Haryana Nikay Chunav Results: हरियाणा नगर निकाय चुनाव में BJP की आंधी में फिर उड़ी कांग्रेस, क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा का प्रभाव कम हो रहा? – haryana nagar nigam chunav result 2025 is bhupinder singh hooda clout fading bjp victory in 9 out of 10 civic bodies
Haryana Nagar Nigam Chunav Result 2025: हरियाणा में हाल में हुए नगर निकाय चुनाव के नतीजे जारी हो चुके हैं। साल 2024 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद वापसी की उम्मीद कर रही कांग्रेस को नगर निगम चुनाव में भी BJP ने धूल चटा दी है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 10 नगर निगम में से 9 नगर निकायों में जीत दर्ज की है। कांग्रेस खाता तक नहीं खुल पाई है। हरियाणा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ गुरुग्राम और रोहतक में भी कांग्रेस जीत नहीं पाई। रोहतक मेयर चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राम अवतार वाल्मीकि ने कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 45,198 मतों के अंतर से हराया। वहीं, सोनीपत में वरिष्ठ बीजेपी नेता राजीव जैन ने कांग्रेस की कोमल दीवान को हराया। जबकि साइबर सिटी गुरुग्राम से राज रानी ने जीत दर्ज की। मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव विजयी हुए है। उन्होंने अपने निकटतम बीजेपी प्रतिद्वंद्वी सुंदर लाल को 2,293 मतों के अंतर से हराया।2 मार्च को हुए थे चुनावसंबंधित खबरेंसात नगर निगमों गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, हिसार, रोहतक, करनाल और यमुनानगर में महापौर और वार्ड सदस्यों के पदों के लिए चुनाव दो मार्च को हुए थे। अंबाला और सोनीपत नगर निगमों में मेयर पद के लिए उपचुनाव भी हुए। उसी दिन 21 नगर समितियों में अध्यक्षों और वार्ड सदस्यों के लिए चुनाव भी हुए। पानीपत नगर निगम के महापौर और 26 पार्षदों के चुनाव के लिए 9 मार्च को मतदान हुआ था।मेयर पदों के लिए उपलब्ध परिणामों और रुझानों के अनुसार, बीजेपी उम्मीदवारों ने अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, रोहतक और सोनीपत में अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वियों को हराकर जोरदार जीत दर्ज की। यमुनानगर और पानीपत में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं।मानेसर में पहली बार नगर निगम चुनाव हुए हैं। वहां निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव ने जीत हासिल की। उन्होंने बीजेपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुंदर लाल को 2,293 मतों के अंतर से हराया। निवर्तमान नगर निगमों में 10 में से आठ नगर निकायों में बीजेपी के मेयर थे।कांग्रेस में रह चुके निखिल मदान सोनीपत के महापौर थे। 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए और सोनीपत विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। अंबाला नगर निगम में हरियाणा जनचेतना पार्टी की नेता शक्ति रानी शर्मा मेयर थीं। वह भी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गईं और कालका विधानसभा सीट से जीत हासिल की। अन्य नगर निगमों में जहां मतदान हुआ, वहां बीजेपी के मेयर थे।इन्होंने दर्ज की बड़ी जीतबड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाले मेयर उम्मीदवारों में बीजेपी के फरीदाबाद से उम्मीदवार परवीन जोशी शामिल हैं, जिन्होंने तीन लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की। जबकि गुरुग्राम से राज रानी ने 1.79 लाख से अधिक वोट से जीत हासिल की। बड़े अंतर से जीत दर्ज करने वाले अन्य उम्मीदवारों में सोनीपत से जीतने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजीव जैन और करनाल से जीतने वाली रेणु बाला गुप्ता शामिल हैं।अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए संबंधित जिला प्रशासन के साथ समन्वय में व्यापक व्यवस्था की है। निकाय चुनावों में कांग्रेस को झटका मिला है, जिसमें चुनाव से पहले जिलों में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया। पार्टी की राज्य इकाई को पूर्व में भी अंदरूनी कलह और गुटबाजी का सामना करना पड़ा है। जबकि बीजेपी के पास जमीनी स्तर पर एक सुव्यवस्थित और मजबूत संगठनात्मक ढांचा है।क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा का प्रभाव कम हो रहा?रोहतक मेयर चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की हार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए एक बड़ा झटका है। खासकर तब जब कांग्रेस ने 2024 के विधानसभा चुनावों में रोहतक और झज्जर जिलों पर अपनी पकड़ बनाए रखी। यहां आठ में से सात सीटें जीती हैं। पिछले साल मई में कांग्रेस ने रोहतक लोकसभा सीट बीजेपी से छीन ली थी, जिसमें हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने 3.45 लाख से अधिक वोटों से शानदार जीत दर्ज की थी।रोहतक मेयर चुनाव में पार्टी की हार हुड्डा और कांग्रेस दोनों के लिए एक बड़ा झटका है। हुड्डा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के कारण पहले से ही दबाव का सामना कर रहे हैं। अब पार्टी के भीतर और भी कड़ी आलोचना होने की उम्मीद है। 90 सदस्यीय विधानसभा में देश की पुरानी पार्टी को केवल 37 सीटें ही मिलीं। जबकि बीजेपी ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करते हुए 48 सीटें जीतीं।निकाय चुनावों में मिली हार के बावजूद हुड्डा ने अपनी बात पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि नतीजों का कांग्रेस पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। ‘इंडिया टुडे’ से बातीचीत में हुड्डा ने कहा, “पहले भी नगर निगमों में बीजेपी का दबदबा था। अगर हम सीट हार जाते तो यह झटका हो सकता था, लेकिन यह पहले से ही हमारे पास नहीं था। कांग्रेस को कुछ क्षेत्रों में बढ़त जरूर मिली होगी। लेकिन मैं चुनावों के दौरान कहीं नहीं गया। मुझे नहीं लगता कि इन नतीजों का कोई असर पड़ेगा।”नेपा विपक्ष पर भी असर पड़ने की उम्मीदहरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता के चयन पर भी असर पड़ने की उम्मीद है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले इस पद पर थे। लेकिन विधानसभा चुनावों के पांच महीने बाद भी कांग्रेस ने अभी तक नए विपक्ष के नेता पर फैसला नहीं किया है। इससे पहले, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए गए एक इंटरव्यू में एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस विधायक दल की नियुक्ति के बारे में बात की थी, जो सदन में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा सकता है।ये भी पढ़ें- WhatsApp में होली से पहले बड़ा बदलाव, अब वीडियो कॉल में मिलेगा अधिक प्राइवेसी कंट्रोलनेता ने कहा, “फिलहाल, 37 कांग्रेस विधायकों में से कम से कम 30 (हुड्डा) के पक्ष में हैं। यह पार्टी हाईकमान पर निर्भर करता है कि वह (हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय) भान और हुड्डा को सत्ता में बनाए रखने की गलती करती है या पार्टी को लाभ पहुंचाने वाले बदलाव लाती है। अगर हुड्डा बने रहते हैं तो (कांग्रेस सांसद) कुमारी शैलजा उन्हें ऐसा नहीं करने देंगी।”