Home Loan: क्या है होम लोन बैलेंस ट्रांसफर, जो करा सकता है लाखों की बचत – home loan balance transfer benefits and risks explained
Home Loan Transfer: घर खरीदने वालों के बीच एक सुविधा तेजी से लोकप्रिय हो रही है- होम लोन बैलेंस ट्रांसफर या लोन स्विच और रीफाइनेंसिंग। इसमें ग्राहक अपना मौजूदा होम लोन एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं, अगर दूसरा बैंक बेहतर ब्याज दर या शर्तें दे रहा हो। अब बैंकों और NBFC के बीच तगड़ी प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में कई वित्तीय संस्थान दूसरे से कम ब्याज दर और आसान शर्तों पर लोन ट्रांसफर की सुविधा ऑफर कर देते हैं।हालांकि शुरुआत में यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल लग सकती है। लेकिन, अगर आप अपने लोन की शुरुआती या मध्य अवधि में हैं, जब ब्याज भुगतान सबसे ज्यादा होता है, तो यह कदम लॉन्ग टर्म में काफी फायदे दे सकता है।संबंधित खबरेंब्याज दर में कमी से लाखों की बचतहोम लोन बैलेंस ट्रांसफर का सबसे सीधा फायदा है- ब्याज दर में कटौती। मात्र 0.5% की कमी भी पूरे लोन टेन्योर में लाखों रुपये की बचत करा सकती है।मिसाल के लिए, अगर आपने ₹50 लाख का लोन 30 साल की अवधि के लिए 9% ब्याज पर लिया है और उसे 8.5% पर ट्रांसफर करते हैं, तो आपकी EMI ₹40,231 से घटकर ₹38,446 पर आ जाएगी। ऐसे में कुल ब्याज बचत लगभग ₹6.43 लाख होगी। इससे दो फायदे होते हैं। आप चाहें तो अपनी EMI कम कर सकते हैं या फिर लोन को जल्दी चुकाने का विकल्प ले सकते हैं।आप नीचे दी गई टेबल में अलग-अलग लोन टेन्योर के लिए ब्याज में बचत का कैलकुलेशन देख सकते हैं। Loan Tenure कुल ब्याज @ 9% कुल ब्याज @ 8.5% कुल बचत 10 साल ₹26,00,875 ₹23,89,061 ₹2,11,814 15 साल ₹41,28,424 ₹38,05,726 ₹3,22,698 20 साल ₹57,96,552 ₹52,24,172 ₹5,72,380 25 साल ₹76,55,451 ₹68,66,156 ₹7,89,295 30 साल ₹94,83,040 ₹88,40,552 ₹6,42,488 नोट: यह कैलकुलेशन फ्लैट रेट के आधार पर नहीं, अमोर्टाइज्ड होम लोन कैलकुलेशन पर आधारित है। प्रत्येक केस में बैलेंस ट्रांसफर लोन की पूरी अवधि के लिए लागू माना गया है। वास्तविक बचत प्रोसेसिंग फीस, टेक्स और ट्रांसफर टाइमिंग पर निर्भर करेगी।कम EMI = जेब में ज्यादा पैसाब्याज दर कम होने से आपकी मासिक किस्त यानी EMI भी कम हो जाती है। इससे हर महीने की आपके हाथ में अतिरिक्त पैसे बचते हैं। इन पैसों को आप दूसरी जरूरतों पर खर्च कर सकते हैं, जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, निवेश या फिर हॉलिडे प्लान।बेहतर शर्तें मिलने का रहता है चांसकई बार ग्राहक जब होम लोन लेता है, तो उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं होते हैं। वह ज्यादातर यही देखता है कि कौन-सा बैंक कितनी आसानी से लोन दे दे रहा है। बाद में पता चलता है कि कुछ बैंक बेहतर कस्टमर सर्विस, ज्यादा फ्लेक्सिबल रीपेमेंट ऑप्शन, या टॉप-अप लोन की सुविधा दे रहे हैं।ऐसे में लोन ट्रांसफर काफी अच्छा विकल्प हो सकता है। आप बैलेंस ट्रांसफर करते वक्त आप बेहतर कस्टमर सर्विस पा सकते हैं। कुछ बैंक जीरो प्रीपेमेंट चार्ज भी ऑफर करते हैं। आप लोन की अवधि अपनी मौजूदा आर्थिक हालात के अनुसार फिर से तय कर सकते हैं। टॉप-अप लोन का विकल्पअगर आपको अतिरिक्त फंड की जरूरत है, जैसे घर की मरम्मत, नया फर्नीचर, या कोई पर्सनल खर्च, तो नया लेंडर आपको उसी बैलेंस ट्रांसफर के साथ टॉप-अप लोन भी दे सकता है।ये टॉप-अप लोन पर्सनल लोन की तुलना में सस्ते होते हैं और आमतौर पर अलग अप्रूवल प्रोसेस की जरूरत नहीं होती है।क्रेडिट स्कोर में सुधारआपके नए लोन का रीफाइनेंस करना और समय पर उसका रीपेमेंट करना आपके क्रेडिट स्कोर को लंबे समय में बेहतर बनाता है। खासकर जब आप कम ब्याज दर पर नए लेंडर को नियमित रूप से EMI चुकाते हैं, तो यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर सकारात्मक असर डालता है। इससे भविष्य में कार लोन, पर्सनल लोन या अन्य क्रेडिट फैसिलिटी पाना आसान हो सकता है।इन बातों का जरूर रखें ध्यानहोम लोन बैलेंस ट्रांसफर के कई फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। आपको आखिरी फैसला लेने से पहले नुकसान वाले पहलू पर भी गौर कर लेना चाहिए। अतिरिक्त खर्च: प्रोसेसिंग फीस, स्टाम्प ड्यूटी, टेक्निकल और लीगल चार्जेस ट्रांसफर को महंगा बना सकते हैं। कम अवधि में कम फायदा: अगर लोन की अधिकांश किस्तें पहले ही भर दी गई हैं, तो बचत बहुत कम होती है। दस्तावेजी झंझट: नए बैंक के साथ पूरा केवाईसी, वैल्यूएशन और अन्य कागजी प्रक्रिया समय लेने वाली होती है। क्रेडिट स्कोर पर असर: बार-बार ट्रांसफर या कोई गलती, क्रेडिट प्रोफाइल को नुकसान पहुंचा सकती है। नई शर्तें सख्त हो सकती हैं: नया लोनदाता पहले से अधिक स्ट्रिक्ट नियम या चार्जेज लगा सकता है। अगर इन फैक्टर के बावजूद आपको ब्याज और EMI में बचत हो रही है, तो होम लोन बैलेंस ट्रांफर का फैसला समझदारी भरा साबित हो सकता है। अगर आपको कोई उलझन हो रही है, तो आप फाइनेंशियल एडवाइजर की भी सलाह ले सकते हैं।यह भी पढ़ें : Home Loan: 6.6% तक आ जाएगी होम लोन की ब्याज दर? कब और कैसे मिलेगा लाभ?