अपने लिए कैसे बनाए इमरजेंसी फंड, यहां जानिये बड़ा फंड खड़ा करने का तरीका – how to make emergency fund step by step method to create funds
अचानक आने वाली मुश्किलें किसी के जीवन की सच्चाई होती हैं। कई बार जीवन में ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जिनका कोई अंदाजा नहीं होता—जैसे नौकरी छूटना, गंभीर बीमारी का खर्च या गाड़ी की सर्विस। ऐसे समय में आर्थिक मदद के लिए इमरजेंसी फंड यानी इमरजेंसी फंड होना बेहद जरूरी है। यह फंड जीवन की अनिश्चितताओं में आपकी आर्थिक सुरक्षा की ढाल बन सकता है।इमरजेंसी फंड एक ऐसा पैसा होता है जो केवल इमरजेंसी परिस्थितियों के लिए बचाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य ऐसी स्थिति में आपकी मदद करना होता है जब आपकी आमदनी अचानक बंद हो जाए या खर्च बहुत बढ़ जाए। एक्सपर्ट की मानें तो हर व्यक्ति को कम से कम 3 से 6 महीने के रोजमर्रा खर्च के बराबर अमाउंट अपने इमरजेंसी फंड में जरूर रखनी चाहिए।इमरजेंसी फंड बनाने के लिए सबसे पहले बजट तैयार करें। अपनी आमदनी और खर्चों का हिसाब करें और देखें कि कहां से कुछ पैसे बचाए जा सकते हैं। फिर उसी हिसाब से हर महीने कुछ अमाउंट इमरजेंसी फंड में डालना शुरू करें। आप चाहें तो अपनी सैलरी से एक तय अमाउंट हर महीने ऑटोमैटिक ट्रांसफर कर सकते हैं ताकि यह नियमित रूप से जमा होती रहे।संबंधित खबरेंअगर आपको बोनस या टैक्स रिफंड जैसे अचानक मिलने वाले पैसे मिलें, तो उन्हें भी इमरजेंसी फंड में जोड़ें। जब तक आपके ऊपर क्रेडिट कार्ड या हाई-इंटरेस्ट लोन जैसे कर्ज हैं, उन्हें पहले चुकाना जरूरी है। उसके बाद बचे हुए पैसे को इमरजेंसी फंड में लगाएं।इस फंड को किसी हाई-यील्ड सेविंग अकाउंट या मनी मार्केट अकाउंट में रखें ताकि पैसे सुरक्षित रहें और जरूरत पड़ने पर तुरंत निकाले जा सकें। ध्यान रखें कि इस फंड का इस्तेमाल केवल असली इमरजेंसी में करें—जैसे मेडिकल खर्च, नौकरी छूटना या घर की जरूरी मरम्मत।इमरजेंसी फंड को समय-समय पर चेक करते रहें और अगर कभी उपयोग करना पड़े, तो उसे जल्दी से जल्दी दोबारा भरें। इस फंड को शेयर बाजार जैसी जोखिम भरी जगहों पर निवेश न करें। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों को भी इसके बारे में जरूर बताएं ताकि जरूरत पड़ने पर वो इसका सही इस्तेमाल कर सकें।