HDFC Bank को आने वाली तिमाहियों में भी शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.4-3.5% रहने की उम्मीद – hdfc bank is expected to maintain the net interest margins in the range of 3 4 3 5 percent in the coming quarters
HDFC Bank ने पिछली कुछ तिमाहियों में 3.4-3.5 प्रतिशत की रेंज में शुद्ध ब्याज मार्जिन दर्ज किया है। यही रेंज आने वाली तिमाहियों में भी बरकरार रहने की उम्मीद है। यह बात बैंक के मैनेजमेंट ने पोस्ट अर्निंग्स कॉन्फ्रेंस कॉल में कही। बैंक के इनवेस्टर प्रेजेंटेशन के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.5 प्रतिशत रहा। एक तिमाही पहले और एक साल पहले की समान अवधि में यह 3.4 प्रतिशत था। मैनेजमेंट ने यह भी कहा कि HDFC Bank के लोन और डिपॉजिट की ग्रोथ के वित्त वर्ष 2026-27 तक ही प्रीमर्जर लेवल पर वापस लौटने की उम्मीद है।बैंक के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर श्रीनिवासन वैद्यनाथन का कहना है कि बैंक ने जानबूझकर लोन ग्रोथ को धीमा करने और वित्त वर्ष के लिए देनदारियों पर फोकस करने का फैसला लिया है। वित्त वर्ष 2024-25 में लोन ग्रोथ, बैंकिंग सिस्टम के 11 प्रतिशत से कम रही। बैंक का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष 2025-26 में लोन ग्रोथ को सिस्टम के बराबर करने का है। साथ ही अगले वित्त वर्ष में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए सिस्टम से आगे निकलने के लिए तेजी लाना है।ग्रॉस एडवांस 5 प्रतिशत बढ़ेसंबंधित खबरें31 मार्च 2025 तक HDFC Bank के ग्रॉस एडवांस 26.44 लाख करोड़ रुपये के थे। 31 मार्च, 2024 के आंकड़ों की तुलना में ये 5.4 प्रतिशत ज्यादा रहे। एडवांस अंडर मैनेजमेंट 31 मार्च, 2024 की तुलना में 7.7 प्रतिशत बढ़े। रिटेल लोन में एक साल पहले के मुकाबले 9 प्रतिशत की वृद्धि दिखी, वहीं कमर्शियल और रूरल बैंकिंग लोन में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कॉरपोरेट और अन्य थोक लोन एक साल पहले से 3.6 प्रतिशत कम रहे।HDFC Bank Q4 Results: मार्च तिमाही में मुनाफा 7% बढ़ा, साथ में NPA में भी इजाफाजमा का आंकड़ाजनवरी-मार्च 2025 तिमाही में HDFC Bank की औसत जमा राशि सालाना आधार पर 15.8 प्रतिशत बढ़कर 25.28 लाख करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले की अवधि में बैंक की औसत जमा राशि 21.84 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं एक तिमाही पहले यानि अक्टूबर-दिसंबर 2024 में यह 24.53 लाख करोड़ रुपये थी। तिमाही आधार पर बैंक की औसत जमा राशि में केवल 3.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।मार्च में बैंक का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेशियो कम होकर 96 प्रतिशत पर आ गया। एक साल पहले यह 104 प्रतिशत था। वैद्यनाथन का कहना है कि वित्त वर्ष 2026-27 में इस आंकड़े को और कम करके प्रीमर्जर लेवल 85-90 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।Volvo Group Layoffs: वोल्वो ग्रुप में छंटनी, 800 तक लोगों की जाएगी नौकरी