Honey Trap Case: कर्नाटक के 48 विधायक ‘हनी ट्रैप’ के हुए शिकार, मंत्री को भी फंसाने की कोशिश, जांच के दिए आदेश – karnataka honey trap case 48 mlas honey trapped attempt to trap minister too cooperation probe ordered
Karnataka MLAs Honey Trap Case: कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने गुरुवार (20 मार्च) को दावा किया कि राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री पर ‘हनी ट्रैप’ (मोहपाश में फंसाना) के दो असफल प्रयास किए गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा कई विधायकों और मंत्रियों ने आरोप लगाया कि राज्य में कम से कम 48 MLAs को कथित तौर पर Honey Trap में फंसाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मामले की पुलिस जांच की मांग की। जारकीहोली ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा कि एक मंत्री पर हनी ट्रैप के दो बार प्रयास हुए, लेकिन ये सफल नहीं हुए। यह कर्नाटक में हनी ट्रैप की पहली घटना नहीं है।घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की चाल नहीं चलनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी स्थितियों का फायदा उठाते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने संबंधित मंत्री से शिकायत दर्ज कराने को कहा है। उसके बाद ही पुलिस कार्रवाई कर सकती है और जांच शुरू कर सकती है।”वहीं, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने दावा किया कि राज्य के 48 विधायकों को हनीट्रैप में फंसाया गया है। उन्होंने माना कि उन्हें भी फंसाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने राज्य पुलिस से मामले की जांच की मांग की है।संबंधित खबरेंराजन्ना की यह टिप्पणी बीजेपी विधायक बसंगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा सदन में लगाए गए आरोप के बाद आई है। उन्होंने आरोप लगाया था कि कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बनने की चाह में विधायकों को हनीट्रैप में फंसाने में शामिल है। जवाब में मंत्री ने कहा कि कई लोगों के अनुसार “कर्नाटक सीडी और पेन ड्राइव की फैक्टरी बन गया है।”जांच के आदेशइस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि वह राज्य में हनी ट्रैप के मामलों की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी प्रवृत्तियों को समाप्त करने की आवश्यकता है। गृह मंत्री ने विधानसभा में कहा, “अगर हमें अपने सदस्यों की गरिमा बचानी है तो हमें ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी होगी। यह एक गंभीर मुद्दा है।”न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ के मुताबिक उन्होंने कहा, “मैं इस मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दूंगा।” जारकीहोली ने इस बात पर जोर दिया कि इसके लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम मुख्यमंत्री (सिद्धारमैया) से बात करेंगे। इस बारे में गृह मंत्री (परमेश्वर) से भी चर्चा कर चुके हैं। अगर कोई शिकायत है तो इससे जांच में मदद मिलेगी।”‘हनी ट्रैप’ के खिलाफ गैर-पक्षपातपूर्ण लड़ाई की आवश्यकता पर बल देते हुए जारकीहोली ने कहा कि सभी दलों के नेता इसके शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा, “पहले की सरकारों में भी हनी ट्रैप के शिकार हुए थे, कुछ नाम सुने गए थे, अब हमारे लोगों (कांग्रेस) के नाम सुने गए हैं, यदि भविष्य में भी ऐसा हो तो आश्चर्य नहीं होगा। यह बंद होना चाहिए।”डिप्टी सीएम का आया बयानराज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी मामले में पुलिस शिकायत की मांग का समर्थन किया। उन्होंने मीडिया से कहा कि पहले पुलिस थाने में शिकायत दी जाए, फिर उसकी जांच की जाएगी। BJP विधायक ने बुधवार को विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था। राज्य की कांग्रेस सरकार पर हनी-ट्रैप फैक्टरीचलाने का आरोप लगाया था और गृह विभाग से कार्रवाई की मांग की थी।ये भी पढे़ं- Viral Video: ट्रेन की छत पर बैठकर बंदर ने किया 180 km सफर, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का वीडियो हुआ वायरल