महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे, अजित पवार का ‘घुट रहा दम, कांग्रेस से मिला सकते हैं हाथ’! महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल – eknath shinde and ajit pawar feeling suffocated in mahayuti government may join hands with congress maharashtra politics
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने यह कहकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ मिला सकते हैं। शिंदे शिवसेना और पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख है। उन्होंने दावा किया कि वे भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में “घुटन महसूस कर रहे हैं”। पटोले ने दावा किया कि अगर शिंदे और अजित विपक्षी खेमे में चले जाते हैं, तो उन्हें “रोटेशनल आधार” पर सीएम की कुर्सी भी मिल सकती है।महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) के पूर्व अध्यक्ष पटोले ने शुक्रवार को कहा, “अजित पवार और एकनाथ शिंदे की स्थिति सत्तारूढ़ गठबंधन और सरकार में ठीक नहीं है। वे घुटन महसूस कर रहे हैं… हम उन्हें अपना समर्थन देंगे। उनके (अजित और शिंदे) बीच सीएम पद के मुद्दे को सुलझाने के लिए, हम उन्हें बारी-बारी से सीएम पद देंगे और दोनों को सीएम बनाएंगे। BJP उनमें से किसी को भी कभी सीएम नहीं बनाएगी।”Indian Express के मुताबिक, पटोले का यह बयान शिंदे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मतभेद की अटकलों के बीच आया है। पिछले कुछ हफ्तों से चर्चा है कि फडणवीस उन प्रोजेक्ट और स्कीम को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें पिछली महायुति सरकार में शिंदे ने सीएम रहते हुए शुरू किया था।संबंधित खबरेंबताया जाता है कि शिंदे नासिक और रायगढ़ जिलों के लिए संरक्षक मंत्रियों के चयन को लेकर महायुति के भीतर विवाद से भी नाराज हैं।शिंदे ने दिया काउंटर ऑफरपटोले के इस बयान के तुरंत बाद शिंदे और BJP के चंद्रशेखर बावनकुले सहित महायुति नेताओं ने उन पर निशाना साधते हुए उन्हें सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने का “काउंटर ऑफर” दिया।दूसरी ओर, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के संजय राउत ने पटोले के रुख का समर्थन किया। वडेट्टीवार ने शिंदे की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजनीति में कोई भी व्यक्ति हमेशा के लिए दोस्त या दुश्मन नहीं होता।उन्होंने कहा, “शिंदे में बहुत क्षमता है। इसलिए वह उद्धव सेना को (2022 में) विभाजित कर सकते हैं और अपनी पार्टी बना सकते हैं, लेकिन जिस तरह से उन्हें सरकार में दरकिनार किया जा रहा है और निशाना बनाया जा रहा है, उससे लगता है कि शिंदे परेशान और नाराज हैं… इसलिए, भविष्य में कुछ हो सकता है। राजनीति में कोई भी हमेशा के लिए दोस्त या दुश्मन नहीं होता। जब किसी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है, तो वह कोई भी निर्णय ले सकता है।”संजय राउत ने यह भी कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।राउत ने कहा, “क्या किसी ने सोचा था कि 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार बनेगी? क्या किसी ने सोचा था कि उसके बाद एक असंवैधानिक सरकार आएगी? क्या किसी ने सपने में भी सोचा था कि उसके बाद (2024 में) देवेंद्र फडणवीस की सरकार फिर से (सत्ता में) आएगी? राजनीति में सभी संभावनाएं हैं।”उन्होंने कहा कि पटोले की टिप्पणी महायुति सरकार में “पर्दे के पीछे” जो कुछ हो रहा है, उसकी एक तस्वीर पेश करता है।कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे शिंदे!राउत ने दावा किया, “(सत्तारूढ़ गठबंधन दलों के बीच) खींचतान अचानक खुलकर सामने आ गई है। नाना पटोले ने बहुत पहले ही घंटी बजा दी थी। उन्हें थोड़ा इंतजार करना चाहिए था। महाराष्ट्र की राजनीति करीब एक साल में बदलने वाली है।”राउत ने बाद में यह भी दावा किया कि शिंदे पहले भी कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान इस संबंध में और ज्यादा खुलासा कर सकते हैं और शिंदे ने इस बारे में चर्चा करने के लिए दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेता दिवंगत अहमद पटेल से भी मुलाकात की थी।विधान परिषद में विपक्ष के नेता और शिवसेना यूबीटी नेता अंबादास दानवे ने भी यही बात दोहराते हुए दावा किया कि शिंदे के कांग्रेस में शामिल होने के बारे में “निश्चित रूप से चर्चा चल रही है।”Malhar Certificate: महाराष्ट्र में हिंदुओं की मटन शॉप के लिए मंत्री ने जारी किया ‘मल्हार सर्टिफिकेशन’ बोले- नहीं होगी मिलावट