तक बढ़ा दिया। हालांकि, उन्होंने चीन को छोड़कर बाकी देशों को “reciprocal tariffs” पर 90 दिन की मोहलत भी दी है।संबंधित खबरेंइस फैसले से शेयर बाजार को थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन निवेशकों को डर है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं एक बार फिर सीधी टक्कर में आ सकती हैं। इसका असर ग्लोबल ग्रोथ पर पड़ेगा। ऐसे हालात में निवेशक सुरक्षित निवेश तलाशते हैं और सोना हमेशा से उनका पसंदीदा विकल्प रहा है।गोल्ड में तेजी के बाकी कारण सेंट्रल बैंक की खरीदारी: दुनिया के कई सेंट्रल बैंक गोल्ड खरीद रहे हैं। इनमें खासकर एशिया के केंद्रीय बैंक शामिल हैं। चीन की रिटेल डिमांड: ब्लूमबर्ग के अनुसार, पिछले हफ्ते चीन के चार बड़े गोल्ड ETF में रिकॉर्ड ₹1 अरब (7.6 अरब युआन) का इनफ्लो हुआ। US Fed की संभावित रेट कट: रॉयटर्स के मुताबिक, बाजार यह मानकर चल रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल के अंत तक ब्याज दरों में बड़ी कटौती कर सकता है। Stagflation का डर: फेड की मीटिंग के मिनट्स के अनुसार, अमेरिका को महंगाई और सुस्ती दोनों की मार झेलनी पड़ सकती है। ये स्थिति निवेशकों को सोने की तरफ ले जाती है। अब क्या करें निवेशक?एक्सपर्ट का मानना है कि ट्रेड वॉर और गिरती ग्रोथ के कारण सोने की डिमांड और बढ़ेगी। अगर ट्रेड वॉर और गहरा गया, तो यह ग्लोबल रिसेशन की ओर ले जा सकता है, जिससे सोने को और सपोर्ट मिलेगा। LKP Securities के जतीन त्रिवेदी का मानना है कि निकट भविष्य में MCX गोल्ड ₹88,500 से ₹91,000 के बीच एक रोलर कोस्टर की तरह ऊपर-नीचे हो सकता है।यह भी पढ़ें : Gold Rate Today: गोल्ड में तूफानी तेजी, क्या सोने के अच्छे दिन लौटने लगे हैं?

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