Income Tax: इनकम टैक्स की नई रीजीम में ऐसे घट सकता है आपका टैक्स – income tax you can minimize your tax liabilities in income tax new regime know how
नौकरी करने वाले लोगों को अपने टैक्स-सेविंग्स प्लान के बार में अपने एंप्लॉयर को बताना पड़ता है। उन्हें यह भी बताना पड़ता है कि नए फाइनेंशियल ईयर में वे इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। यह इसलिए काफी अहम हो गया है कि इस साल 1 फरवरी को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की नई रीजीम में टैक्सपेयर्स के लिए जिस राहत का ऐलान किया था, वह 1 अप्रैल से लागू हो गया है।नई रीजीम में बड़े बदलाव 1 अप्रैल से लागूवित्तमंत्री ने कहा था कि अगर सालाना इनकम 12 लाख रुपये तक है तो टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यह राहत इनकम टैक्स की नई रीजीम के लिए थी। उन्होंने नई रीजीम के टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया था। अब नई रीजीम में 30 फीसदी टैक्स सिर्फ ऐसे टैक्सपेयर्स को देना होगा, जिनकी इनकम सालाना 24 लाख रुपये से ज्यादा होगी। इस साल बजट में किए गए ऐलान के बाद इनकम टैक्स की नई रीजीम का अट्रैक्शन बढ़ गया है।संबंधित खबरेंनई रीजीम के तीन बड़े फायदेंनई रीजीम का सबसे बड़ा फायदा ज्यादा स्टैंडर्ड डिडक्शन है। हालांकि, यह ध्यान में रखना होगा कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नौकरी करने वाले लोगों को मिलता है। अगर आप प्रोफेशनल, सेल्फ-एंप्लॉयड या बिजनेसमैन हैं तो इसका फायदा आपको नहीं मिलेगा। दूसरा फायदा यह है कि इस रीजीम में 12 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना है। तीसरा फायदा इसका आसान टैक्स स्ट्रक्चर यानी स्लैब्स है। अगर किसी व्यक्ति की बेसिक सैलरी 12.75 लाख रुपये है तो वह नई रीजीम में 1,87,200 रुपये की टैक्स-सेविंग्स कर सकता है। इसे हम नीचे दिए गए टेबल से समझ सकते हैं।नई रीजीम में डिडक्शन का फायदा नहींओल्ड रीजीम की खास बात यह है कि इसमें डिडक्शन का फायदा मिलता है। टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। सेक्शन 24बी के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर डिडक्श क्लेम किया जा सकता है। हाउस रेंट अलाउन्स (HRA) क्लेम किया जा सकता है। अगर सभी तरह के डिडक्शन को मिलाकर कोई टैक्सपेयर्स 8 लाख रुपये तक का डिडकशन क्लेम करता है तभी उसके लिए ओल्ड रीजीम फायदेमंद हो सकती है।इन सेक्शन में मिलता है डिडक्शनओल्ड रीजीम में सेक्शन 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट कर डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन मिलता है। 60 साल से कम उम्र का व्यक्ति खुद और अपने परिवार के लिए हेल्थ पॉलिसी खरीदकर उसके प्रीमियम पर सालाना 25,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकता है। अगर व्यक्ति की उम्र 60 साल या इससे ज्यादा है तो वह प्रीमियम पर 50,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकता है। वह अपने बुजुर्ग मातापिता के लिए भी हेल्थ पॉलिसी खरीदकर सालाना 50,000 रुपये का डिडक्शन क्लेम कर सकता है।इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम इनकम ओल्ड रीजीम इनकम नई रीजीम 0 से 2.5 लाख रुपये 0% 0 से 4 लाख रुपये 0% 2.5 लाख से 5 लाख रुपये 5% 4 लाख से 8 लाख रुपये 5% 5 लाख से 10 लाख रुपये 20% 8 लाख से 12 लाख रुपये 10% 10 लाख रुपये से ज्यादा 30% 12 लाख से 16 लाख रुपये 15% 16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये 20% 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये 25% 24 लाख रुपये से ज्यादा 30%