ट्रेंडिंग
MSSC: आज बंद हो रही है महिलाओं के लिए बनाई सरकारी योजना, सरकार ने नहीं बढ़ाई स्कीम की डेडलाइन - mahi... Stocks to Watch: 1 अप्रैल को IREDA, Vedanta, Suzlon समेत इन शेयरों पर रखें नजर, दिख सकती है बड़ी हलच... 1 April 2025: महंगी हो सकती है CNG और PNG, यहां जानें कारण, ग्राहकों की जेब होगी खाली - government i... पंजाब एंड सिंध बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को दिया झटका! FD पर इतना घटा दिया ब्याज - punjab and si... Indian Bank ने अपने करोड़ों ग्राहकों को दिया तोहफा, स्पेशल FD में बढ़ाया निवेश का समय - indian bank ... MI vs KKR Live Score IPL 2025: हार्दिक पांड्या की टीम को पहली जीत की तलाश, केकेआर से होगा मुकाबला - ... Gold Price Crash: सोना होगा सस्ता! 38% गिर सकता है भाव, जानिए क्या है वजह - gold price crash will go... IPL 2025 : तीन मैच में मिली दो हार...अब बीच सीजन में बदलेगा इस टीम का कप्तान! आई बड़ी जानकारी - ipl ... पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट पर मिलती है अतिरिक्त टैक्स छूट, ऐसे उठा सकते हैं फायदा - post office savi... Market Outlook: वैल्यूएशन, अर्निंग्स पर करें फोकस, बाजार में कुछ ही महीनों में फिर दिखेगी एफआईआई की ...

इस बाजार में क्या Nifty से ज्यादा रिटर्न देने वाला पोर्टफोलियो बनाया जा सकता है? – stock markets is it possible to make a portfolio that can deliver better return than nifty

4

इस बात को लेकर बहस जारी है कि यह बुल मार्केट है या बेयर मार्केट है। इस सवाल का जवाब मार्केट से जुड़े डेटा के एनालिसिस से मिल जाएगा। लेकिन, इनवेस्टर्स के लिए ज्यादा जरूरी यह है कि क्या हालिया गिरावट के बाद उनके पास ऐसे अट्रैक्टिव वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स का मौका है, जिनसे शानदार पोर्टफोलियो बनाया जा सकता है। इनवेस्टमेंट का सामान्य सिद्धांत यह है कि कम कीमत पर शेयरों को खरीदा जाए और ज्यादा कीमत पर उन्हें बेचा जाए। इससे निवेश पर मुनाफा बढ़ जाता है।बुल मार्केट और बेयर मार्केट का मतलब क्या है?अगर बुल मार्केट (Bull Market) की परिभाषा की बात करें तो लगातार तेजी के बाद जब शेयरों की कीमतें 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाती हैं तो उस मार्केट को बुल मार्केट कहा जाता है। शेयरों की कीमतों में इस उछाल के साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ना भी जरूरी है। साथ ही इकोनॉमिक ग्रोथ अच्छी होनी चाहिए। इसके उलट जब लगातार कमजोरी के बाद शेयरों की कीमतें 20 फीसदी से ज्यादा गिर जाती हैं तो उस मार्केट को बेयर मार्केट (Bear Market) कहते हैं। इसके साथ ही बेयर मार्केट में बाजार में निराशा का माहौल, इकोनॉमी के लिए बड़ी चुनौतियां और ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट देखने को मिलती है।सितंबर के आखिर से निफ्टी 20 फीसदी गिरा है?सितंबर 2024 के अंत में इंडियन मार्केट में गिरावट की शुरुआत हुई थी। तब से लेकर 6 मार्च के बीच Nifty 50 करीब 15 फीसदी गिरा था। उसके बाद से निफ्टी में तेजी देखने को मिली है, जिससे गिरावट थोड़ी कम हुई है। तब से 21 मार्च के बीच निफ्टी 50 करीब 6 फीसदी चढ़ा है। इस तरह डेटा के एनालिसिस से पता चलता है कि अभी के मार्केट को न तो बेयर मार्केट और न ही बुल मार्केट कहा जा सकता है। यह सिर्फ बुल मार्केट के बीच आने वाला करेक्शन है।इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर क्या कोई चिंता है?इनवेस्टर्स को मार्केट के चढ़ने-उतरने से ज्यादा इकोनॉमी की ग्रोथ पर फोकस करना चाहिए। अगर बड़ी इकोनॉमी वाले देशों की बात की जाए तो इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ दुनिया में सबसे तेज है। अभी इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर निवेशकों को किसी तरह की चिंता नहीं है। इंडियन इकोनॉमी की जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि बेयर मार्केट का कोई संकेत अभी मार्केट में नहीं दिख रहा है।क्या कहते हैं पीई रेशियो से जु़ड़े डेटा?अब हम प्राइस-अर्निंग्स (PE) रेशियो को भी देख लेते हैं। अभी Nifty 50 का पीई 20.8 चल रहा है। इसे न तो अधिक और न ही कम कहा जा सकता है। अगर पिछले 5 सालों की बात की जाए तो दो बार निफ्टी का पीई इस लेवल के करीब रहा है। पहली बार यह जून 2022 में इस लेवल के करीब था, जबकि दूसरी बार मार्ट 2020 में इस लेवल के करीब था, जब कोविड की शुरुआत दुनिया में हुई थी। अगर बीते 10 सालों की बात की जाए तो ऐसा सिर्फ एक बार हुआ है। ऐसा फरवरी 2026 में हुआ था। इससे पता चलता है कि निफ्टी का पीई 10 साल के निचले स्तर के करीब है।यह भी पढ़ें: Ramesh Damani ने हालिया बिकवाली को बुलरन के बीच का करेक्शन बताया, कहा-यह निवेशकों के लिए खरीदारी का मौकाक्या निफ्टी से ज्यादा रिटर्न वाला पोर्टफोलियो बन सकता है?क्या इस बाजार में एक बैलेंस और डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो बनाया जा सकता है? इसका जवाब हां है। 11-13 पीई रेशियो वाले 25 कंपनियों के स्टॉक्स से ऐसा पोर्टफोलियो बनाना मुमकिन है। पोर्टफोलियो में 35 फीसदी लार्जकैप, 24 फीसदी मिडकैप और 41 फीसदी स्मॉलकैप हो सकते हैं। 11-13 पीई रेशियो वाले करीब 20 लार्जकैप स्टॉक्स से भी पोर्टफोलियो बनाया जा सकता है। इसी तरह 13-15 पीई रेशियो वाले मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स का पोर्टफोलियो भी बनाया जा सकता है। ऐसा पोर्टफोलियो निफ्टी के मुकाबले काफी अच्छा रिटर्न दे सकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.