शेयर मार्केट के आ गए अच्छे दिन? 5 प्वाइंट्स जो बाजार में बदलाव का दे रहे संकेत – stock market recovery have the bad days finally ended explained
Stock Markets: भारतीय शेयर बाजार ने हाल के महीनों में भारी उतार-चढ़ाव देखा है। कभी विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली, तो कभी ग्लोबल मंदी की आशंका। लेकिन अब, जैसे-जैसे बाजार में हरियाली लौट रही है, निवेशकों के मन में एक सवाल उठ रहा है – क्या भारतीय शेयर मार्केट के बुरे दिन अब सच में खत्म हो गए हैं? क्या यह वाकई में एक नए रैली की शुरुआत हो सकती है?हाल के महीनों में भारतीय शेयर बाजार दबाव में रहे। ग्लोबल स्तर पर अमेरिका की आर्थिक नीतियों, ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली ने बाजार को कमजोर कर दिया था। हालांकि, अब कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं जो बताते हैं कि शेयर बाजार की स्थिति बदल सकती है और निवेशकों के लिए एक नया अवसर सामने आ सकता है। आइए इन्हें 5 प्वाइंट्स में समझने की कोशिश करते हैं-1. विदेशी निवेशकों (FIIs) के लौटने की आहटसबसे पहले, अमेरिकी इकोनॉमी की स्थिति को देखें तो वहां मंदी की आहट सुनाई देने लगी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों के कारण अमेरिका की GDP में गिरावट आने का अनुमान जताया रहा है। मंदी के संकेत मिलने से फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कटौती करने को मजबूर हो सकता है। जब अमेरिका में ब्याज दरें घटती हैं, तो विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते हुए शेयर बाजारों की ओर देखते हैं, जिससे भारतीय शेयर बाजार में फिर से विदेशी निवेश लौट सकता है।2. भारत की आर्थिक स्थितियां बेहतरदूसरी ओर, भारत की आर्थिक स्थितियां भी बेहतर हो रही हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ब्याज दरों में कटौती की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे आने वाले दिनों में लोन सस्ता हो सकता है और खपत में बढ़ोतरी हो सकती है। फूड इंफ्लेशन कंट्रोल में है और क्रूड ऑयल के दाम भी स्थिर बने हुए हैं। इससे भी रेट कट की संभावना बनी हुई है। सरकार की कैपिटल एक्सपेंडिचर योजनाएं तेज हो रही हैं, जिससे बाजार को एक नई मजबूती मिल सकती है।3. अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गिरावटइस सबके अलावा अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गिरावट भी भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। ट्रंप सरकार अमेरिका की 10-ईयर ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड को कम करने पर जोर दे रही है। अगर डॉलर इंडेक्स में गिरावट आती है,तो इससे भारतीय रुपया मजबूत होगा। साथ ही RBI के लिए ब्याज दरों को और कम करने का रास्ताफ भी साफ होगा। इससे भारतीय कंपनियों को सस्ते कर्ज मिल सकते हैं, जिससे ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। यह न सिर्फ स्टॉक मार्केट बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।4. भारत में राजनीतिक स्थिरताशेयर मार्केट के लिए एक और अच्छी चीज यह है कि भारत में राजनीतिक स्थिरता बनी हुई है। केंद्र में एक स्थिर सरकार और अनुकूल नीतियां भारत के लिए पॉजिटिव संकेत हैं। साथ ही घरेलू निवेशकों की लगातार भागीदारी बनी हुई है, जो बाजार को सपोर्ट कर रही है।5. निवेशकों को बाजार में नए सिरे से एंट्री करना चाहिए?अब सवाल यह उठता है कि क्या निवेशकों को बाजार में नए सिरे से एंट्री करना चाहिए? शेयर मार्केट में लंबे करेक्शन बाद अब एक बार फिर से सुधार दिखाई देने लगा है। सेंसेक्स और निफ्टी पिछले 3 दिनों से लगातार हरे निशान में बंद हुए। कुछ एनालिस्ट्स का मानना है कि निफ्टी के लिए अब 24,000 का स्तर संभव लग रहा है। लेकिन यह सफर पूरी तरह से सीधा नहीं होगा। बाजार में बीच-बीच में गिरावट भी देखने को मिल सकती है, खासतौर पर अगर अमेरिका में मंदी और ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी जैसी चुनौतियां बनी रहती हैं।ऐसे में, निवेशकों के लिए यह समय अपने पोर्टफोलियो को सही तरीके से रीस्ट्रक्चर करने का है। जो स्टॉक्स मजबूत हैं और जिनका फंडामेंटल अच्छा है, उन पर ध्यान देना चाहिए। वहीं कमजोर स्टॉक्स से बाहर निकले पर विचार करना चाहिए। अगर शेयर बाजार में और गिरावट आती है, तो उसे एक अवसर की तरह देखें और अच्छी क्वालिटी के स्टॉक्स में निवेश करें।यह भी पढ़ें- सरकारी कंपनी Mishra Dhatu Nigam देगी 75 पैसे का अंतरिम डिविडेंड, शेयर 8% चढ़कर बंदडिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।